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- केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों के लिए जारी किए नए दिशानिर्देश
देश में चलाए जा रहे कोचिंग संस्थानों के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कुछ नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। बेशक इसके पीछे सरकार की मंशा शिक्षा के स्तर को बनाए रखते हुए छात्रों में मानसिक और वित्तीय तनाव कम करना है, लेकिन इसका प्रभाव देश में चलाए जा रहे इन कोचिंग संस्थानों पर देखने को मिलेगा। इन संस्थानों को किन-किन बातों का ध्यान रखना होगा, जानने के लिए पढ़ें यह खबर...
शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थान ज्वॉइन करने के लिए छात्रों की उम्र सीमा निर्धारित कर दी है। अब 16 साल से कम उम्र के बच्चे या हाईस्कूल पास होने से पहले छात्र कोचिंग क्लासेस ज्वॉइन नहीं कर सकेंगे। अगर कोई संस्थान इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है।
शिक्षा मंत्रालय की नए दिशानिर्देश के अनुसार, कोचिंग संस्थानों को विद्यार्थियों को फीस की रसीद देनी होगी। साथ ही, अलग-अलग पाठ्यक्रम की विस्तृत जानकारी वाला एक विवरणिका भी देना होगा। इसमें फीस और जमा करने के नियम की जानकारी भी देनी होगी। इसके अलावा, कोचिंग से संबंधित सभी जरूरी जानकारियां भी वेबसाइट पर देनी होंगी।
कोचिंग संस्थानों को विवरणिका और नोट्स भी विद्यार्थियों को बिना शुल्क के देने होंगे। यदि विद्यार्थी ने पाठ्यक्रम के लिए पूरी फीस जमा कर दी है, लेकिन बीच में ही कोचिंग छोड़ रहा है तो बची हुई फीस 10 दिनों के भीतर उसे वापस करनी होगी।
कोचिंग क्लास में प्रत्येक विद्यार्थी के लिए कम से कम एक वर्ग मीटर की जगह होनी चाहिए। इसके अलावा फर्स्ट एड किट और मेडिकल असिस्टेंस फैसिलिटी भी होनी चाहिए। संस्थान में पीने का साफ पानी और सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे।
कोचिंग संस्थान किसी भी विद्यार्थी के साथ धर्म, जाति, नस्ल, लिंग, जन्म स्थान, वंश आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे। कोचिंग सेंटर की इमारत और आसपास का परिसर दिव्यांगों के अनुकूल तैयार किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय की नए दिशानिर्देश के अनुसार, सभी कोचिंग सेंटर में एक शिकायत निवारण पेटी या रजिस्टर रखा जा सकता है। कोचिंग सेंटर में शिकायतों के निवारण के लिए एक समिति भी गठित होगी, ताकि छात्र बेफिक्र होकर अपनी शिकायतें दर्ज कर सकें।
छात्रों की बेहतरी के लिए कोचिंग संस्थानों को लाइफ स्किल, साइंटिफिक टेंपरामेंट, रचनात्मकता और फिटनेस, वेलनेस, इमोशनल बॉन्डिंग, मेंटल वेल बीइंग, मोटिवेशन के लिए टीचर, कर्मचारियों और विद्यार्थियों के लिए काउंसलिंग सेशन आयोजित करने होंगे।
नए दिशानिर्देश के अनुसार, स्कूल की कक्षाओं के समय छात्र कोचिंग क्लास भी नहीं कर सकेंगे। कोचिंग क्लास को छात्रों और शिक्षकों के लिए एक दिन का साप्ताहिक अवकाश भी सुनिश्चित करना होगा, ताकि बच्चों पर अतिरिक्त तनाव का भार न आ सके। इन सबके पीछे सरकार की सोच छात्रों के बीच बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं को दूर करना है।
साप्ताहिक अवकाश के अगले दिन कोचिंग संस्थान अब कोई टेस्ट नहीं ले सकेंगे। एक दिन में पांच घंटे से अधिक कोचिंग क्लासेस भी नहीं होंगे। साथ ही यह बहुत सुबह या देर शाम को भी नहीं होगा।
नए दिशानिर्देश के अनुसार, कोचिंग संस्थान जो टेस्ट लेते हैं, उन्हें उसके परिणाम सार्वजनिक नहीं करना होगा। इसका उपयोग सिर्फ छात्रों के प्रदर्शन के नियमित विश्लेषण के लिए ही किया जाएगा।