छोटी और मध्यम कंपनियों को अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए पूजी की आवश्यकता होती है और ऐसी कंपनियां जब पूंजी नहीं जुटा पाती है, तो वह अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में असफल हो जाती है। देश में इस समय बीएसई (पूर्व नाम बांबे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) प्रमुख रूप से छोटी कंपनियों के लिए एसएमई प्लेटफार्म के रूप में आगे आई है।
छोटी और मध्यम वर्ग की कंपनियां निवेश जुटाने के लिए एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध कर रही है, ताकि निवेशक प्लेटफॉर्म के माध्यम से छोटी कंपनियों तक पहुंच सके और उनके साथ जुड़ कर व्यवसाय को सफल बना सके। इस प्लेटफॉर्म ने एसएमई की मदद के लिए एक बाजार संरचना बनाने की कोशिश की है।
एसएमई प्लेटफॉर्म छोटे और मध्यम उद्यमों को अपने व्यवसाय के विकास और विस्तार के लिए पूंजी जुटाने का एक बड़ा अवसर देते है। यह प्लेटफॉर्म छोटे और मध्यम उद्यमों के शेयरों के व्यापार के लिए एक स्टॉक एक्सचेंज है। अगर आप किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के मुख्य बोर्ड में सूचीबद्ध होते है तो वह आपको काफी महंगा पढ़ता है, इसलिए सस्ती पूंजी जुटाने का एक बेहतरीन विकल्प एसएमई एक्सचेंज हो सकता है।
कंपनियां एसएमई एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करे
1.कंपनी अपने शेयरों को एसएमई एक्सचेंज के तहत सूचीबद्ध कर सकती है। सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी के शेयरों का मूल्य 25 करोड़ रूपये से ज्यादा नही होना चाहिए।
2.कंपनी का मूल्यांकन बेहतर होनी चाहिए।
3. कंपनी या पार्टनरशिप में कम से कम 3 वर्षों का ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए।
4. न्यूनतम आवेदन और ट्रेडिंग का आकार एक लाख से कम नहीं होना चाहिए।
एसएमई बोर्ड के तहत सूचीबद्ध होने के लाभ
कंपनी को एसएमई प्लेटफॉरम में सूचीबद्ध होने से न केवल पूंजी मिलती है,बल्कि इसके अलावा दूसरे भी कई फायदे मिलते हैं जैसे कि कंपनी की पहचान और इससे कंपनी के विकास में बढ़ोतरी होती है। कंपनी में निवेश के लिए कहीं ज्यादा निवेशक मिलते है।
निवेशक या वेंचर कैपिटलिस्ट ज्यादातर शेयर बाजार की कंपनियों के परफॉर्मेंस के आधार पर निवेश करते हैं। एसएमई के सूचीबद्ध होने से निवेशकों के विकल्प बढ़ जाते हैं। कंपनी के शेयरों की अच्छी मांग से वैल्यूएशन में भी बढ़ोतरी होती है, विलय के विकल्प उपलब्ध होते हैं और साथ ही कंपनी पर जोखिम भी कम हो जाता है।
एसएमई प्लेटफॉर्म में सूचीबद्ध होने के लिए पात्रता
कंपनी छोटी और मध्यम वर्ग की होनी चाहिए। कंपनी के नॉन टेंजेबल एसेट ताजा वित्तीय परिणामों के अनुसार कम से कम एक करोड़ रुपये होनी चाहिए। कंपनी का मूल्यांकन कम से कम एक करोड़ रुपये होनी चाहिए। इश्यू के बाद कंपनी की चुकता पूंजी भी एक करोड़ रुपये होना जरूरी है। कंपनी को कम से कम पिछले दो वित्त वर्ष में लाभकारी होना भी जरूरी है।