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- एमएसएमई ई-कॉमर्स निर्यात के लिए शिपरॉकेट, डीजीएफटी ने किया करार
संपूर्ण देश के जिलों में आयोजित किये जाएंगे प्रशिक्षण सत्र
निर्यात के रूप में अपने जिलों के तहत डीजीएफटी द्वारा आयोजित ई-कॉमर्स आउटरीच के हिस्से के रूप में क्षमता निर्माण और हैंडहोल्डिंग सत्र के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और एक ई-कॉमर्स सक्षमकर्ता शिपरॉकेट के बीच हाल ही में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस करार का उद्देश्य ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देने के साथ ही देशभर के जिलों में प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना है ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया करवाया जा सके और रोजगार कर रहे लोगों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिल सके, जहां उनको व्यवसाय संबंधी सभी समस्याओं के हल आसानी से मिल सकें। प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एमएसएमई के लिए डीजीएफटी द्वारा तैयार ई-कॉमर्स निर्यात हैंडबुक भी जारी की।
पीयूष गोयल ने कहा कि यह हैंडबुक, विदेश व्यापार नीति 2023 के उद्देश्यों का समर्थन करने वाली एक महत्वपूर्ण पहल, अपने निर्यात के विस्तार के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों का उपयोग करने की मांग करने वाले एमएसएमई के लिए एक निश्चित मार्गदर्शिका साबित होगी। वन स्टॉप रिपॉजिटरी के रूप में तैयार की गई हैंडबुक, ई-कॉमर्स के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है, जिससे एमएसएमई को वैश्विक बाजारों में प्रभावी ढंग से उद्यम करने की सुविधा मिलती है। गोयल ने कहा, भारत के पारंपरिक उत्पाद जैसे श्री अन्ना (बाजरा) और कई अन्य कृषि सामान की दुनिया भर में खासी मांग है, खासकर महत्वपूर्ण भारतीय प्रवासी वाले क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स के माध्यम से हमारा लक्ष्य अंतर को पाटना और भारतीय एमएसएमई, शिल्पकारों, किसानों और खाद्य प्रोसेसरों को वैश्विक बाजारों से जोड़ना है।