केंद्र सरकार द्वारा देश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है। योजना के तहत देश के बेरोजगार युवाओं को खुद का रोजगार शुरू करने के लिए 10 से 25 लाख रुपये तक का लोन मुहैया कराया जाएगा।
पीएमईजीपी योजना एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है, जिसका उद्देश्य स्वरोजगार के अवसर पैदा करना और ग्रामीण व बेरोजगार युवाओं के लिए आवश्यक रोजगार पैदा करना है। खास यह है कि इस पीएमईजीपी योजना-2023 का लाभ देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के युवा उठा सकते हैं। योजना के तहत केंद्र सरकार का फोकस अधिक से अधिक लोगों को लोन देने पर है। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा सकता है।
बता दें कि विनिर्माण क्षेत्र में स्वीकार्य परियोजना/ इकाई स्थापना की अधिकतम लागत सीमा 25 लाख रुपये है। जबकि व्यवसाय / सेवा क्षेत्र में यह 10 लाख रुपये है।
किन्हें मिलेगा लाभ
पीएमजीईपी (परियोजना लागत के संदर्भ में) के अंतर्गत सब्सिडी की दर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / महिलाओं / अल्पसंख्यकों / भूतपूर्व सैनिकों / शारीरिक रूप से विकलांग / ट्रांसजेंडर्स / आकांक्षी जिलों / एनईआर / पहाड़ी और सीमा क्षेत्र जैसे विशेष श्रेणियों से संबंधित लाभार्थियों के लिए मार्जिन मनी सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत है।
मालूम हो कि एनईआर से तात्पर्य देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में मौजूद आठ राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा, से है।
बता दें कि मार्जिन मनी सब्सिडी परियोजना लागत के 15 प्रतिशत से 35 प्रतिशत तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 50 लाख और सर्विस सेक्टर में 20 लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए होती है।
कुल परियोजना लागत की शेष राशि बैंक, टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल के रूप में प्रदान करेंगे।
अन्य जरूरी बातें
पीएमईजीपी के अंतर्गत योजना के तहत सहायता केवल विशिष्ट नई स्वीकार्य परियोजना के लिए ही उपलब्ध है।
स्वयं सेवी समूह (बीपीएल समेत जिन्होंने अन्य किसी योजना के तहत लाभ न लिया हो) भी पीएमईजीपी के अंतर्गत सहायता के लिए योग्य हैं। सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत संस्थान, उत्पादक कोऑपरेटिव सोसायटी और चैरिटेबल ट्रस्ट इसके अंतर्गत पात्रधारी हैं।
मौजूदा इकाइयां (पीएमआरवाई, आरईजीपी या भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के तहत) और वे इकाइयां, जो भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के तहत पहले ही सरकारी सब्सिडी ले चुकी हैं, इसके अंतर्गत सहायता लेने के पात्र नहीं हैं।