- Home
- Article
- व्यवसाय विचार
- उत्तर, पूर्व और पश्चिम भारत में रेडॉन लगाएगी बैटरी निर्माण संयंत्र
भारत में ईवी क्षेत्र बहुत तेजी से बड़ रहा हैं और उद्यमी भी नए अवसरों को ढूंढते हुए इस क्षेत्र में कदम रख रहे हैं। पहले इलेक्ट्रिक वाहन बने फिर उसमें लगने वाली बैटरी पर काम किया गया, ऐसे ही देखते- देखते इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां आई और फिर उद्यमियों ने इसमें अपने अवसर ढूंढे। इसी के साथ ईवी बैटरी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां इस क्षेत्र में कदम रखके ओर नए अवसर की तलाश कर रही हैं। रेडॉन के निदेशक और संस्थापक सुमित अग्रवाल ने फेम सब्सिडी पर कहा इस क्षेत्र में सरकार उद्यमियों को समर्थन दे रही है और वह ग्रीन एनर्जी की तरफ रूख कर रही हैं, जो भारत में प्रदूषण को कम करेगी और भविष्य में ग्रीन प्लैनेट की तरफ बढ़ेगी। सरकार ने फेम सब्सिडी लॉन्च की हैं, जिसके लिए हमने पांच मॉडल 60 वाट 52 एम्पेयर, 72वाट43 एम्पेयर, 51वाट100 एम्पेयर, 51वाट200 एम्पेयर, 60 वाट39 एम्पेयर को एआईएस126 में अनुमोदित कराया है। फेम दोपहिया और तीन पहिया के साथ में बैटरी आ रही जिसमें लोगों को सब्सिडी मिल रही हैं।
कंपनी की सप्लाई गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरला, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में हो रही हैं और एनसीआर में कंपनी ने अपना सर्विस सेंटर खोला हैं। वहा से कंपनी अपनी सप्लाई चैन को एनसीआर में बेहतर करेगी और ऑनसाइट सर्विस की शुरूआत जल्द करेगी। अग्रवाल ने कहा हम ईवी बैटरी की सप्लाई काइनेटिक ग्रीन और जो हमारे क्षेत्रीय ओईएम हैं उन्हें दे रहे हैं। कुछ करार हम बढ़े ओईएम के साथ कर रहे हैं, जिनके लिए हमने अपनी बैटरी 60वाट39 एम्पेयर और 60वाट52एम्पेयर अनुमोदित कराई है, जो अपने दोपहिया वाहन को फेम सब्सिडी में बेचेंगे। बैटरी की कीमत वाट और एम्पेयर पर निर्भर करती हैं जैसे की वह कितने वोल्ट की हैं 48,60 या फिर 72 वोल्ट और कितने एम्पेयर की है। यह बैटरी 25 से 75 हजार के बीच में आती हैं।
रेडॉन उत्तर, पूर्व और पश्चिम भारत में अपना प्लांट लगाएंगी अभी कंपनी का प्लांट दक्षिण भारत में हैं और कंपनी का लक्ष्य पूरे भारत में दस सर्विस सेंटर शुरू करना है। दक्षिण में कंपनी के पांच हजार डीलर्स हैं, जो लेड एसिड बैटरी में कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं। अग्रवाल ने कहा जब बैटरी ज्यादा मात्रा में उपयोग होगी और जब इनकी वारंटी खत्म होगी, तो उन्हें डिस्पोस करने के लिए बैटरी बाजार में आएगी और इसको सही से संभालना बहुत जरूरी है। हमने लिथियम बैटरी रिसाइक्लिंग कंपनी से करार किया है, जो बैटरी का उपयोग होने के बाद उसे रिसाइक्लिंग प्लांट में देंगे।
फ्रेंचाइजी मॉडल
अग्रवाल ने कहा हम सर्विस कम फ्रेंचाइजी दे रहें हैं यानी की हम स्पलाई करेंगे और उनके माध्यम से वो मार्जिन कमाएंगे और वही से सर्विस मिलेगी, ताकि जो ईवी दोपहिया वाहन व्यवसाय में विकास हो रहा है उसमें सर्विस की बहुत बढ़ी समस्या है। डीलर जब सर्विस संभालेगे तो यह सप्लाई पूरे ईवी बिजनेस के लिए अच्छा होगा।
लेड-एसिड बैटरी
लेड-एसिड बैटरी की लागत कम होती है जिसकी वजह से स्कूटर की कीमत भी कम होती है। इन बैटरी का वजन ज्यादा होता और ये ज्यादा जगह भी घेरती हैं। लेड-एसिड बैटरी को थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद सर्विसिंग की जरूरत पड़ती है। इनकी लाइफ भी बहुत ज्यादा नहीं होती है। अगर आप रोजाना अपने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन का उपयोग करते हैं तो इसकी लेड-एसिड बैटरी की लाइफ ज्यादा से ज्यादा दो साल होती है। हालांकि इनकी कीमत कम होने की वजह से लोग लेड-एसिड बैटरी वाला वाहन खरीदना पसंद करते हैं। ये बैटरी चार्ज होने में छह से सात घंटे का समय लेती हैं साथ ही इनकी रेंज भी कम होती है।
लेड-एसिड बैटरी को अभी भी अन्य हल्के विकल्पों की तुलना में पसंद किया जाता है, क्योंकि उनकी बिजली की बड़ी मात्रा प्रदान करने की क्षमता होती है। लीड-एसिड बैटरी छोटे वाहनों जैसे कि इलेक्ट्रिक साइकिल और स्कूटर के लिए उपयोगी होती हैं। ये वाहन आमतौर पर छोटी दूरीयों के लिए उपयोग किए जाते हैं और उन्हें लीड-एसिड बैटरी से चार्ज किया जा सकता है। लीड-एसिड बैटरी का उपयोग विभिन्न ईवी वाहनों में किया जा सकता है, लेकिन ध्यान दिया जाना चाहिए कि इसके अलावा भी और उन्नत बैटरी टेक्नोलॉजी भी उपलब्ध हैं, जो उद्यमियों और उपयोगकर्ताओं को बेहतर परिणाम प्रदान कर सकती हैं।
लेड-एसिड बैटरी का सबसे महत्वपूर्ण लाभ उनकी रिचार्जेबिलिटी है। इन्हें बार-बार चार्ज और डिस्चार्ज किया जा सकता है, जिससे ये विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त हो जाती हैं। यह बैटरियां कई अन्य प्रकार की बैटरियों की तुलना में सस्ती होती हैं, जो उन्हें उन अनुप्रयोगों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती हैं जहां लागत एक महत्वपूर्ण कारक है। इन बैटरियों को ठीक से बनाए रखने पर उनकी विश्वसनीयता और लंबी सर्विस के लिए जाना जाता है। वे तापमान और पर्यावरणीय परिस्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला का सामना कर सकती हैं। लेड-एसिड बैटरियों में अपेक्षाकृत कम स्व-निर्वहन दर होती है, जिसका अर्थ है कि वे क्षमता के महत्वपूर्ण नुकसान के बिना लंबे समय तक अपना चार्ज बनाए रख सकती हैं।