अविष्कार समूह के एमएसएमई ऋणदाता अश्व फाइनेंस ने की है पहल
रूफटॉप सोलर को वित्तपोषित करने के लिए जुटाए एक करोड़ डॉलर
अगले पांच वर्षों में 390 करोड़ का ऋण वितरित करने का प्रयास
सूक्ष्म, लघु व्यवसायों के लिए रूफटॉप सोलर को वित्तपोषित करने के लिए हाल ही में अविष्कार समूह के एमएसएमई ऋणदाता अश्व फाइनेंस ने फंडिंग जुटाई। इस प्रयास में कंपनी एक करोड़ का फंड इकट्ठा किया। इस फंडिग को लेेकर ऋणदाता अश्व फाइनेंस ने बताया कि यह फंडिंग एक विशेष उद्देश्य के तहत की गई है। इसके जरिए कंपनी का पांच वर्षों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को रूफटॉप यानी कि छत पर सौर ऊर्जा को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए 390 करोड़ रुपये का ऋण वितरित करने और अपने एयूएम यानी कि असेट अंडर मैनजमेंट (प्रबंधन के तहत संपत्ति) को 1,800-2,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
अश्व फाइनेंस एमएसएमई के मुंबई मुख्यालय वाले नकदी-प्रवाह आधारित ऋणदाता और एनबीएफसी आविष्कार समूह का हिस्सा है। इसने हाल ही में यह घोषणा की कि उसने एन्करेज कैपिटल से एक करोड़ डॉलर (वर्तमान भाव 83 करोड़ रुपए) की फंडिंग जुटाई है। ऋणदाता ने कहा कि उसे इस दौर में अतिरिक्त भागीदारी की उम्मीद है। अश्व एमएसएमई को गिरवी मुक्त और लचीला वित्तपोषण प्रदान करती है और भारत के 15 राज्यों में 180 से अधिक स्थानों पर अपनी उपस्थिति के माध्यम से 1,000 करोड़ रुपये की एयूएम रखती है।
अश्व फाइनेंस के साथ अपनी साझेदारी को लेकर एंकरेज कैपिटल के पार्टनर तरुण अरोड़ा ने कहा कि वंचित एमएसएमई बाजार के एक महत्वपूर्ण खंड को लक्षित करती है। इस साझेदारी के बाद हम अपने ग्राहकों के लिए रूफटॉप सोलर फाइनेंसिंग को अपने पहले जलवायु वित्त उत्पाद के रूप में लॉन्च करने के अश्व के दृढ़ संकल्प को पूरा करने में पूर्ण सहयोग करेंगे। वहीं अश्व फाइनेंस ने जुटाई गई फंडिंग को लेकर कहा कि इस रकम का प्रयोग देश भर में अपनी उपस्थिति बढ़ाने और सूक्ष्म और लघु व्यवसायों के लिए रूफटॉप सोलर को वित्तपोषित करने के लिए एक महत्वपूर्ण नई पहल साबित होगी।
अश्व फाइनेंस के एमडी निकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि यह निवेश रूफटॉप सोलर फाइनेंस में प्रवेश का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कंपनी हमेशा से ही सूक्ष्म व लघु व्यवसायों के लिए कार्य करती रही है। साथ ही सूक्ष्म व लघु क्षेत्रों के व्यवसायों के हितों को देखते उन्हें कैसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है और कैसे मदद करनी है? इस पर कार्य करती रहती है। कंपनी ने कहा कि फंडिंग भी इसी दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है ताकि एमएसएमई ऋणदाताओं के अपने स्थिरता लक्ष्य को पूरा करने में और सौर ऊर्जा का लाभ उठाने वाले व्यवसायों को को बढ़ावा देते हुए भारत के समग्र ऊर्जा लक्ष्य प्राप्ति में भी योगदान दिया जा सके।
उदाहरण के लिए, इस साल सितंबर में, टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (टीआरईपीएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टाटा पावर सोलर सिस्टम्स ने टाटा पावर या इसके अधिकृत चैनल भागीदारों से छत पर सौर पीवी संयंत्र स्थापित करने के इच्छुक एमएसएमई को ऋण प्रदान करने के लिए सिडबी के साथ साझेदारी की थी। वहीं, इस साल मई में, निजी ऋणदाता यस बैंक ने अपने परिसर में सौर पैनल स्थापित करने के इच्छुक एमएसएमई निर्माताओं के लिए अपना ऋण कार्यक्रम यस किरण लॉन्च किया था। अक्टूबर में, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की छठी सभा को संबोधित करते हुए, बिजली मंत्री आर.के. सिंह ने कहा था कि सौर ऊर्जा अन्य नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों में अग्रणी है और कहीं अधिक विश्वसनीय है।