फॉरेस्टर रिसर्च के नए अध्ययन के अनुसार, 2021 तक एशिया में ऑनलाइन रिटेल बिक्री कुल रिटेल बिक्री का करीब पांचवां हिस्सा बन जाएगा जिसमें 78 प्रतिशत मोबाइल के माध्यम से बिक्री होगी। अध्ययन दिखाते है कि मोबाइल माध्यम से किए गए ऑनलाइन रिटेल का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट 15.6 प्रतिशत बढ़ेगा। 2016 के 539 बिलियन डॉलर के आंकडे से यह बढ़कर 2020 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। अरूण प्रताप सिंह, संस्थापक, डायल4ट्रेड.कॉम (Dail4Trade.com) ने अपनी कुशलता के आधार पर ई-कॉमर्स व्यवसाय को चलाते समय आने वाली बड़ी चुनौतियों और इन समस्याओं को कम करने के सुधार कार्यों पर आधारित जानकारी कुछ इस प्रकार साझा की हैं।
बिक्री के लिए सही प्रोडक्ट ढूंढना
हर प्रोडक्ट के लिए ऑनलाइन उपभोक्ता नहीं होते हैं। कुछ प्रोडक्ट के लिए ग्राहक बनाना बहुत मुश्किल कार्य होता है। इस समस्या से निपटने के लिए हम प्रोडक्ट के आधार पर उपभोक्ता की सूची तैयार करते हैं और उनकी जरूरत या आवश्यकता के बारें मेल/एसएमएस/फोन के माध्यम से पूछते हैं।
सही ग्राहक को सोशल मीडिया से करें आकर्षित
ऑनलाइन ग्राहक, प्रोडक्ट और कंपनी की समीक्षा के बारें में सोशल मीडिया से जानकारी प्राप्त करते हैं। वे सोशल मीडिया से सिफारिशों के बारें में पूछते हैं। इसलिए, इंटरनेट के माध्यम से सही ग्राहक को आकर्षित करना मुश्किल काम हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए हम सप्लायर से ग्राहकों की सिफारिशों को प्राप्त करते हैं, जो सप्लायर को सीमित करने में मदद करता हैं।
पहचानिए सही या योग्य ट्रैफिक
सही या योग्य ट्रैफिक को पहचानना बहुत कठिन है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी वेबसाइट केवल थोक में बिक्री कर रही है तो आपको उन ग्राहकों की आवश्यकता है जो थोक में खरीदारी करना चाहते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हम सोशल मीडिया/गूगल और ईमेल के माध्यम से सबसे योग्य कैम्पेन बनाने का प्रयास करते है। साथ ही, पिछले ट्रैफिक आंकडों की प्रयोग कर अपनी सटीकता या प्रासंगिकता में सुधार करें।
खरीदारों को भुगतान करने वाले ग्राहकों में बदलें
थोक खरीदारी में खरीदार पहले से ही सप्लायर से जुड़े हुए होते हैं। इसलिए ये बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य होता है अपने खरीदार को भुगताने करने वाले ग्राहक में बदलना। इस चुनौती से निपटने के लिए हम ऑनलाइन सौदेबाज़ी (नैगोशिएशन) चैट मॉडल की सुविधा देने की कोशिश करते हैं।जहां पर खरीदार और सप्लायर एक सामान्य मंच पर एक दूसरे से सौदेबाज़ी कर सकते हैं और एक-दूसरे की जरूरत को समझ सकते हैं।