भारत सरकार ने विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं जो सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए लाभदायक हैं। इन योजनाओं के माध्यम से आप अपने बिजनेस को विकास करने और ज्यादा लाभ लेने के लिए कई तरह की सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। यहां कुछ ऐसी महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में बताया गया है जिनका आप लाभ उठा सकते हैं:
1. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई): मुद्रा योजना के तहत आप बैंक से सस्ते दर पर लोन ले सकते हैं। इसका उपयोग आप अपने व्यापार की शुरुआती जरूरतों को पूरा करने, मशीनरी को खरीदने, स्टॉक को बढ़ाने, और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए कर सकते हैं।
यह योजना भारतीय सरकार द्वारा 8 अप्रैल 2015 को शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे व्यापारों, उद्यमियों, और व्यापारिक गतिविधियों को वित्तीय सहायता देना है। मुद्रा योजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस योजना के तहत व्यापारियों को बैंकों द्वारा सस्ते दर पर लोन दिया जाता है। यह लोन तीन श्रेणियों में विभाजित होता है जैसे- शिशु, किशोर और तरुण। इन श्रेणियों के अनुसार लोन के अधिकतम और न्यूनतम राशि की सीमा निर्धारित की गई है।
1.शिशु ऋण: यह श्रेणी सबसे छोटे व्यापारों और उद्यमियों को लक्षित करती है। इस श्रेणी में उपलब्ध लोन की अधिकतम सीमा 50,000 रुपये होती है।
2.किशोर ऋण: इस श्रेणी में मध्यम स्तर के व्यापारों को ध्यान में रखा जाता है। यहां पर उपलब्ध लोन की अधिकतम सीमा पांच लाख रुपये होती है।
3. तरुण ऋण: इस श्रेणी में बड़े स्तर के व्यापारों को देखा जाता है। यहां पर उपलब्ध लोन की अधिकतम सीमा दस लाख रुपये होती है।
यदि आपका व्यवसाय मुद्रा योजना के लिए पात्र है, तो आप उपरोक्त श्रेणियों के अनुसार आवंटित लोन की अवधि और ब्याज दर पर आवेदन कर सकते हैं। लोन की अवधि और ब्याज दर संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
2. टेक्सटाइल पार्क योजना: यह योजना टेक्सटाइल सेक्टर में बिजनेस करने वाले उद्यमियों को बढ़ावा देती है। आप नए परियोजनाओं को शुरू करने, नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने के लिए इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
भारत सरकार द्वारा टेक्सटाइल पार्क योजना के तहत विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं जो सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए उपलब्ध हैं। यह योजना उद्योग को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर देने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
टेक्सटाइल पार्क योजना के अंतर्गत भारत सरकार ने अनेक पार्कों की स्थापना की है जहां एमएसएमई को विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। ये पार्क उद्यमियों को उपयोगी बुनाई और कपड़ा उद्योग सेटअप के लिए भूमिका निभाते हैं। यहां पर उद्यमियों को विशेष सुविधाएं जैसे कि प्रशिक्षण सुविधाएं, अध्ययन केंद्र, साझा बुनाई सुविधाएं, तकनीकी सहायता, इंडस्ट्रियल पार्क बनाने के लिए वित्तीय सहायता आदि प्रदान की जाती हैं।
3. क्रेडिट गारंटी योजना: यह एक सरकारी योजना है जो भारत सरकार द्वारा लागू की गई है। यह योजना उद्यमियों, छोटे और मध्यम उद्योगों, स्वदेशी उद्यमियों और आर्थिक रूप से कमजोर सेक्टरों के लिए वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से है।
क्रेडिट गारंटी योजना में एक उद्यमी को उद्यमिता के लिए लोन लेने के लिए आवेदन करते समय बैंकों द्वारा अभिजात लोन का गारंटी किया जाता है। इसका मतलब है कि यदि लोन का चक्रवृद्धि के कारण उद्यमी उसे वापस नहीं कर पाता है, तो सरकार लोन के लिए बैंक को अपने बजट से कुछ हिस्से का भुगतान करती है। इससे बैंक को विपदा स्थिति में लोन वापस लेने की सुरक्षा मिलती है और उद्यमी को वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद मिलती है।
इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कारोबारी बिना किसी डर के कारोबार कर सकें। उनको अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए बिजनेस लोन मिलने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या न आए। इस योजना के तहत 5 करोड़ तक का लोन ले सकते है पहले दो करोड़ था।
क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत लोन लेने के लिए एमएसएमई को अपनी पूरी परियोजना के साथ बैंक से संपर्क करना होता है। फिर बैंक परियोजना के मुताबिक लोन की मंजूरी देती है। लोन की ब्याज दर बैंकों पर निर्भर करती है। एक करोड़ रुपये तक के लोन के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क 0.37 प्रतिशत है। दस लाख रुपये तक के बकाया लोन के लिए गारंटी के संबंध में दावों के निपटान के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू करने की अब जरूरत नही है। इस योजना को 1 अप्रैल 2023 को फिर से शुरू किया गया। क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) कोष में 30 मार्च 2023 को 8,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
4. सूक्ष्म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम: यह एक सरकारी योजना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के क्षेत्र में उद्योग क्लस्टर के विकास को संवर्धित किया जाता है।
क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत विशेष ध्यान दिया जाता है कि समान प्रकार के उद्यमों को एक ही क्षेत्र में समूहीकृत किया जाए ताकि वे अपने संबंधित स्रोतों, टेक्नोलॉजी, बाजारों, सप्लाई चेन आदि के लाभ को साझा कर सकें।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत, क्षेत्रीय संगठनों, संगठनों को वित्तीय सहायता दी जाती है जो क्लस्टर के विकास के लिए आवश्यक होती है। यह सहायता क्लस्टर के अंतर्गत उद्यमियों को उद्यमिता विकास, प्रशासनिक सहायता, बाजार पहुंच, प्रशिक्षण, गुणवत्ता निगरानी, मॉनिटरिंग, टेक्नोलॉजी उन्नयन आदि में मदद करती है।
क्लस्टर विकास कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय उद्यमों के उत्पादन, प्रबंधन, तकनीकी इनोवेशन और बाजार पहुंच में सुधार करके उनकी क्षमता को मजबूत करना है। इसके माध्यम से सूक्ष्म और लघु उद्यमों को वृद्धि और विकास के लिए मदद दी जाती है।