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- काउंसल इंडिया और मेधावी स्किल यूनिवर्सिटी कौशल विकास अवसरों को बढ़ाने के लिए आए साथ
कौशल विकास अवसरों को बढ़ाने के लिए लॉन्च किया गया कार्यक्रम प्रगति 2024
कौशल विकास शिक्षा में जरूरी बदलाव करने के लिए तेजी से किए जाएंगे प्रयास
समय के साथ रोजगार के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा भी काफी बढ़ी है। ऐसे में जरूरी है कि कौशल विकास संबंधी शिक्षा में भी जरूरी बदलाव किए जाए। इसके लिए हाल ही में कदम उठाया गया। मौका था काउंसल इंडिया और मेधावी स्किल यूनिवर्सिटी की साझेदारी का। यह समझौता कौशल विकास के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इसके अलावा कार्यक्रम प्रगति 2024 की भी शुरुआत की गई। इस मौके पर मौजूद काउंसल इंडिया के को-फाउंडर व सीईओ शिवम् दीक्षित ने कहा कि यह एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण है, जिसका उद्देश्य कौशल विकास के भविष्य को आकार देना है। काउंसल इंडिया 350 से अधिक समर्पित व्यक्तियों के सामूहिक प्रयासों, चुनौतियों को अवसरों में बदलने और पिछले सात वर्षों से सेवाएं प्रदान करने के बाद अलग-अलग देशों में 150,000 शिक्षार्थियों का एक समुदाय बना है, जो व्यावहारिक ज्ञान के माध्यम से संगठन के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदल रहा है।
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के मैनेजिंग डायरेक्टर वेद मणि तिवारी ने शिक्षा में कौशल विकास की दिशा में जरूरी बदलाव पर जोर दिया। एमएसयू और काउंसल इंडिया की साझेदारी पर कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में बताए गए कार्यस्थलों में गतिशील परिवर्तनों के साथ शिक्षा की आवश्यकता पर प्रमुख ध्यान केंद्रित किया है। तिवारी ने कहा कि 2047 तक परिवर्तनकारी ‘अमृत काल’ अवधि के दौरान हर चौथा वैश्विक कार्यस्थल भागीदार भारत से होगा। यह वैश्विक राष्ट्रीय उत्पादकता में महत्वपूर्ण योगदान देने के अनुरूप है। 45 प्रतिशत वैश्विक प्रतिभागी अब भारत में हैं।
उन्होंने छात्रों को स्थानीय और वैश्विक दोनों अवसरों के लिए अपने कौशल को पहचानने और निखारने में मार्गदर्शन करने में परामर्शदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। इस मॉडल को लॉन्च करने में, आदित्य बिड़ला, अपोलो, आईटीसी, क्राउन प्लाजा, टाटा और अन्य जैसे उद्योग के दिग्गज भी शामिल हैं। एमएसयू के को-फाउंडर प्रो-चांसलर कुलदीप शर्मा ने कहा कि काउंसल इंडिया का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना है। इसी कड़ी में हमारी कोशिश रहती है रोजगार के क्षेत्र में जो प्रतिस्पर्धा है, उसी के आधार पर हम कौशल विकास के कार्यक्रमों में समय-समय पर जरूरी बदलाव करते रहें।