हेल्थ सेक्टर में टेलीमेडिसीन हेल्थकेयर क्लीनिक या ई-क्लीनिक को इस जगत में बदलाव लाने के उदाहरण के तौर पर माना जाता है।टेलीकॉन्फ्रेंसिंग से लेकर ईएमआर के कार्यान्वय तक ई-क्लीनिक रोगी को स्वास्थ्य सुरक्षा और देखभाल देते हैं। दूर इलाकों में रहने वाले लोगों को क्वालिटी इलाज देने के लिए टेलीमेडिसिन की इस पूरी अवधारणा की शुरुआत हुई थी।
एडवांस तकनीक के ई-क्लीनिक रोगी और मेडिकल प्रोफेशनल दोनों के लिए कीमत और समय को कम करते हैं। ई-क्लीनिक की मदद से हजारों लोग इससे क्वालिटी इलाज को समय पर प्राप्त कर रहे हैं वह भी बिना एक जगह से दूसरे जगह गए। ई-क्लीनिक रोगियों को उन डॉक्टरों से मिलाता है जिनसे वे कभी नहीं मिले होते। रोगी की मदद वे रोगी की सुविधानुसार फोन कॉल, विडियो कॉल और ईएमआर आधारित तकनीक की मदद से करते हैं। एक संपूर्ण रूप से सुसज्जित ई-क्लीनिक उन जगहों पर अच्छी देखभाल का काम करते हैं जहां पर मेडिकल विशेषज्ञ का जा पाना मुश्किल होता है। पश्चिमी देशों में ई-क्लीनिक का विकास तेजी से हो रहा है। लेकिन भारत में इस टेलीमेडिसिन की अवधारणा से ज्यादा लोग परिचित नहीं हैं।
एडवांस और आपातकाल की स्थिति में
डॉक्टर से व्यक्तिगत रूप से कंसल्ट करने का सबसे बेहतर तरीका विडिया कॉन्फ्रेंसिंग है। जैसे-जैसे रोगी अपनी परेशानी के बारे में डॉक्टर को बताते हैं, इलाज उनके अनुसार शुरू किया जा सकता है। यहां तक कि स्वास्थ्य जांच की जानकारी को क्षणभर में डॉक्टर तक पहुंचाने की क्षमता के कारण आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सकता है। यूएस और यूके जैसे देशों में ई-क्लीनिक रोगियों, गंभीर रोगियों या आपातकालीन रोगियों की सफलतापूर्वक मेडिकल देखभाल दे रहा है।
कुशल ईएमआर यानी इलैक्ट्रॉनिक मेडिकल केयर भी मेडिकल जगत में एक अभूतपूर्व क्रांति है। रोगी की जांच संबंधी जानकारी को डॉक्टर के आसानी से प्राप्त कर लेने के कारण रोगी का इलाज करना अब आसान हो गया है। अच्छे डाटा जुटाने और प्राइवेट डाटा में छटाई का मिश्रण डॉक्टर को रोगी का इलाज करने के लिए बेहतर व सटीक निर्णय लेने में मदद करता है साथ ही भविष्यसूचक प्रक्रिया में भी सुधार होता है।तात्कालिक मेडिकल रिपोर्ट को देख पाने के कारण विशेषज्ञ रोगी का इलाज पहले की तुलना में बहुत तेजी से शुरू कर सकता है।
अर्थपूर्ण ढंग से देखें तो टेलीमेडिसीन ने दूरी की बाधा को खत्म कर दिया है। आपातकालीन केसों में अक्सर रोगी अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ देते थे। टेलीमेडिसिन रोगी को बिना देरी किए हुए तुरंत देखभाल की सुविधा देने में मदद करेगा और एडवांस मेडिकल उपकरणों की मदद से लोगों की जान बचा पाएंगा। ई-क्लीनिक रोगियों की पुरानी और लंबे समय से चली आ रही स्वास्थ्य समस्या की जांच कर सकता है और उनका इलाज कर उन्हें बार-बार डॉक्टर से मिलने आने की आवश्यकता को कम करता है।
ई-क्लीनिक का भविष्य
एडवांस तकनीक और टेलीमेडिसिन उपकरणों के आसानी से उपलब्धता के कारण टेलीमेडिसिन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही डिजिटलाइजेशन ने लोगों को ऑनलाइन मंच के प्रयोग करने में मदद की है। टेलीमेडिसिन का जन्म उन लोगों के इलाज के लिए किया गया था जो दूर एकांत जगहों पर रहते है जहां पर कोई भी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं और मेडिकल विशेषज्ञ नहीं होते है। हालांकि भारत में ई-क्लीनिक को अपने इस लक्ष्य को पूरा करना अभी बाकी है लेकिन यह योग्य व सरल हैल्थ केयर में एक प्रभावशाली उपकरण बनता जा रहा है। कुल मिलाकर, टेलीमेडिसिन हेल्थ सेक्टर में क्रांति का संचार कर रहा है और पुराने मेडिकल जांच की आवश्यकता को भी खत्म कर रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले कुछ सालों में, भारत देखेगा कि ई-क्लीनिक की संख्या में विकास बहुत ही तेज गति से होने वाला है।
यह लेख तत्वन के को-फाउंडर डॉ. आयुश मिश्रा द्वारा लिखा गया है।