भारी उद्योग मंत्रालय ने 13 मार्च, 2024 को एक नई योजना शुरू की है, जिसका नाम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोत्साहन योजना (ईएमपीएस) 2024 है। इसका उद्देश्य देश में पर्यावरण के अनुकूल यात्रा और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देना है।
इस योजना की अवधि 4 महीने है, जो 1 अप्रैल, 2024 से शुरू हुई है और 31 जुलाई, 2024 तक चलेगी। इसके लिए कुल 500 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। 1 अप्रैल, 2024 से 31 जुलाई, 2024 तक के लिए योजना का बजट इस तरह से निर्धारित किया गया है: फंड कैसे वितरित किया जाएगा।किस प्रकार के वाहनों को सपोर्ट मिलेगा और उनकी अधिकतम संख्या क्या होगी। इस विवरण में बताया गया है कि इस अवधि में कितने पैसे मिलेंगे और कितने वाहनों को सपोर्ट दिया जाएगा।
भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों और ई-रिक्शा सहित 3,72,215 ईवी का लक्ष्य रखा है। यह योजना ग्रीन मोबिलिटी और ईवी मैन्युफैक्चीग को बढ़ावा देती है। इसमें मांग पर प्रोत्साहन और श्रेणी के हिसाब से सीमाएँ तय की गई हैं। यह योजना 31 जुलाई 2024 तक बेचे और पंजीकृत किए गए L5 वाहनों का सपोर्ट करती है।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) देश में ग्रीन मोबिलिटी और ईवी मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास को और गति प्रदान करेगी। भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा साझा किये गए आंकड़ों के अनुसार, योजना के तहत अधिकतम 3,72,215 इलेक्ट्रिक वाहनों को सपोर्ट मिलेगा, जिसमें 3,33,387 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, 13,590 ई-रिक्शा या ई-कार्ट्स और L5 श्रेणी के 25,238 इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन शामिल हैं।
ईएमपीएस 2024 का फंड सीमित है और इसमें वाहनों की एक निश्चित संख्या को ही सपोर्ट किया जाएगा। योजना 31 जुलाई, 2024 तक चलेगी या जब तक फंड खत्म नहीं हो जाता, जो भी पहले होगा। मांग प्रोत्साहन के लिए सब्सिडी केवल तब तक दी जाएगी जब तक पैसे उपलब्ध हैं या वाहनों की निर्धारित संख्या पूरी नहीं हो जाती। ईवी को इस योजना के तहत सब्सिडी पाने के लिए योजना के अंतर्गत प्रमाणपत्र की वैधता अवधि के भीतर बनाया और पंजीकृत किया जाना चाहिए।
मांग प्रोत्साहन के तहत कुल 493.55 करोड़ रुपये तक की राशि निर्धारित की गई है। अगर 31 जुलाई, 2024 से पहले ये पैसे समाप्त हो जाता हैं, तो योजना बंद हो जाएगी और इसके तहत आगे कोई भी दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा। जो लोग पहले आवेदन करेंगे, उन्हें पहले सपोर्ट मिलेगा।