कर्नाटक में 5,765 पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों के साथ देश में सबसे ज्यादा चार्जिंग स्टेशन हैं, जैसा कि हाल ही में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है।
ऊर्जा मंत्री के.जे. जॉर्ज ने कहा यह उपलब्धि राज्य की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है। राज्य द्वारा लागू की गई रणनीतिक पहलों और नीतियों से एक मजबूत ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने और स्थायी परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक संगठित प्रयास का पता चलता है। राज्य में बेंगलुरु अर्बन जिला लगभग 85 प्रतिशत चार्जिंग स्टेशनों के साथ सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। अकेले बेंगलुरु शहर में लगभग 4,462 चार्जिंग स्टेशन हैं।
कर्नाटक ने इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में बेहतरीन नेतृत्व दिखाया है। यह 2017 में ईवी नीति पेश करने वाला भारत का पहला राज्य बना। इस अग्रणी पहल को 2021 में बढ़ी हुई प्रोत्साहनों के साथ और भी मजबूत किया गया, जो राज्य की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को आगे बढ़ाने की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ऊर्जा विभाग ने कहा सरकार पूरे कर्नाटक में मॉडल ईवी शहरों को विकसित करने के लिए तैयार है, जो कि ईवी अपनाने को बढ़ावा देने और भविष्य के लिए एक स्थायी परिवहन ढांचे की स्थापना के उद्देश्य से एक रणनीतिक कदम है।
राज्य में चार्जिंग स्टेशनों की वित्तीय सहायता विभिन्न पहलों के तहत की गई है, जिसमें केंद्रीय सरकार की तेजी फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड ईवी फेम स्कीम , BESCOM की अपनी निवेश, राज्य परिवहन विभाग से प्राप्त हरित कर फंड और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप शामिल है।
फरवरी 2024 में प्रस्तुत राज्य बजट में कर्नाटक ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के माध्यम से राज्य भर में लगभग 2,500 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने बिजली सप्लाई कंपनियों के सहयोग से 100 चार्जिंग केंद्र स्थापित करने में 35 करोड़ रुपये का निवेश करने की भी योजना बनाई है, जिससे कर्नाटक में ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर की वृद्धि और पहुंच को सपोर्ट मिलेगा। जबकि कर्नाटक सूची में टॉप पर है, महाराष्ट्र ने 3,728 स्टेशनों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 1,989 स्टेशन और दिल्ली में 1,941 स्टेशन हैं।