व्यवसाय विचार

एमएसएमई पर भारी पड़ सकते हैं आरबीआई के नियम

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Dec 15, 2023 - 2 min read
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रिटेल लोन्स के लिए आरबीआई ने नियमों में कड़ा रुख अपनाया है। इसे लेकर एमएसएमई भी थोड़ा परेशान हैं। हालांकि रिजर्व बैंक का यह कड़ा रवैया उनके लिए लाभकारी ही साबित होने वाला है, लेकिन फिलहाल की स्थिति में एमएसएमई को नुकसान झेलना पड़ सकता है।

आंकड़ों से जानें एमएसएमई या अन्य व्यवसायों में कितना लाभ कितनी हानि

आरबीआई ने हाल ही में जोखिम भार मानदंडों को कड़ा करने के लिए नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। इसकी वजह से एमएसएमई को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसमें असुरक्षित रिटेल लोन्स के लिए जोखिम भार मानदंडों को कड़ा किया गया है। हालांकि इस कदम से बैलेंस शीट बेहतर होगी और उम्मीद की जा रही है कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए अधिक से अधिक ऋण आवंटित होगा। लेकिन एनबीएफसी के पास उपलब्ध कुल पूंजी के साथ-साथ उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की मांग पर इसका असर देखा जाना बाकी है। हाल ही में एमएसएमई और अन्य व्यवसायों संबंधित आरबीआई ने आंकड़े जारी किए हैं।

एमएसएमई के लिए चुनौती रही है पूंजी तक पहुंच

आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार एमएसएमई के लिए पूंजी तक पहुंच कई वर्ष से एक चुनौती जैसी रही है। हालांकि जनवरी 2022 से इस स्थिति में सुधार आया और एमएसएमई को कुल ऋण का बड़ा हिस्सा 14.5 प्रतिशत प्राप्त हो रहा है, जबकि पहले यह 10 से 12 प्रतिशत ही था। ऋण की यह स्थिति दर्शाती है कि कोविड के बाद से एमएसएमई को मिलने वाले बैंक ऋण में वृद्धि दर दोहरे अंकों में दर्ज की गई है। जो इस क्षेत्र के लिए यह अच्छा संकेत है। राष्ट्रीय आय अनुमानों में निजी खपत में धीमी वृद्धि के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र की बिक्री गतिविधि में भी हल्का विस्तार दर्ज किया गया है। यह विस्तार जून-सितंबर तिमाही में जारी आंकड़ों में भी देखा गया था।

गैर पेट्रोलियम और अन्य व्यवसाय

आंकड़ों के अनुसार गैर-पेट्रोलियम, गैर-रत्न और आभूषण निर्यात अक्टूबर 2022 में 2199 करोड़ डॉलर से 11.74 प्रतिशत बढ़कर अक्टूबर 2023 में 2457 करोड़ डॉलर हो गया। मौजूदा कीमतों में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) साल-दर-साल 9.0 प्रतिशत की दर से बढ़ी और मजबूत निश्चित निवेश और सरकारी खपत इस वर्ष उच्च विकास अनुमानों की कुंजी थी। स्थिर कीमतों के संदर्भ में, जीवीए सालाना 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा, जबकि जून-सितंबर 2022 में यह सालाना 5.4 प्रतिशत था। विनिर्माण जीवीए ने 13.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सभी क्षेत्रों में बढ़त हासिल की। जबकि विनिर्माण जीवीए में वृद्धि का एक हिस्सा निम्न आधार (जून-सितंबर 2022 में 3.8 प्रतिशत सालाना वृद्धि) कमोडिटी की कम कीमतों ने भी बेहतर प्रदर्शन में भूमिका निभाई है। हालांकि आगे बढ़ते हुए, हाल के महीनों में, एसएंडपी ग्लोबल पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स ने नरमी का संकेत दिया है, क्योंकि नवंबर में सूचकांक 56 और अक्टूबर में 55.5 पर था, जबकि अगस्त में इसका स्तर 58.6 था।

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