व्यवसाय विचार

ईवी में हो रहा तेजी से बदलाव, नए क्षेत्र दे रहे उद्योगों को अवसर

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Sep 08, 2023 - 8 min read
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वर्ल्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल डे दुनियाभर में मनाया जाता है ताकि ईवी के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके। नए क्षेत्र जैसे कि वाहन निर्माण, बैटरी निर्माण, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और बैटरी रिसाइक्लिंग में निवेश करने के रूप में उद्योग और व्यापारी अवसरों को अपना रहे हैं जिससे कि उनके व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा।

वर्ल्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल डे  भारत और अन्य देशों में व्यापक रूप से मनाया जाता है ताकि लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके और इसके उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके। इस दिन का महत्व इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और उनके लाभों को साझा करने में होता है। इसे  लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से हर साल 9 सितंबर को वर्ल्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल डे मनाया जाता है।

इस दिन कई आयोजन और प्रमोशनल कार्यक्रम होते हैं, जिनमें इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी, टेस्ट ड्राइव, सेमिनार्स  और जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रम शामिल होते हैं। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिसका उद्देश्य है लोगों को प्राकृतिक और साफ ऊर्जा स्रोतों के उपयोग की ओर प्रोत्साहित करना और जलवायु परिवर्तन के साथ लड़ाई में मदद करना है।

वर्ल्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल डे भारत में 2020 में पहली बार मनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रति जागरूकता बढ़ाना और यहां तक कि लोगों को इन व्हीकल को अपने दैनिक जीवन में अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन के माध्यम से दुनियाभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल के महत्व को बढ़ावा दिया जाता है साथ ही इस के प्रयोग को भी।

शेरू के सह-संस्थापक और सीईओ अंकित मित्तल ने कहा भारत में ईवी की बिक्री टिपिंग पोईंट पर है, यह पहला वर्ष है जब ईवी की बिक्री सभी बेचे गए वाहनों की तुलना में पांच प्रतिशत के आंकड़े को पार कर रही है। यह एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है, क्योंकि ब्लूमबर्ग विश्लेषण से पता चला है कि जिन देशों में ईवी के कारण नई कारों की बिक्री पांच प्रतिशत से अधिक हो गई है, वहां केवल चार वर्षों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। 'इस प्रकार भारत का ईवी सेक्टर अपने प्रारंभिक चरण को पार कर चुका है और तेजी से विकास चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार है। जब हम संतुष्टि के साथ पीछे मुड़कर देखते हैं कि क्या हासिल हुआ है, हमें आगे जो होने वाला है उसके लिए भी तैयार रहना चाहिए। यदि हम अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करते हैं और इसे अच्छी तरह से निष्पादित करते हैं, तो आने वाले वर्षों में भारत के मोबिलिटी सेक्टर में परिवर्तन देखा जाएगा। शेरू आगे से ईवी सस्टेनेबिलिटी का नेतृत्व कर रहा है।

भारत सरकार ऐसे जागरुक कर रही ईवी उद्योग को

भारत में केंद्र और राज्य सरकार लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रयोग करने के लिए जागरुक कर रही हैं साथ ही सब्सिडी दे रही है और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ा रही हैं। दिल्ली में वर्तमान में 1000 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन, 2000 से ज्यादा चार्जिंग प्याइंट और 200 से ज्यादा बैटरी स्वैपिंग स्टेशन है। हाली में दिल्ली परिवहन निगम(डीटीसी) के बेड़े में 400 नई ई बस शामिल हुई है। ऐसे बसों की कुल संख्या बढ़कर 800 हो गई है। डीटीसी की ओर से कहा गया है कि 400 नई इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े में शामिल होने से दिल्ली देश का पहला प्रदेश होगा जहां पर सबसे ज्यादा इलेक्टिक बसों का परिचालन होगा।

केंद्र सरकार ने देश में आधुनिक ऑटोमोटिव टेक्नॉलोजी से जुड़े उत्पादों ( वाहन और कलपुर्जों) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल 2022 को ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए पीएलआई योजना लांच की थी, जिसे अब 1 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। योजना के व्यापक प्रभाव से ऑटोमोटिव उद्योग की वृद्धि होगी और यह अनुमान है कि भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग 2030 तक दुनिया में तीसरे नंबर पर होगा। भारी उद्योग मंत्रालय ऑटोमोटिव उद्योग के पीएलआई-ऑटो आवेदकों को योजना के महत्वपूर्ण हितधारकों में से एक मानता है।

भारत में ऑटोमोटिव उद्योग अर्थव्यवस्था के मुख्य स्तंभों में से एक है। राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र का योगदान 1992-93 में 2.77 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 7.1 प्रतिशत हो गया है। यह 19 मिलियन (1.9 करोड़) से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने हालही में पीएलआई-ऑटो योजना की समीक्षा" के लिए एक बैठक आयोजित की थी। इसका उद्देश्य पीएलआई-ऑटो योजना के तहत ओईएम और कंपोनेंट कंपनियों के सामने आने वाली समस्याओं या कठिनाइयों का पता लगाना था। इस योजना को उद्योग जगत में आगे लाने की समस्याओं और विचारों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। भारत को मैन्युफैक्चरिंग का वैश्विक हब बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न के अनुरूप ही यह बैठक आयोजित की गई थी।

भारी उद्योग मंत्रालय ने क्लीनर मोबिलिटी को बढ़ावा देने इनोवेशन और टेक्नोलॉजी का एक इकोसिस्टम विकसित करने के लिए कई पहलें की हैं। ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (पीएलआई-ऑटो) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना दरअसल एडवांस ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (एएटी) के उत्पादों की स्पलाई चेन को चलाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।

ग्रीनसेल मोबिलिटी के सीईओ और एमडी देवेन्द्र चावला ने वर्ल्ड ईवी डे पर कहा ग्रीनसेल मोबिलिटी में हम 1000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों के अपने बेड़े के माध्यम से लोगों को सफलतापूर्वक शहरों तक पहुंचा रहे हैं और हमारे ऑपरेटिंग मार्गों पर चार्जिंग स्टेशनों का एक ठोस नेटवर्क बना रहे हैं। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की लगातार बढ़ती गति के साथ बदलने और इलेक्ट्रिक गतिशीलता को अपनाने का समय आ गया है और हम भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता पर स्विच करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तत्पर हैं।

इलेक्ट्रिक व्हीकल के बाद बैटरी रिसाइक्लिंग पर चर्चा

इलेक्ट्रिक व्हीकल के बाद चार्जिंग स्टेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम हुआ, अब बैटरी को रिसाईक्लिंग करने के विषय पर चर्चा की जा रही है और धीरे-धीरे कंपनियां इस क्षेत्र में कदम रख रही है। ईवी बैट्री की लाइफ खत्म होने के बाद लोग उसे कचरे में फैंक देते है, तो ऐसा ना हो उसके लिए केन्द्र सरकार ने कुछ निर्देश जारी किए हैं, जो कंपनी ईवी की बैट्री बेचेगी, उसी कंपनी की जिम्मेदारी बेकार बैट्री को लेने, स्टोरेज करने, ट्रांसपोर्टेशन, रिसाइक्लिंग और उसके डिस्पोजल की होगी। देश में ईवी बैट्री की रिसाइक्लिंग का बिजनेस कुछ हद तक शुरू हो गया है। रिसाइक्लिंग में बैट्री का 90 प्रतिशत हिस्सा कारगर ढंग से निकाल लिया जाता है। इस हिस्से का उपयोग बैकअप बैट्री में किया जाता है। ईवी बैट्री से निकाले गए सामान की शुद्धता 99 प्रतिशत तक होती है। इन सामानों का उपयोग नई बैट्री बनाने में हो सकता है।

लोहम के फाउंडर और सीईओ रजत वर्मा ने वर्ल्ड ईवी डे 2023 के अवसर पर ईवी इकोसिस्टम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें अच्छे स्तर पर इनोवेशन हुए हैं। हम उन उपभोक्ताओं से प्रेरित हैं जिन्होंने स्वच्छ और पर्यावरण के हित में अनिश्चितताओं को सहन करने के बावजूद तेजी से ईवी को अपनाया है। भारत आने वाले दशक में ईवी सेक्टर में टेक्नोलॉजी, स्केल और सर्कुलरिटी में सफलताओं द्वारा संचालित परिवर्तनकारी प्रभाव की आशा कर सकता है।

लोहम की गतिविधियाँ ऊर्जा देने वाले मैटीरियल की स्थायी स्पलाई का निर्माण करके परिवर्तन ला रही हैं। ईवी बैटरी और महत्वपूर्ण मैटीरियल वेस्ट अनंत मूल्य में बदलने वाले अग्रणी समाधानों द्वारा हम एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं जो अपने संसाधनों का पूरा उपयोग करता है और हमारे ग्रह के लिए जवाबदेही लेता है।

ईवी क्षेत्र में उद्योगों के लिए अवसर

इलेक्ट्रिक व्हीकल क्षेत्र भारतीय उद्योगों को कई अवसर प्रदान कर रहा है। निम्नलिखित कुछ अवसर हैं जिन्हें भारतीय उद्योग शुरू कर सकते है।

वाहन निर्माण: इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग में वृद्धि के साथ  भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग के लिए विकसित कारखानों की आवश्यकता होती है, जो इलेक्ट्रिक व्हीकल की निर्माण कर सकते हैं।

बैटरी निर्माण: बैटरी तकनीक और निर्माण में विशेषज्ञता प्रदान करने वाली कंपनियों के लिए यह अवसर है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए उच्च क्षमता वाली और लंबे समय तक चलने वाली बैटरियों की मांग है।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन की आवश्यकता है और इसके लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के लिए अवसर है। उद्योग में नवाचार और स्थापित कंपनियों के साथ साथ नए स्टार्टअप्स के लिए भी अवसर हैं, जिन्हें नई तकनीकों और सेवाओं के लिए विकसित किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स क्षेत्र में निवेश करने से न केवल पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का हिस्सा बना जा सकता है, बल्कि यह आर्थिक और रोजगार संबंधित अवसरों को भी बढ़ावा देता है।

अर्थट्रोन ईवी के संस्थापक आशीष देसवाल ने कहा 'अधिक लोगों के ईवी की ओर रुख करने के साथ 2023 में 4.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर के भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार का आकार 68 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 2030 तक 152 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। देश का लक्ष्य 2030 तक 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हासिल करना है, जिसके लिए ईवी चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रकचर के तेजी से विस्तार की आवश्यकता है। फिर भी, मोबिलिटी परिवर्तन के लिए पर्याप्त गति प्रदान करने के लिए चार्जिंग इन्फ़्रास्ट्रकचर पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, ईवी चार्जिंग उद्योग को लाभ पहुंचाने और टिकाऊ परिवहन में परिवर्तन में तेजी लाने के लिए ईवी चार्जिंग कनेक्टर के मानकीकरण की दिशा में कदम आवश्यक है।

वर्ल्ड ईवी डे पर कंपनी दिल्ली में ईवी चार्जिंग इन्फ़्रास्ट्रकचर का विस्तार करने, स्वच्छ मोबिलिटी और  इसे सभी के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए बीएसईएस यमुना के साथ साझेदारी करके टिकाऊ भविष्य की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, हाल ही में कंपनी  ने मुरथल मन्नत हवेली - जो कि हरियाणा में स्वादिष्ट भोजन के लिए स्वर्ग माना जाता है,  वहां पर चार चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए हैं। अब इलेक्ट्रिक वाहन यात्री मुरथल के व्यंजनों का आनंद लेते हुए अपनी कारों को अर्थट्रोन ईवी चार्जिंग पॉइंट से आसानी से चार्ज कर सकते हैं।

 

 

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