प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेंगलुरू के येलहंका एयरबेस में एयरो इंडिया शो का उद्घाटन किया। यह पांच दिवसीय शो मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड प्लान के मुताबिक स्वदेशी टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित करने और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी बनाने पर केंद्रित है। इस शो की थीम द रनवे टु ए बिलियन अपॉर्च्युनिटीज रखी गई है।
इस प्रदर्शनी में 700 से ज्यादा रक्षा कंपनियां और 98 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। एयरो इंडिया का यह संस्करण देश को सैन्य विमान, हेलीकॉप्टर, सैन्य उपकरण और नए युग के एवियोनिक्स के निर्माण के लिए एक उभरते हुए केंद्र के रूप में प्रदर्शित कर रहा है।
इस शो का उद्देश्य मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने के साथ घरेलू हवाई उद्योग को भी बढ़ावा देना है। इस शो में 731 कंपनियों ने अपना पंजीकरण कराया है जिसमें 633 भारतीय कंपनियां हैं। भारतीय वायु सेना के राफेल विमान ने येलहंका एयरबेस पर एयरो इंडिया 2023 के दौरान उड़ान भरी। आईएएफ की सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम ने एयर बेस में परफॉर्म किया।
केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य देश में एक जीवंत और विश्व स्तरीय रक्षा निर्माण उद्योग का पोषण करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, हमारी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में दूरगामी सुधार के उपाय किए हैं, जिसका उद्देश्य व्यापार के अनुकूल माहौल को बनाना है। ये प्रमुख सुधार हमारी रक्षा अनुसंधान, विकास, उत्पादन और खरीद नीतियों के लगभग हर पहलू पर खड़े होते हैं।
भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक रोमांचक भविष्य की ओर अग्रसर है। हमें उम्मीद है कि अगले 5 साल में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। भारतीय रक्षा मैन्युफैक्चरिंग उद्योग हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों में से एक है।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा विशिष्टताओं में जाए बिना हम 'मेक इन इंडिया' या 'आत्मनिर्भर भारत' के माध्यम से अपनी सैन्य क्षमताओं की एक विस्तृत श्रृंखला को देख रहे हैं। जनरल पांडे ने कहा, यदि टैंकों के कवच को देखें तो हम भविष्य के लिए तैयार टैंक की तलाश कर रहे हैं जिसे हम रात के लिए भी सक्षम बनाना चाहते हैं। वहां भी हम बेहतर सुरक्षा और बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता देख रहे हैं।
'एयरो इंडिया' शो में पहली बार दो अमेरिकी एफ-35 लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं। अमेरिकी दल में एफ-16 और एफ-18 लड़ाकू विमान भी शामिल हैं, जिनकी भारतीय सशस्त्र बलों के लिए विभिन्न आवश्यकताओं के लिए पेशकश की गई है।
रक्षा मंत्री ने एयरो इंडिया की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की विशाल भागीदारी, भारत की उभरती व्यापारिक क्षमता में घरेलू और वैश्विक व्यापारी समुदाय के एक नए विश्वास का प्रमाण है। मैं आप सभी से रक्षा उत्पादन हब बनने की ओर भारत की यात्रा में सहयात्री बनने का आह्वान करता हूं।