हुंडई मोटर ग्रुप ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के साथ साझेदारी कर बैटरी और इलेक्ट्रिफिकेशन के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की पहल की है। इस सहयोग में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी मद्रास शामिल हैं, जो भारतीय बाजार की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान(रिसर्च) करेंगे।
इस साझेदारी के तहत आईआईटी दिल्ली में हुंडई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) की स्थापना की जाएगी, जिसे हुंडई मोटर ग्रुप द्वारा प्रायोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य बैटरी तकनीक और इलेक्ट्रिफिकेशन में अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाना है, जो भारत के टिकाऊ परिवहन लक्ष्यों के अनुरूप है।
आईआईटी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में हुंडई और आईआईटी के प्रतिनिधियों ने इस CoE के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी, आईआईटी बॉम्बे के डीन सचिन सी. पटवर्धन और आईआईटी मद्रास के डीन मनु संथानम उपस्थित थे।
हुंडई मोटर ग्रुप इस सहयोग के तहत 2025 से शुरू होकर पांच वर्षों में लगभग 7 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा। प्रारंभ में यह अनुसंधान बैटरी तकनीक और इलेक्ट्रिफिकेशन पर केंद्रित होगा और भविष्य में सॉफ्टवेयर और हाइड्रोजन फ्यूल सेल जैसे क्षेत्रों तक विस्तारित होगा।
यह पहल भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) इकोसिस्टम को मजबूत करने के हुंडई के व्यापक लक्ष्य के साथ मेल खाती है। इसके तहत आईआईटी दिल्ली के सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्रिबोलॉजी (CART) के साथ भी सहयोग किया जाएगा, जो ईवी अनुसंधान में विशेषज्ञता रखता है।
अनुसंधान के अलावा, हुंडई CoE अकादमिक और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देगा। इसमें तकनीकी और मानव संसाधन आदान-प्रदान, हुंडई विशेषज्ञों द्वारा विशेष व्याख्यान, और आईआईटी के छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए कोरियाई प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य प्रतिभा का विकास करना और दीर्घकालिक रोजगार के अवसर प्रदान करना है।