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- ओडिशा सरकार ने जेएसडब्ल्यू समूह के ईवी और बैटरी प्लांट के लिए प्रोत्साहन पैकेज को दी मंजूरी
ओडिशा सरकार ने नराज,कटक और पारादीप में सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाले समूह जेएसडब्ल्यू समूह की इलेक्ट्रिक वाहन और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग परियोजनाओं के लिए एक विशेष प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दी है। राज्य सरकार ने प्रस्ताव में ईवी फैक्ट्रियों के लिए 40,000 करोड़ रूपये के निवेश को मंजूरी दी है। कंपनी इस निवेश से कटक और जगतसिंहपुर जिलों में ईवी और ऑटो-पार्ट के मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्लांट स्थापित करेगी। इस से लगभग 11000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
ओडिशा सरकार में टेक्नॉलोजी विभाग के मंत्री अशोक पांडा ने कहा कि जेएसडब्ल्यू समूह के पास कटक शहर के नराज क्षेत्र में 50 गीगा वाट घंटे की क्षमता वाला एक एडवास टेक्नॉलोजी बेस्ड बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट होगा। कंपनी 25000 करोड़ रूपये के निवेश के साथ दो चरणों में प्लांट में ईवी और कंपोनेंट के लिए ओईएम प्लांट स्थापित करने की भी योजना बना रही है।
इसके अलावा जेएसडब्ल्यू राज्य में 15000 करोड़ रूपये के प्रस्तावित निवेश के साथ तीसरे चरण में पारादीप बंदरगाह के पास लिथियम स्मेल्टर के साथ कॉपर स्मेल्टर समेत ईवी कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग कॉम्पलैक्स स्थापित करेगी। इससे 7000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार उत्पन्न होगा।
पिछले साल भारत की कारों की बिक्री में इलेक्ट्रिक मॉडलों की हिस्सेदारी लगभग दो प्रतिशत थी, जिसमें टाटा मोटर्स का बाजार पर दबदबा था, लेकिन सरकार 2023 तक 30 प्रतिशत हिस्सेदारी का लक्ष्य रख रही है। जेएसडब्ल्यू समूह और चीन की एसएआईसी मोटर ने नवंबर में भारत में एक संयुक्त उद्यम का गठन किया, जिसका ध्यान ग्रीन मोबिलिटी और इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम के विकास पर था।
समूह ने शुरुआत में 2017 में जेएसडब्ल्यू एनर्जी के माध्यम से ईवी सेगमेंट में प्रवेश करने की योजना बनाई थी, लेकिन योजना आगे नहीं बढ़ पाई। जनवरी 2023 में,यह बताया गया कि जेएसडब्ल्यू समूह भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में प्रवेश करना चाहता है।
जेएसडब्ल्यू समूह की ईवी मैन्युफैक्चरिंग परियोजनाओं के अलावा, ओडिशा सरकार ने कई अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी है जिनका उद्देश्य राज्य में सतत विकास और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। राज्य मंत्रिमंडल ने अगले दस वर्षों में कॉफी बागान क्षेत्र को मौजूदा 10,000 एकड़ से बढ़ाकर एक लाख एकड़ करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। "स्थायी आजीविका के लिए कॉफी बागान (सीपीएसएल)" योजना राज्य के छह आदिवासी बहुल जिलों जैसे कोरापुट, रायगडा, कालाहांडी, कंधमाल, क्योंझर और गजपति में कॉफी नर्सरी बढ़ाने के लिए महिला एसएचजी की भागीदारी के साथ लागू की जाएगी। लगभग इस योजना में 2026-27 तक 1144.00 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।