सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) संघ ने भारत सरकार के वित्त मंत्री को पत्र लिखकर ओईएम के संचालन को पुनर्जीवित करने और बनाए रखने के लिए 3000 करोड़ रुपये के पुनर्वास फंड के निर्माण का प्रस्ताव दिया है। हाल के फेम सब्सिडी ब्लॉक से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
एसएमईवी ने कहा है कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों को सरकार से जो पैसा सब्सिडी के रूप में मिलना था अभी तक उस पैसे में से 1,200 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं मिले हैं। उद्योग 18 महीने से ज्यादा फंड का इंतजार कर रहा है। इस फंड में उन्होंने किसी तरह के ब्याज की मांग नहीं की है।
बिगड़ती परिस्थितियों के कारण, विभाग ने कुछ मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को ग्राहकों को पैसा वापस करने के लिए मजबूर किया है और दूसरों से सब्सिडी वापस करने के लिए कहा है। भले ही उनका विवाद किसी भी तरह का रहा हो।
एसएमईवी के डायरेक्टर जनरल सोहिंदर गिल ने कहा सब्सिडी रोकने, पुरानी सब्सिडी का पैसा वापस मांगना और भविष्य की बिक्री की अनुमति नहीं देना वास्तव में नई कंपनियों और उन लोगों के लिए बुरा रहा है जो पहली बार इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने के बिजनेस में आई हैं। इनमें से कई कंपनियां इन सबकी की वजह से कर्ज में डूब सकती हैं। उनका भविष्य अनिश्चित है और वे ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे। इसलिए, उनका सुझाव है कि वित्त मंत्रालय को कम से कम अगले एक या दो साल के लिए इन कंपनियों की मदद के लिए एक पुनर्वास फंड बनाना चाहिए।
पत्र में कहा गया है कि सब्सिडी योजना के विफल होने से न केवल संचालन रुक गया है, और बिक्री पर भी असर पढ़ा है। इससे डीलरशिप और यहां तक कि जिन ग्राहकों की बुकिंग रद्द करनी पड़ी है उन पर भी भारी दबाव पड़ा है। अगर हम गंवाए गए दिनों, छूटे हुए अवसरों, बाजार हिस्सेदारी में कमी और रेपुटेशन को नुकसान की गिनती करें, तो नुकसान की कुल रकम 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी।
सबसे बुरा प्रभाव निवेशक समुदाय पर पड़ा है, जो ओईएम के खिलाफ लगातार शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों के कारण इस क्षेत्र के प्रति बेहद प्रतिकूल हो गया है। बैंक भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं क्योंकि वे उन कंपनियों को लोन नहीं देना चाहते हैं जो उन्हें वापस भुगतान करने में असमर्थ हैं। इससे कंपनियों और बैंकों दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं।
एसएमईवी ने ऐसे फंड की रूपरेखा निर्धारित करने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया है, जो अनुदान के रूप में हो सकता है या यह कंपनियों को बैंकों से लोन लेने में मदद करने के लिए गारंटी के रूप में काम कर सकता है।
एसएमईवी का मानना है कि उन कंपनियों को उबारने में मदद मिलेगी जो काफी समस्याओं का सामना कर रही हैं। यह दुनिया भर के निवेशकों को भी दिखाएगा कि सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।