- Home
- Article
- व्यवसाय विचार
- एनईपी-2020 में उच्च शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण महत्वपूर्ण हैः अशोक यूनिवर्सिटी
देश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों ने किसी न किसी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के साथ शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए साझेदारी की है। इन साझेदारियों के पीछे उनका मकसद अपने छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसा मंच प्रदान करना भी होता है, जिससे उस विशेष यूनिवर्सिटी में शिक्षा ग्रहण करके छात्रों को आसानी से दुनियाभर के किसी भी यूनिवर्सिटी में नामांकन कराने का अवसर मिल सके। इस साझेदारी के पीछे यूनिवर्सिटी का मकसद और क्या होता है, जानने की कोशिश करते हैं अशोक यूनिवर्सिटी की ‘ग्लोबल एजुकेशन एंड स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप्स’ डीन, वनिता शास्त्री से...
ओआई: University of Geneva, University of Zurich, University college Maastricht, Leibniz University, Hannover, ENS Lyon, Ghent University जैसी कई यूनिवर्सिटीज के साथ आपकी साझेदारी है और अब आपने Yale University के साथ भी समझौता किया है। इस साझेदारी के पीछे Ashoka University की सोच क्या है?
शास्त्री: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे कई पार्टनर्स हैं। येल यूनिवर्सिटी वर्ष 2016 से ही अशोक यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ा हुआ है। हाल ही में हमने अगले पांच वर्षों के लिए इस समझौते को नवीकृत किया है। दुनियाभर में ये यूनिवर्सिटीज सर्वश्रेष्ठ हैं और अशोक के छात्रों को यह मौका मिलता है कि वे इन यूनिवर्सिटीज में जाएं और अपनी शिक्षा पूर्ण करें। अकादमिक तौर पर यह उनकी उन्नति और प्रोफाइल को बेहतर ढंग से तैयार करने में मदद करती है। उनमें से ज्यादातर बाद में पोस्ट-ग्रेजुएट स्टडीज के लिए अंतरर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में अप्लाय करते हैं और दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में नामांकन पाते हैं।
ओआई: इनके साथ मिलकर अपने पाठ्यक्रम में आपने कौन-कौन से बदलाव किए हैं, जिनका लाभ छात्रों को मिलेगा।
शास्त्री: निश्चित रूप से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग ने कुछ क्षेत्रों समेत अध्ययन के क्षेत्र में नए विचार जरूर पेश किए हैं। हालांकि, अशोक यूनिवर्सिटी ने अपने पूरे पाठ्यक्रम में किसी भी तरह के बदलाव नहीं किए हैं, न ही अपने अकादमिक कार्यक्रमों की संरचना में कोई बदलाव किए हैं।
ओआई: इन विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी का लाभ अशोक यूनिवर्सिटी को किन-किन क्षेत्रों में मिलेगा? इस साझेदारी का लाभ हमारे देश के किन क्षेत्रों में व्यवसाय करने वालों और अपना स्टार्टअप शुरू करने वालों को मिल पाएगा? क्या, कब और किस तरह का फायदा होगा वह, कृपया बताएं?
शास्त्री: अंतर्राष्ट्रीय एमओयू अशोक यूनिवर्सिटी को छात्रों के आदान-प्रदान, गतिशीलता, फैकल्टी (संकाय) इंटरैक्शन, अनुसंधान सहयोग और एक साथ पाठ्यक्रम पेश करने के अवसर प्रदान करते हैं।
ओआई: भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 इस समझौते को किस तरह से प्रभावित कर रही है या आगे करेगी? क्या इस पूरी प्रक्रिया में आपको किसी तरह की समस्या से दो-चार होना पड़ा? अगर हां तो क्या?
शास्त्री: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उच्च शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण एक महत्वपूर्ण विशेषता है। वर्ष 2014 में लॉन्च होने के बाद से अशोक सक्रिय रूप से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कर रहा है इसलिए यह इस मामले में अन्य विश्वविद्यालयों से आगे रहा है। एनईपी ने निश्चित रूप से संयुक्त कार्यक्रमों, संयुक्त डिग्री और पीएचडी के लिए रास्ता खोल दिया है और इस प्रकार अशोक यूनिवर्सिटी अब इन्हें भी तैयार करने में सक्षम होंगे।