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कैसे प्रभावित करेगी पुतिन-मोदी की शैक्षिक क्षेत्र पर बातचीत

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jan 15, 2019 - 3 min read
कैसे प्रभावित करेगी पुतिन-मोदी की शैक्षिक क्षेत्र पर बातचीत image
दोनों देशों ने उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच संबंधों के विस्तार के सकारात्मक प्रभाव को स्वीकृति प्रदान की है और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक संबंध बनाए रखने की योजना बनाई है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में भारत का दौरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लंबे दौर के बाद, रूसी राष्ट्रपति ने रिश्तों को मजबूत करने के लिए विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए। रक्षा और व्यापार सौदों के साथ, पीएम मोदी और पुतिन ने शिक्षा क्षेत्र में सहयोग को तेज करने की योजना बनाई है। दोनों देशों ने उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच संबंधों के विस्तार के सकारात्मक प्रभाव को स्वीकृति दी है और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक संबंध बनाए रखने की योजना बनाई है।

स्कूली बच्चों के बीच सहभागिता को बढ़ावा देना

द्विपक्षीय संबंधों के अभूतपूर्व स्तर के लिए सबसे महत्वपूर्ण संकलन भारत और रूस के युवा लोगों, विशेष रूप से स्कूली बच्चों के बीच बातचीत है। यह दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक सहयोग के लिए एक आधार के रूप में काम करेगा।

समझौता ज्ञापन

भारत के अटल इनोवेशन मिशन (AIM) और रूस के एसआईआरआईयूएस (SIRIUS) शैक्षिक केंद्र के बीच एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। समझौता ज्ञापन दोनों देशों के युवाओं द्वारा संयुक्त वैज्ञानिक और उद्यमशीलता के प्रयासों के लिए एक मंच प्रदान करेगा। यह शैक्षिक, वैज्ञानिक और नवाचार या नवीनता को बढ़ावा देने और भारत व रूस में एक ज्ञान-संचालित नवाचार इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए यात्राओं के आदान-प्रदान के माध्यम से किया जाएगा।

निरंतर विनिमय कार्यक्रम

बातचीत के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने निरंतर विनिमय कार्यक्रम के लिए भी बातचीत की। दोनों राष्ट्रों को शिक्षकों और छात्रों के शैक्षिक आदान-प्रदान में बहुत रु

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में भारत का दौरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लंबे दौर के बाद, रूसी राष्ट्रपति ने रिश्तों को मजबूत करने के लिए विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए। रक्षा और व्यापार सौदों के साथ, पीएम मोदी और पुतिन ने शिक्षा क्षेत्र में सहयोग को तेज करने की योजना बनाई है। दोनों देशों ने उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच संबंधों के विस्तार के सकारात्मक प्रभाव को स्वीकृति दी है और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक संबंध बनाए रखने की योजना बनाई है।

स्कूली बच्चों के बीच सहभागिता को बढ़ावा देना

द्विपक्षीय संबंधों के अभूतपूर्व स्तर के लिए सबसे महत्वपूर्ण संकलन भारत और रूस के युवा लोगों, विशेष रूप से स्कूली बच्चों के बीच बातचीत है। यह दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक सहयोग के लिए एक आधार के रूप में काम करेगा।

समझौता ज्ञापन

भारत के अटल इनोवेशन मिशन (AIM) और रूस के एसआईआरआईयूएस (SIRIUS) शैक्षिक केंद्र के बीच एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। समझौता ज्ञापन दोनों देशों के युवाओं द्वारा संयुक्त वैज्ञानिक और उद्यमशीलता के प्रयासों के लिए एक मंच प्रदान करेगा। यह शैक्षिक, वैज्ञानिक और नवाचार या नवीनता को बढ़ावा देने और भारत व रूस में एक ज्ञान-संचालित नवाचार इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए यात्राओं के आदान-प्रदान के माध्यम से किया जाएगा।

निरंतर विनिमय कार्यक्रम

बातचीत के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने निरंतर विनिमय कार्यक्रम के लिए भी बातचीत की। दोनों राष्ट्रों को शिक्षकों और छात्रों के शैक्षिक आदान-प्रदान में बहुत रुचि है। विशेष रूप से, गरीब लोगों के जीवन जीने के तरीके में सुधार लाने और उनके जीवन को सरल बनाने के लिए संयुक्त वैज्ञानिक और शैक्षिक परियोजनाओं पर काम करना।

नवाचार को प्रोत्साहित करना

चर्चा के दौरान, पीएम मोदी ने दोनों देशों के युवाओं से नवाचार पर काम करने का आग्रह किया। रूसियों ने गणित, आर्टिफिशियल इंटैलिजे़सी, रोबोटिक्स और संज्ञानात्मक विज्ञान सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। एल्गोरिथम दिमाग और आधुनिक युग के नवाचार भारत को लाभान्वित कर सकते हैं। भारत ने अटल इनोवेशन मिशन के माध्यम से नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल शुरू की हैं। दोनों देश अपनी दीर्घकालिक साझेदारी के आधार पर दोनों पक्षों के बीच तालमेल बनाने की योजना बना रहे हैं। नवाचार गरीबों और जरूरतमंद लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।

दोनों देश एकीकृत दीर्घकालिक कार्यक्रम के तहत, राष्ट्र विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचारों के क्षेत्र में सहयोग को पुनर्जीवित करने पर सहमत हुए हैं। यह पारस्परिक प्राथमिकता के वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में विभिन्न प्रयोगशालाओं, शिक्षाविदों, विश्वविद्यालयों, संस्थानों और संगठनों के बीच आगे सहयोग के लिए एक रोडमैप तैयार करके किया जाएगा।

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