इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन मैन्युफैक्चरर ओला इलेक्ट्रिक को अपने दो और वाहनों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) लाभ के लिए प्रमाणन प्राप्त हुआ है। ओला के S1X स्कूटर के 3 और 4 किलोवाट (KWH) वाले मॉडल्स को सरकार की पीएलआई योजना के तहत योग्य माना गया है।
ये मॉडल सरकार के नियमों के अनुसार बनाए गए हैं, जिसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा पार्ट्स भारत में ही बनाए जाने जरूरी थे। ओला इलेक्ट्रिक को मिलने वाले प्रोत्साहन राशि स्कूटर्स के निर्धारित बिक्री मूल्य (DSV) का 13 प्रतिशत से 18 प्रतिशत के बीच होगी। कंपनी वित्तीय वर्ष24 से शुरू करके लगातार पांच वर्षों तक लाभ के लिए पात्र है।
ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर भाविश अग्रवाल ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, "ये दो प्रोडक्ट्स हमारे लगभग 50 प्रतिशत ऑर्डर्स का हिस्सा हैं। जैसे-जैसे हम भारत के ईवी भविष्य का निर्माण कर रहे हैं, यह हमारे लिए और ज्यादा गति प्रदान करेगा!" इस साल की शुरुआत में कंपनी को Ola S1 Air और Ola S1 Pro के लिए पीएलआई सर्टिफिकेशन मिला था।
ओला के स्कूटरों के लिए पीएलआई की मंजूरी ईवी उद्योग के लिए सरकार की प्रमुख फेम II (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल) सब्सिडी के मार्च में समाप्त होने के कुछ महीनों बाद आई है। 1 अप्रैल से सब्सिडी को आसान इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) से बदल दिया गया।
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 5 अगस्त को कहा कि नई फेम 3 सब्सिडी को लागू करने के लिए तैयारी का काम चल रहा है, और कई मंत्रालयों ने प्रोग्राम को लागू करने के तरीके के बारे में सिफारिशें भेजी हैं।
ओला इलेक्ट्रिक अपनी गीगाफैक्ट्री में बैटरियों का निर्माण करने के लिए सरकार की पीएलआई योजना का फायदा उठा रही है। इस योजना के तहत उन्हें एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी स्टोरेज के लिए आर्थिक मदद मिल रही है।
कंपनी ने 15 अगस्त को अपनी पहली रेंज की इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल्स रोडस्टर लॉन्च की, जिसकी डिलीवरी वित्तीय वर्ष 25 की आखिरी तिमाही में शुरू होगी। ओला इलेक्ट्रिक का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 26 की पहली तिमाही से अपने प्रोडक्ट्स में इन-हाउस सेल्स का उपयोग करना भी है।