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- ईवी को मिला बढ़ावा, दो करोड़ लीटर से भी ज्यादा पेट्रोल-डीजल की हुई बचत
भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनी कई योजनाओं के माध्यम से जिस तरह बढ़ावा दिया है, उसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं। सरकार के इस समर्थन से कार्बन उत्सर्जन को घटाने में महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है। सरकारी आंकड़ों का कहना है कि ईवी सेक्टर को फेम-2 के माध्यम से दी गई मदद के कारण 2,60,41,426 लीटर पेट्रोल-डीजल की बचत हुई है।
फेम-2 योजना के अंतर्गत, लगभग 10,16,598 इलेक्ट्रिक वाहनों को करीब 4,807 करोड़ रुपये की मांग प्रोत्साहन के माध्यम से समर्थन दिया गया है। सरकार का कहना है कि समय के साथ ये आंकड़े बढ़ते रहेंगे।
ईवी की बिक्री जहां 2014 में नहीं के बराबर थी। वहीं अब कुल वाहन बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। केंद्र सरकार वर्ष 2030 तक यह हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत पर पहुंचाना चाह रही है। ये उपलब्धियां स्थायी विकास के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में इसके सक्रिय दृष्टिकोण को दिखाती हैं। मंत्रालय स्थायी विकास, स्वच्छता (स्वच्छता) और कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रण करने से संबंधित कई पहल सक्रिय रूप से कर रहा है।
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन को मिलने वाली सब्सिडी को घटाने का फैसला किया था, जिसके बाद फेम इंडिया योजना (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल इन इंडिया) को 1 जून 2023 से लागू किया गया। फेम इंडिया योजना को दो चरणों में बांटा गया है।
पहला फेम 2015 में शुरू हुआ और 31 मार्च, 2019 तक चालू रहा। दूसरा फेम अप्रैल 2019 में शुरू हुआ और 31 मार्च, 2022 तक जारी रहा। हाल ही में केंद्र सरकार ने फेम2 को 31 मार्च, 2024 तक आगे बढ़ाया है।
फेम-1 योजना क्या है
योजना के पहले चरण के दौरान चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है, इनमें मांग बढ़ाना , टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म, पायलट प्रोजेक्ट और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है। इस फेज में केंद्र सरकार ने 427 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये। सरकार ने पहले चरण के खर्चों को कवर करने के लिए 895 करोड़ रूपये आवंटित किए, जहां लगभग 2.8 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को मदद देने के लिए लगभग 359 करोड़ रुपये प्रदान किए गए।
फेम-2 योजना क्या है
फेम इंडिया योजना के दूसरे फेज में सरकार का ध्यान सार्वजनिक और परिवहन के विद्युतीकरण पर है। सरकार ने इस फेज के लिए 10,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया। यह योजना विभिन्न श्रेणियों के वाहनों, जैसे इलेक्ट्रिक दोपहिया, इलेक्ट्रिक चार पहिया, हाइब्रिड चार पहिया, ई-रिक्शा और ई-बसों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है। इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय की ओर से फेम स्कीम पेश की गई थी। सरकार को इस स्कीम से काफी उम्मीदें थीं। देश में इलेक्ट्रिक वाहन के चलन को बढ़ावा देने में फेम स्कीम का काफी बड़ा योगदान है इसलिए सरकार ने योजना का दूसरा फेज यानी फेम 2 योजना भी पेश किया।
फेम-2 योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन पर 50 प्रतिशत से ज्यादा प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। यह प्रोत्साहन राशि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन के निर्माण पर दी जाती है। केंद्र सरकार दो पहिया वाहनों के लिए नए प्रोत्साहनों के रूप में 15 हजार रूपये प्रति किलोवाट या वाहन के बैटरी क्षमता लागत को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी के तौर पर देती है। फेम-2 योजना के तहत न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों की ओर से भी लाभ प्रदान किया जा रहा है।