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- एजुकेशन फ्रैंचाइजिस ने आफ्टर स्कूल एक्टिविटीज पर क्यों ध्यान देना चाहिए।
आफ्टर स्कूल एक्टिविटीज के कारण बच्चों का स्कूल परफॉरमेंस सुधर सकता है और उनमें महत्वपूर्ण व्यक्तित्व-कौशल का विकास हो सकता है। शिक्षाविद् अब इस सेगमेंट की ओर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि इससे छात्रों में मानसिक और शारीरिक, दोनों रूप से स्वास्थ्य-सुधार होता है। फ्रैंचाइजर्स ने कौन-सी एक्टिविटीज उनके छात्रों के लिए उचित हैं और उन के लिए फायदेमंद हो सकती हैं, ये पहचानना बहुत जरूरी है।
फ्रैंचाइजर्स जिन 3 आफ्टर स्कूल एक्टिविटीज पर जोर दे रहे हैं, उन पर एक नज़र:
खेल-कूद
सदियों से खेल-कूद को सर्वोत्तम आफ्टर-स्कूल एक्टिविटीज में से एक माना गया है। क्रिकेट और फुटबॉल की हमेशा लोकप्रियता को देखते हुए, फ्रैंचाइजर्स इसे छात्रों की ऊर्जा के सही उपयोग का एक बढ़िया तरीका मानते हैं। उनका मानना है कि खेल-कूद के ज़रिए, छात्र एक समूह में काम करते हुए दबाव का नियंत्रण करने का महत्व सीखते हैं। कई स्कूलों की अपनी स्पोर्ट्स टीम होती है, जो अक्सर प्रतियोगिताओं में भाग लेती हैं।
स्वयं-सेवा
शिक्षाविदों ने स्वयंसेवा को भी लागू किया है, जिससे छात्रों में समाज और उसके प्रति दायित्व की भावना पनपती है। छात्रों की रूचि देखते हुए, उन्हें अलग अलग स्वयंसेवी कार्यों में नियुक्त किया जा रहा है। उनका मानना है कि इससे छात्रों को कार्य-अनुभव मिलने के साथ ही समाज पर भी इसका सकारात्मक परिणाम होता है। स्वयंसेवा के ज़रिए छात्रों का कार्य-संस्कृति से भी परिचय होता है।
संगीत और कला
फ्रैंचाइज़र संगीत और कला के छात्रों में विविध कौशल विकसित कर सकते हैं। संगीत अपने आप को अभिव्यक्त करने का तरीका देता है, जो छात्र और ब्रांड दोनों के लिए जरूरी है। एक सर्वेक्षण में ये पाया गया है कि संगीत और कला में शामिल होने वाले छात्र अपनी पढ़ाई में बेहतर होते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं।
शिक्षाविद् अब कला से सम्बंधित क्लबों से जुड़ रहे हैं और ऐसा करते हुए अपने छात्रों को नाटक, संगीत या कलामंच में शामिल होने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं।