- Home
- Article
- व्यवसाय विचार
- एआई के क्षेत्र में भी हमने बड़ी कामयाबी हासिल की हैः प्रधानमंत्री
सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रधानमंत्री के उद्येश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'इंडियाज टेकेडः चिप्स फॉर विकसित भारत' में भाग लिया और युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने 'भारत में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम्स के विकास' के लक्ष्य के साथ लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
भारत सरकार द्वारा भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग का नेतृत्व करने में सक्षम बनाने के लिए एक एंड-टू-एंड सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए भारत सेमीकंडक्टर मिशन की स्थापना की गई है। इस पहल से देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किया-
धोलेरा, गुजरात में भारत की पहली फैब सुविधा, साणंद, गुजरात में ओएसएटी सुविधा, मोरीगांव, असम में ओएसएटी सुविधा
इस अवसर पर 1814 संस्थानों के छात्र मौजूद रहे, जिसमें सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, आईआईएसईआर, आईआईएससी और अन्य शीर्ष संस्थान शामिल हैं, जहां अनुसंधान, नवाचार और एसटीईएम विषय प्रमुख हैं।
सेमीकंडक्टर मिशन, अनुसंधान और नवाचार
कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग के अलावा, एचईआई भारत के टेकेड विजन, भारत के सेमी-कंडक्टर मिशन और अनुसंधान और नवाचार आदि के माध्यम से विकसित भारत @2047 को प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप पर विचार-विमर्श को प्रोत्साहित करने के लिए दिन के दौरान सेमिनार/सम्मेलन भी आयोजित की गई। भारत का टेकेड सतत विकास सुनिश्चित करने, रोजगार के नए अवसर पैदा करने, जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में एक मजबूत उपस्थिति स्थापित करने के लिए डिजिटल युग को अपनाने के लिए भारत के समर्पण को दर्शाता है।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्रिमंडल सदस्य अश्विनी वैष्णव, राजीव चंद्रशेखर, असम और गुजरात के मुख्यमंत्री, टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, सीजी पावर के चेयरमैन वेल्लायन सुबैय्या, केंद्र, राज्य एवं इंडस्ट्रीज से जुड़े अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
साणंद में सेमीकंडक्टर सुविधा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, "आज का दिन ऐतिहासिक है। आज हम इतिहास रच रहे हैं और उज्ज्वल भविष्य की तरफ एक बहुत बड़ा मजबूत कदम भी उठा रहे हैं। आज सेमीकंडक्टर निर्माण से जुड़े करीब सवा लाख करोड़ रुपये के तीन बड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ है। गुजरात के धोलेरा और साणंद में सेमीकंडक्टर सुविधा हो, असम के मोरीगांव में सेमीकंडक्टर सुविधा हो, ये भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण का एक बड़ा ग्लोबल हब बनाने में मदद करेंगी। इस अवसर पर ताइवान समेत हमारे देश के 60 हजार से ज्यादा कॉलेज, यूनिवर्सिटीज औऱ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट भी हमसे जुड़े हुए हैं। ये अपने आप में एक रिकॉर्ड ही है। भारत के छात्र इस ऐतिहासक क्षण के साक्षी हैं। वो देख रहे हैं कि भारत किस तरह प्रगति के लिए, आत्मनिर्भरता के लिए, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी मजबूत उपस्थिति के लिए चौतरफा काम कर रहा है। इन प्रयासों से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आत्मविश्वास से भरा युवा कहीं भी हो, वो अपने देश का भाग्य बदल देता है। मैं इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से शामिल प्रत्येक छात्र का स्वागत करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।
मेड इन इंडिया, डिजाइन्ड इन इंडिया चिप
प्रधानमंत्री ने कहा, "21वीं सदी, टेक्नोलॉजी ड्रिवेन सेंचुरी है और इलेक्ट्रॉनिक चिप के बिना उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मेड इन इंडिया चिप... डिजाइन्ड इन इंडिया चिप, भारत को आत्मनिर्भरता की तरफ ले जाने, आधुनिकता की तरफ ले जाने में, बहुत बड़ा सामर्थ्य पैदा करेगी। पहली, दूसरी और तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय, भारत अनेक कारणों से पीछे रह गया था। लेकिन अब भारत, इंडस्ट्री 4.0, चौथी औद्योगिक क्रांति के नेतृत्व के इरादे से आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। हम एक पल भी गंवाना नहीं चाहते और हम इस दिशा में कितनी तेजी से काम कर रहे हैं, आज का ये कार्यक्रम इसका एक उदाहरण है। हमने 2 साल पहले सेमि कंडक्टर मिशन शुरू करते हुए, पहल लेने की घोषणा की। इसके कुछ ही महीनों में हमारे पहले MoUs साइन हो गए और आज सिर्फ कुछ महीनों के भीतर हम 3 प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास कर रहे हैं। इंडिया कमिट्स, इंडिया डिलीवर्स और डेमोक्रेशी डिलीवर्स!!!
FDI के नियम भी आसान हुए
दुनिया के बस कुछ देश ही आज सेमीकंडक्टर्स का निर्माण कर रहे हैं और कोरोना ने हमें ये सबक दिय़ा है कि दुनिया को एक भरोसेमंद और लचीला सहायक सप्लाई चेन की सख्त जरूरत है। भारत इसमें एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने के लिए तत्पर है। भारत पहले ही एक स्पेस, न्यूक्लियर और डिजिटल पावर है। आने वाले समय में हम सेमीकंडक्टर सेक्टर से जुड़े प्रोडक्ट्स का कमर्शियल प्रोडक्शन करेंगे। वो दिन दूर नहीं जब भारत, इसमें भी एक ग्लोबल पावर बनेगा। भारत अभी जो फैसले ले रहा है, जो नीतियां बना रहा है, उसका भी हमें नीतिगत लाभ मिलेगा। हमने ईज़ ऑफ़ दोंग बिज़नेस को बढ़ावा दिया है, हमने कानूनों को आसान किया है। बीते वर्षों में हमारी सरकार ने 40 हजार से ज्यादा कॉम्पलिएंसेस खत्म किए हैं। भारत में निवेशकों के लिए FDI के नियम भी आसान हुए हैं। डिफेंस, बीमा और टेलीकॉम जैसे सेक्टर्स में FDI पालिसी को और लिबरल किया गया है। हाल के वर्षों में हमने इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर निर्माण में भी अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। लार्ज स्केल इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और IT हार्डवेयर के लिए PLI स्कीम्स हो, इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेंट्स के लिए स्कीम्स हो, या इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स हों, इन सभी में भारत ने इन्सेन्टिव्स देकर इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम को तरक्की के नए अवसर दिए हैं। आज भारत पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फ़ोन निर्माता है। कुछ समय पहले हमने नेशनल क्वांटम मिशन की भी शुरुआत की है। नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना भी की गई है। इंडिया AI मिशन का भी तेजी से विस्तार होने जा रहा है। यानि हम सिर्फ टेक्नोलॉजी एडॉप्शन नहीं, टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट के रास्ते पर भी बढ़ रहे हैं।
भारत में रोजगार के नए अवसर
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का सबसे ज्यादा लाभ अगर किसी को मिलने वाला है, तो वो हमारे भारत के युवा हैं। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री से संचार से ढुलाई तक, कई सेक्टर्स जुड़े होते हैं। वैश्विक अर्तव्यवस्था में भी इस इंडस्ट्री से कई बिलियन डॉलर का रेवेन्यू और रोजगार पैदा होता है। यानि, चिप निर्माण सिर्फ एक इंडस्ट्री मात्र नहीं है, ये विकास का वो द्वार खोलती है, जो असीम संभावनाओं से भरा हुआ है। इस सेक्टर से ना सिर्फ भारत में रोजगार के नए अवसर बनने वाले हैं, बल्कि टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट के क्षेत्र में भी बड़ी प्रगति होने वाली है। आज दुनिया भर की सेमीकंडक्टर चिप के पीछे जो डिजाइन है और उस डिजाइन के पीछे का जो दिमाग है, वो दिमाग अधिकांश भारत के युवा का ही है। इसलिए आज जब भारत, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है तो हम टैलेंट इकोसिस्टम की इस सायकिल को एक प्रकार से कंप्लीट कर रहे हैं। आज, अभी इस कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े हुए युवा ये जानते हैं कि कैसे आज देश में उनके लिए नई-नई संभावनाएं बन रही हैं, नए अवसर बन रहे हैं। स्पेस का सेक्टर हो, मैपिंग का सेक्टर हो, भारत ने अपने युवाओं के लिए इन सेक्टर्स को पूरी तरह खोल दिया है। हमारी सरकार ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को जो इंसेन्टिव दिए हैं, जो प्रोत्साहन दिया है, वो अभूतपूर्व है। और इसी का कमाल है कि इतने कम वर्षों में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। अब आज के इस आयोजन के बाद सेमीकंडक्टर सेक्टर में भी हमारे स्टार्टअप्स के लिए नए मौके बनने जा रहे हैं। मुझे विश्वास है कि ये नई शुरुआत हमारी युवा पीढ़ी को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी जॉब्स से जुड़ने के नए अवसर देगी।
सेमीकंडक्टर का हमारा प्रयास
आज चारों तरफ AI की चर्चा है। भारत का टेलेंट का आज AI की दुनिया में बड़ा दबदबा है। कुछ युवा, नौजवान मेरे पास आए और कहा- हम आपकी एक-एक बात हर भाषा में गांव-गांव पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने AI टूल का उपयोग किया और आज मेरा हर भाषण, आप अपनी-अपनी भाषा में कुछ ही समय के बाद सुनना शुरू कर दोगे। यानि, किसी को तमिल सुनना है, किसी को पंजाबी सुनना है, किसी को बंगाली सुनना है, किसी को असमिया, उड़िया जो भी सुनना है। ये AI का कमाल, ये मेरे देश के नौजवान कर रहे हैं। और मैं तो ऐसी नौजवान टीम का आभारी हूं कि उन्होंने मेरे लिए इतना बढ़िया AI-जनरेटेड, मेरी स्पीच को, मेरे भाषणों को हिन्दुस्तान की सभी भाषाओं में अनुवाद के साथ पहुंचाने का जो प्रयास किया है, मेरे लिए बड़ा आनंद का, खुशी का विषय बना है। और देखते ही देखते सभी भाषाओँ में भी हमारे बात AI के माध्यम से पहुंचेगी। कहने का तात्पर्य ये है कि भारत के नौजवानों को जो सामर्थ्य है, उनको अवसर चाहिए। और ये सेमीकंडक्टर का हमारा प्रयास देश के नौजवानों के लिए बहुत बड़ा अवसर लेकर आया है।