व्यवसाय विचार

एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए सरकार के बड़े कदम

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Dec 03, 2024 - 2 min read
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वित्तीय वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में एमएसएमई के लिए प्रौद्योगिकी सहायता, वित्तीय सहायता और नियामकीय सुधारों के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। इनमें मुद्रा ऋण सीमा को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख करना, एमएसएमई ऋण के लिए नए मूल्यांकन मॉडल, और सिडबी शाखाओं के माध्यम से क्लस्टर आधारित विकास योजनाओं को बढ़ावा देना शामिल है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में एमएसएमई के लिए प्रौद्योगिकी सहायता, वित्तीय सहायता और नियामकीय सुधारों के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। इनमें मुद्रा ऋण सीमा को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख करना, एमएसएमई ऋण के लिए नए मूल्यांकन मॉडल, और सिडबी शाखाओं के माध्यम से क्लस्टर आधारित विकास योजनाओं को बढ़ावा देना शामिल है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय देश भर में एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने और उसके विकास के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम संचालित कर रहा है। इनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना (CGS), क्लस्टर विकास कार्यक्रम, उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम, खरीद एवं विपणन सहायता योजना, राष्ट्रीय एससी/एसटी हब और एमएसएमई चैंपियन जैसी पहलें शामिल हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में एमएसएमई के लिए प्रौद्योगिकी सहायता, वित्तीय सहायता और नियामकीय सुधारों के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। इनमें मुद्रा ऋण सीमा को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख करना, एमएसएमई ऋण के लिए नए मूल्यांकन मॉडल, और सिडबी शाखाओं के माध्यम से क्लस्टर आधारित विकास योजनाओं को बढ़ावा देना शामिल है। इसके अलावा, एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भागीदारी और उत्पाद निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विशेष सहायता प्रदान की जा रही है। यह जानकारी राज्यसभा में एमएसएमई राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने लिखित उत्तर के माध्यम से दी।

बता दे सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना (CGS) को भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय के माध्यम से लागू किया है। इस योजना का उद्देश्य सूक्ष्म और लघु उद्यमों (MSEs) को बिना संपार्श्विक (Collateral) या तीसरे पक्ष की गारंटी के ऋण सुविधा प्रदान करना है। योजना के तहत अधिकतम ₹500 लाख (5 करोड़ रुपये) तक का ऋण उपलब्ध है, जिससे नए और मौजूदा दोनों प्रकार के उद्यमियों को उनके व्यवसाय को शुरू करने और विस्तार करने में मदद मिलती है।

सीजीएस के तहत सावधि ऋण और कार्यशील पूंजी सुविधाएं दोनों प्रदान की जाती हैं। यह योजना ऋण गारंटी कोष ट्रस्ट (CGTMSE) द्वारा संचालित की जाती है, जो उधारकर्ताओं और उधारदाताओं के बीच जोखिम को कम करने में मदद करती है। इसके तहत, उद्यमियों को संपार्श्विक की आवश्यकता नहीं होती, जिससे वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करना सरल हो जाता है। इस योजना का लाभ मुख्यतः उन छोटे व्यवसायों को मिलता है, जो वित्तीय बाधाओं के कारण विकास नहीं कर पाते।

सीजीएस का उद्देश्य सूक्ष्म और लघु उद्यमों की आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देना है। यह न केवल नए उद्यमों को प्रोत्साहन देती है बल्कि मौजूदा उद्यमों को भी उनके उत्पादन और बाजार की क्षमता में सुधार करने में सहायक होती है। इस योजना ने भारत के एमएसएमई क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने और देश के आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान किया है।

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