कर्नाटक सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023-28 के लिए एक संशोधित मसौदे जारी किया है जिसका लक्ष्य कर्नाटक में एक लाख नौकरियां उत्पन्न करना और 50,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना है । ईवी नीति के मसौदे में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने और आने वाले दिनों में ईवी अपनाने में तेजी लाने में मदद करने के लिए बिजली शुल्क कम करने जैसी अन्य पहलों के अलावा नौकरी के अवसर उत्पन्न करने का भी प्रस्ताव है।
ईवी नीति के तहत राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए ईवी शहरों को विकसित करने की भी योजना है। इस पहल के लिए निर्धारित कुछ शहरों में कलबुर्गी, बेलगावी, हुबली-धारवाड़ और मैसूरु शामिल हैं।
ईवी नीति के मसौदे के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) बेंगलुरु-पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रमुख टोल बूथ पर ईवी चार्जिंग पॉइंट भी लगाएगा। कर्नाटक सरकार ने गौरीबिदानूर (चिक्कबल्लापुर) और चिक्कमल्लीगेवाड़ा (धारवाड़) में बड़े ईवी क्लस्टर लगाने का भी प्रस्ताव दिया है। इसमें कहा गया है कि इन दोनों जगहों पर भूमि अधिग्रहण कर लिया गया है जिसे संभावित निवेशकों को पेश किया जाएगा।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक ईवी चार्जिंग स्टेशन है, उसके बाद दिल्ली और फिर कर्नाटक। महाराष्ट्र में कुल 2,492 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन, 3,793 ईवी चार्जर और 4,211 चार्जिंग पॉइंट है। दिल्ली में 1,627 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन, 2,917 ईवी चार्जर और 3,247 चार्जिंग पॉइंट हैं। कर्नाटक में लगभग 2.5 लाख ईवी हैं, जो ईवी पंजीकरण और लगभग 700 ईवी चार्जिंग स्टेशन के साथ तीसरा सबसे बड़ा राज्य है।
ईवी नीति के मसौदे में कहा गया है,प्रस्तावित संशोधित मसौदा नीति ने ईवी टेस्टिंग के साथ सर्टिफिकेशन फेसिलिटी की स्थापना के लिए बेहतरीन निजी ऑपरेटरों को शामिल करने के लिए टेस्टिंग सेंटर के लिए पूंजीगत सब्सिडी को 30 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। मौजूदा नीति पांच साल के लिए 15 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी सीमा और एक प्रतिशत प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) प्रदान करती है।
मसौदा नीति में सेल कंपोनेंट्स, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड व्हीकल्स, बैटरी रीसाइक्लिंग फेसिलिटी और टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन का भी प्रस्ताव है। राज्य सरकार छोटे और लघु उद्यमों और मध्यम आकार के उद्यमों के लिए पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान करेगी। 10,000 वर्ग फुट से ज्यादा आकार वाली भूमी में फैली संपत्तियों पर तीन साल के लिए किराए पर 30 प्रतिशत प्रतिपूर्ति (रीइंबर्समेंट) या अधिकतम पांच रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह के साथ किराये की सब्सिडी का प्रावधान है।