केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि उत्पादन से जुड़ी दो प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं शुरू की गई हैं। पहली पीएलआई योजना ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट के लिए और दूसरी एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज के लिए है।
ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए पीएलआई योजना
ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट क्षेत्र में भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के लिए ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी, जिसमें पांच वर्ष की अवधि में 25,938 करोड़ रुपये का कुल बजटीय परिव्यय है (वित्त वर्ष 2022-2023 से वित्त वर्ष 2026-2027)। पांच वर्षों की अवधि में कुल अपेक्षित रोजगार सृजन और बिक्री में कुल अपेक्षित संचयी वृद्धि क्रमश 1.45 लाख (प्रत्यक्ष रोजगार) और 2,31,500 करोड़ रुपये है।
नेशनल प्रोग्राम ऑन एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज के लिए पीएलआई योजना
केंद्र सरकार ने भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) और बैटरी स्टोरेज के लिए मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं की स्थापना की है। इसके लिए एक खाका तैयार किया गया है,जो 18,100 करोड़ रुपये है सात वर्ष के लिए। लाभार्थी कंपनी सिस द्वारा 27,000 करोड़ रुपये का कुल अनुमानित निवेश किया जाना है। इस योजना से 2.7 लाख का रोजगार सृजित होगा।
मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एमएचआई) ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए पीएलआई योजना शुरू की और भारत में बनने वाले उत्पादों में डॉमैस्टीक वैल्यू एडीशन (डीवीए) के उद्देश्य से नेशनल प्रोग्राम ऑन एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज के लिए भी पीएलआई योजना शुरू की गई।
पीएलआई ऑटो में प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत डीवीए की आवश्यकता होगी। पीएलआई एसीसी योजना में लाभार्थी कंपनियों को योजना के दूसरे वर्ष के अंत तक न्यूनतम 25 प्रतिशत डीवीए और 5वें वर्ष के अंत तक 60 प्रतिशत हासिल करना आवश्यक है।