व्यवसाय विचार

कैसे पाएं वित्त, शिक्षा स्टार्ट-अप के लिए

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk May 27, 2019 - 4 min read
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शिक्षा व्यवसाय को आवश्यकता है बहुत से निवेश की। यहां पर एक सूची है जिसमें भारत में शिक्षा व्यवसाय के लिए मौजूद वित्त की जानकारी दी गई है।

शिक्षा इंडस्ट्री में व्यवसाय के अवसर बहुत अधिक हैं। अधिकतर देशों की सरकारें अपने देश को एडवांस बनाने के लिए शिक्षा क्षेत्र में बहुत अधिक निवेश कर रहे हैं। आजकल शिक्षा व्यवसाय की शुरूआत करना एक चलन है। यह चलन उद्यमियों के लिए एक आदर्श अवसर है जो शिक्षा तंत्र में निवेश करना चाहते है। मगर शिक्षा व्यवसाय में बहुत से निवेश की आवश्यकता होती हैं। इस निवेश में आर्ट कक्षा को तैयार करने और अन्य पढ़ने के लिए जगहों को तैयार करने, इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और देखरेख, तकनीक और विदेशी संस्थानों से गठबंधन, सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों और इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति आदि शामिल हैं। इसलिए आपको अपने इस व्यवसाय के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है। चलिए, भारत में शिक्षा व्यवसाय के लिए उपस्थित कुछ वित्त विकल्पों पर नजर डालते हैं।

लघु व्यवसाय प्रशासन लोन

अगर आप लघु स्तर का शिक्षा व्यवसाय खोलने की योजना बना रहें है तो आप लघु व्यवसाय प्रशासन ऋण का चुनाव कर सकते है। एसबीए एक संघीय सरकार एजेंसी है जोकि नए और पहले से ही मौजूद व्यवसायों को आर्थिक मदद प्रदान करते है। लघु व्यवसायों के लिए इनके कार्यालय पूरे देश में मौजूद है। ऋण के लिए नकद प्रवाह सबसे प्राथमिक विचार है। मालिए जो 20 प्रतिशत या उससे ज्यादा का मालिकाना हक रखते है उन्हें वित्तीय ऋण की गारंटी मिल जानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि एसबीए के तीन ऋण कार्यक्रम हैं। अपनी कंपनी के लिए योजना शर्त निर्धारित करने वाले आवेदन को पूरा करने से पहले स्थानीय कार्यालय या ऋणदाता से संपर्क करें।

एसबीआई स्कूल योजना

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) स्कूल प्लस की योजना देते है जिसे शिक्षा संस्थानों के निर्माण, देखरेख या उनकी सुविधाओं और सेवाओं को बढ़ाने के लिए मदद करने के लिए बनाया गया है। आप एसबीआई प्लस के अंतर्गत दो तरह के ऋण ले सकते हैं - वर्किंग कैपिटल लोन और टर्म लोन। यह लोन या ़ऋण निम्न कारणों के लिए लिया जा सकता हैं :

निजी ऋण

शिक्षा उद्यमियों के लिए निजी ऋण भी वित्त प्राप्त करने के लिए एक विकल्प है। ऋण जिसमें ऋण की राशि और शर्तों को परिभाषित किया गया हो उसका पालन करें साथ ही ब्याज दर का भी पूरा पालन करें। यह दस्तावेज़ एक व्यवसाय रिकार्ड बन जाता है जोकि आपके व्यवसाय के लाभ और करों को प्रभावित कर सकता है।

व्यक्तिगत/पर्सनल क्रेडिट कार्ड

हालांकि यह एकदम सही है कि आप अपने व्यक्तिगत और व्यवसायिक लेनदेन को अलग अलग ही रखें। संभव है कि आप अपने व्यक्तिगत क्रेडिट कार्ड का उपयोग अपने शिक्षा व्यवसाय की शुरूआत करने के लिए कर सकते है। अपने व्यवसाय संबंधी क्रेडिट कार्ड के शुल्कों का रिकार्ड रखें। यह फंडिंग व्यवसाय में इक्विटी निर्माण कर सकती है। हालांकि, आप इसे अपने आपको लौटाने से ज्यादा भविष्य रेवेन्यू का चुनाव करेंगे।

वेन्चर कैपिटल इंवेस्टर

सामान्यतौर पर वेन्चर कैपिटल इंवेस्टर कंपनी के शेयर के बदले में कंपनी के शुरूआती दौर में फंड प्रदान करता है। उनके ये निवेशक इंडस्ट्री में उच्च विकास क्षमता के साथ इंफॉर्मेशन टेकनॉलजी में भी रूचि रखते हैं। भारत की शिक्षा इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है और विश्व के शिक्षा इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण स्थान पर है। तो आप वेन्चर कैपिटल इंवेन्सटर के माध्यम से भी अपने शिक्षा व्यवसाय के लिए फंड प्राप्त कर सकते है। सामान्यतौर पर वेन्चर कैपिटल कंपनी को फंड प्रदान करता है। इन इंनवेस्टरों को व्यवसाय योजना की आवश्यकता होती है जोकि सफलता की संभावनाओं को प्रदर्शित कर सकें।

माइक्रो-लोन

माइक्रो-लोन छोटे लोन है जोकि लघु व्यवसायों के लिए होते है। इन लोन को कार्यशील पूंजी, इंवेन्टरी को खरीदने या ऑफिस की सप्लाई बेचने के लिए लागू किया जा सकता है। अन्य तरह के बैंक लोन की ही तरह माइक्रोलोन में ब्याज दर होता है और इसमें भी उधारकर्ता को प्रमाणिक करने की आवश्यकता होती है।

वेंचर कैपिटल फाइनेंसिंग

वेन्चर कैपिटल पैसे है जो कंपनी को दिए जाते है निवेश फर्म या फिर व्यक्तिगत निवेशक द्वारा जोकि वेंचर कैपिटलिस्ट के नाम से जाने जाते हैं। बहुत ही कम प्रतिशत की स्टार्ट-अप कंपनियां ज्यादा विकास क्षमता के साथ इस तरह की फंडिंग को प्राप्त कर पाते हैं क्योंकि वेंचर कैपिटलिस्ट बहुत ही चयनात्मक होते हैं कि उन्हें अपना पैसा कहां पर लगाना है। अगर आप अपने शिक्षा व्यवसाय के बारें में ऐसा सोचते है कि उसमें उच्च विकास की क्षमता है तो आप इस तरह की फंडिंग के बारें में विचार कर सकते है। वेंचर कैपिटलिस्ट चाहते हैं कि वे अपने निवेश को बढ़ते हुए देखे। तो संभव है वे अपने आपको कंपनी के बोर्ड में बैठा देखना चाहे या फिर कंपनी के वित्तीय निर्णय लेने में कंपनी के मालिकाना हक में हिस्सा मांगे।

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