व्यवसाय विचार

ईवी को अपनाने से घटेगा कार्बन उत्सर्जन, सुधरेगी इकॉनमी : डीपीआईआईटी सचिव

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jan 22, 2024 - 2 min read
ईवी को अपनाने से घटेगा कार्बन उत्सर्जन, सुधरेगी इकॉनमी : डीपीआईआईटी सचिव image
डीपीआईआईटी के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी देना सतत विकास के प्रति देश के समर्पण को रेखांकित करता है।

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का विकास और अपनाना भारत के निम्न-कार्बन उत्सर्जन की कमी अर्थव्यवस्था में परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।  वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दृष्टि में एक प्रमुख परिवर्तन शामिल है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है, जिसे कर इनसेंटिव्स, उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाएं, और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की अनिवार्य प्रावधान से समर्थित किया जा रहा है।

सिंह ने कहा सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी देना सतत विकास के प्रति देश के समर्पण को रेखांकित करता है। विकसित भारत@2047 का उद्देश्य आजादी के 100वें वर्ष यानी 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। यह दृष्टिकोण आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलुओं को शामिल करता है। सिंह ने कहा कि उन्होंने दावोस में हाल ही में संपन्न विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक में 'भविष्य के औद्योगिक इकोसिस्टम के वित्तपोषण पर एक सत्र में इन बातों पर चर्चा की। सत्र का एजेंडा इस बात पर चर्चा करना था कि सार्वजनिक और निजी संस्थान कैसे वित्तपोषण प्रदान कर सकते हैं जिससे साझा इन्फ्रास्ट्रक्चर और इनोवेटिव कार्बन उत्सर्जन परियोजनाओं के निर्माण में क्लस्टर साझेदारी मॉडल को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि बैठक में पीएम गति शक्ति कार्यक्रम और यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म जैसे प्रमुख सुधारों को प्रदर्शित किया गया, जो सतत विकास और मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भारत के समर्पण को उजागर करता है।

भारत में तेजी से बढ़ता ईवी बाजार वैश्विक प्रमुख का ध्यान खींच रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में 2030 तक वार्षिक बिक्री एक  करोड़ यूनिट तक बढ़ने और पांच करोड़ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्तपन्न होने की उम्मीद है। उद्योग के अनुमान के अनुसार 2022 में भारत में कुल ईवी बिक्री लगभग दस लाख यूनिट रही। ईवी की बढ़ती मांग के कारण, भारत सरकार इन कारों के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। सरकार ने 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज के लिए पीएलआई योजनाएं, ऑटो-कंपोनेंट्स और ड्रोन उद्योगों के लिए 26,058 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना शुरू की है।

 

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