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- एडटेक में नवाचार और कौशल विकास से परिपूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देगा बजट, विशेषज्ञ जता रहे ऐसी उम्मीद
अंतरिम बजट 2024 से एडटेक क्षेत्र को भी हैं काफी उम्मीदें
किसी ने एडटेक स्टार्टअप के लिए पर्याप्त समर्थन की लगाई आस, किसी ने कहा डिजिटल शिक्षा को भी मिलेगा बढ़ावा
अंतरिम बजट 2024 को लेकर एडटेक सेक्टर में आजकल एक नई रौनक है। विशेषज्ञों को बजट में एडटेक स्टार्टअप को भरपूर समर्थन की उम्मीद है। कुछ का मानना है कि इस बजट में कौशल विकास व डिजिटल शिक्षा पर विशेष जो दिया जाएगा। इसके अलावा यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र को बजट 2024 में ऐसे उपाय पेश करने चाहिए जो नवाचार, कौशल वृद्धि और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहित करें। वहीं, यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि इस बजट में एडटेक क्षेत्र में आने वाली तब्दीलियों के अनुसार देश की शैक्षिक वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मकता में बेहतर से बेहतर योगदान देने की दिशा पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस बजट को लेकर हाल ही में जियारा एडटेक की को-फाउंडर व सीईओ कविता शर्मा ने कहा कि यह अंतरिम बजट एडटेक की स्टार्टअप के लिए बेहतरीन मौके लेकर आ सकता है। हमें उम्मीद है कि एडटेक को बढ़ावा देने संबंधित भी कई फैसले लिए जाएंगे। इसकी एक झलक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता सुधारों को आगे बढ़ाने और डिजिटल शिक्षा को अपनाने को प्रोत्साहन देने में भी देखने को मिलती है। इसके अलावा वर्ष 2025 तक एडटेक क्षेत्र में 400 करोड़ डॉलर तक भारी वृद्धि का भी लक्ष्य होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में महामारी के दौरान एडटेक में आए उछाल को देखते हुए बजट में शिक्षा में नवाचार और गुणवत्ता बनाए रखने पर भी जोर दिए जाने वाले कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं।
गेट टुगेदर फाइनेंस (जीटीएफ) के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर सूरज सिंह गुर्जर ने कहा कि चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में हमें इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। इस बजट में वित्तीय साक्षरता को लेकर भी घोषणाएं हो सकती हैं। इसके चलते शिक्षा में शेयर बाजार शिक्षा को भी शमिल किया जाना चाहिए ताकि हम हर स्तर पर वित्तीय साक्षरता की स्थिति को मजबूत कर सकें। बजट में ऐसी पहल के चलते हम कम उम्र से ही छात्रों को वित्त और बजट के महत्व को समझा सकते हैं।
ग्रेडिंग डॉट कॉम की फाउंडर ममता शेखावत ने कहा कि तकरीबन 850 हजार छात्र विदेश में पढ़ाई करने का सपना देखते हैं। लेकिन इन सपनों को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों की बात करें तो यह बहुत ही कम छात्रों के पास होते हैं। इसके चलते बहुत कम संख्या में छात्र विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के अपने सपने को पूरा कर पाते हैं। ऐसे में बजट में विदेश में शिक्षा प्राप्त करने को लेकर सरकार को शैक्षणिक मंचों पर सहायता देनी चाहिए। ऐसा कदम उठाए जाने से छात्रों की विश्व स्तर पर मांग वाले कौशल विकसित करने के लिए विश्व स्तरीय शिक्षा तक पहुंच प्राप्त होगी। यही नहीं भारत प्रतिभाओं को आकर्षित और बनाए रखकर वैश्विक बाजार में अपने कार्यबल और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ा सकता है। ममता ने कहा कि यह कदम न केवल उन हजारों छात्रों के सपनों को पूरा करेगा बल्कि विकसित राष्ट्र के हमारे सपने को भी गति प्रदान करेगा।