व्यवसाय विचार

एसीसी मैन्युफैक्चरिंग को लेकर पीएलआई योजना के लिए फिर से लगेगी बोली

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jan 25, 2024 - 3 min read
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सीपीपी पोर्टल के माध्यम से गुणवत्ता और लागत आधारित चयन (क्यूसीबीएस) तंत्र के तहत पारदर्शी दो-चरणीय प्रक्रिया के माध्यम से बोली प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।

भारी उद्योग मंत्रालय ने 10 गीगावॉट एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) निर्माण के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) की फिर से बोली आमंत्रित करने की घोषणा की है। इस बोली प्रक्रिया के साथ, संभावित आवेदक एसीसी के लिए घरेलू मैन्युफैक्चरिंग सुविधा स्थापित करने के लिए अपनी बोलियां जमा कर सकते हैं, जिससे उन्हें पीएलआई एसीसी योजना के तहत प्रोत्साहन के लिए पात्रता प्राप्त करने में मदद मिलेगी। बोली प्रक्रिया सीपीपी पोर्टल के माध्यम से गुणवत्ता और लागत आधारित चयन (क्यूसीबीएस) तंत्र के तहत पारदर्शी दो-चरणीय प्रक्रिया के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। निविदा दस्तावेज़ 24 जनवरी, 2024 से उपलब्ध हैं और बोली पूर्व गोष्ठी 12 फरवरी, 2024 को आयोजित की जाएगी। बोली की नियत तारीख 22 अप्रैल, 2024 है और बोलियां 23 अप्रैल, 2024 को खोली जाएंगी।

मंत्रालय देश में तीन क्षेत्रों यानी पूंजीगत सामान, ऑटोमोबाइल और भारी विद्युत उपकरण के विकास और वृद्धि को बढ़ावा देता है। मंत्रालय के माध्यम से सरकार जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और वाहन उत्सर्जन के मुद्दे को संबोधित करने के उद्देश्य से फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम-II) योजना के माध्यम से स्वच्छ और हरित सार्वजनिक परिवहन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, पीएलआई ऑटो और ऑटो कंपोनेंट योजना के माध्यम से भारी उद्योग मंत्रालय ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल कंपोनेंट क्षेत्र में भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात में वृद्धि का समर्थन कर रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पाद के मद्देनजर गहन स्थानीयकरण, बेहतर अर्थव्यवस्था बनाना और क्षेत्रों में एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय ऑटोमोबाइल और कंपोनेंट क्षेत्र में भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं और निर्यात की वृद्धि का समर्थन कर रहा है। मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2070 तक देश को नेट ज़ीरो बनाने का दृष्टिकोण अपनाया है। इसे ध्यान में रखते हुए, हाल के वर्षों में भारी उद्योग मंत्रालय ने मोटर वाहन उद्योग में पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें की हैं, जिनमें पीएलआई-ऑटो, पीएलआई- उन्नत रसायन विज्ञान सेल और फेम-II योजनाएं शामिल हैं।

मई 2021 में मंत्रिमंडल ने 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एसीसी की पचास (50) गीगावॉट घंटे (जीडब्ल्यूएच) की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता प्राप्त करने के लिए 'नेशनल प्रोग्राम ऑन एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज' के तहत टेक्नोलॉजी सापेक्ष पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। एसीसी पीएलआई बोली का पहला दौर मार्च 2022 में संपन्न हुआ था, और तीन कंपनियों को तीस (30) गीगावाट घंटे (जीडब्ल्यूएच) की कुल क्षमता आवंटित की गई थी, और चयनित कंपनियों के साथ कार्यक्रम समझौते पर जुलाई 2022 में हस्ताक्षर किए गए थे।

इसके अलावा भारी उद्योग मंत्रालय ने बैटरी मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की स्थापना के लिए उत्पादनयुक्त प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना 'नेशनल प्रोग्राम ऑन एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज' के तहत बोलीकर्ताओं की शॉर्ट लिस्टिंग और चयन के लिए अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) जारी किया है। इस संबंध में 3,620 करोड़ रुपये के अधिकतम बजटीय परिव्यय के साथ 10 गीगावॉट घंटा (जीडब्ल्यूएच) की कुल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता स्थापित की जाएगी।

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