व्यवसाय विचार

कैसे मल्टी यूनिट फ्रेंचाइज़िंग आपके व्यवसाय को प्रभावित करती है?

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jul 01, 2019 - 5 min read
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ऐसी कितनी फ्रेंचाइज़ी होती हैं जो एक स्टोर से शुरूआत करती है और फिर बाद में मल्टीस्टोर फ्रेंचाइज़ी बन जाते हैं? उनकी सफलता का क्या राज होता है? इसे जानने के लिए यह लेख पढ़े।

अगर आप एक फ्रेंचाइज़ व्यवसाय चला रहें है तो उसके विस्तार की योजना आपकी प्राथमिकताओं की सूची में सबसे ऊपर होनी चाहिए। मल्टी यूनिट फ्रंचाइज़िंग अधिकांश लोगों के लिए लाभकारी साबित होता है जो इस विकल्प के लिए आगे जाते है। यह मजबूत नेटवर्क पैन इंडिया या आवंटित क्षेत्रों को मजबूत करते हुए व्यवसाय के बहुत अच्छे मुनाफे देता है। यह फ्रेंचाइज़िंग मॉडल को समूह या भीड़भाड़ वाले नेटवर्क को बढ़ावा देने में भी मदद करता है और किसी निर्धारित जगहों या क्षेत्रों में ब्रांड की उपस्थिति को बढ़ाता है।

मल्टी-यूनिट फ्रेंचाइज़ फ्रेंचाइज़िंग का एक ऐसा प्रकार है जो लोकप्रियता, दर और पिछले कुछ दशकों को तेजी से प्रभावित कर रहा है। इस मॉडल के तहत फ्रेंचाइज़र हर एक जगह के लिए अक्सर ऑपरेटिंग प्रिंसीपल लेकर आता है।

हालांकि एक मल्टी-यूनिट फ्रेंचाइज़ी बनने के लिए बहुत अधिक निवेश की आवश्यकता होती है। यह बहुत अधिक स्थिरता और सफलता की उच्च दर प्रदान करता है क्योंकि इसमें फ्रेंचाइज़ी केवल एक जगह के स्टोर की सफलता पर निर्भर नहीं करता है।

यह मॉडल कितना उपयुक्त है?

यह मॉडल फ्रेंचाइज़िंग की एक रचनात्मक तकनीक है क्योंकि अगर चीजें काम करने लगती है तो यह लाभ लेकर आता है वह भी दोनों फ्रेंचाइज़र और फ्रेंचाइज़ी के लिए। यानी यह दोनों के लिए ही सफलता की स्थिति बनाता है।

मल्टी-यूनिट फ्रेंचाइज़िंग मॉडल पर अपने विचारों को साझा करते हुए राजेश जैन, सीईओ, लकॉस्ट ने कहा, “हमारी इस फील्ड में मल्टी यूनिट फ्रेंचाइज़िंग बहुत अच्छे से काम कर रही है। जब एक फ्रेंचाइज़ी भागीदार एक रास्ता अपनाता है और तब वे ब्रांड की आवश्यकता और व्यवसाय की जरूरत को ज्यादा बेहतर ढंग से समझने में सफल हो पाते है। इन नए रास्तों पर उन्हें केवल पहले के मॉडलों को दोहराने की आवश्यकता होती है। यह भविष्य में सफलता की भविष्यवाणी को आसान बनाता है क्योंकि उन्होंने पहले से ही एक या दो रास्तों को ऑपरेट किया हुआ होता है। यह मॉडल ब्रांड और फ्रेंचाइज़ी के दृष्टिकोण से बहुत ही उपयुक्त है क्योंकि ये उन्हें उचित पूर्वानुमान लगाने की अनुमति देता है।

“हम एक चयनात्मक नेटवर्क को फोलो करते है जहां पर हर एक खुल रास्ते को बहुत ही सावधानी से चुना जाता है। फैशन व्यवसाय में हो रहें बहुत से बदलावों के साथ फ्रेंचाइज़ी को आवश्यकता है कि उन्हें अपने डोमेन का ज्ञान हो और साथ ही इसके मर्चेडाइज़ को बहुत से स्टोरों तक पहुंचाने की क्षमता भी हो। एक मल्टी नेटवर्क की फ्रेंचाइज़ी इसे ज्यादा सक्रिय बनाता है। मर्चेंडाइस को उपयुक्त रूप से समझने के लिए केवल एक युनिट होना फ्रेंचाइज़ी के लिए बहुत मुश्किल होता है।“ ऐसा कहना है राजेश जैन का।

लाभ और हानि

इस फार्मेट को जिन लोगों ने अपनाया है उनमें से अधिकांश लोगों के लिए यह लाभकारी साबित हुआ है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इसके साथ अवसरों को प्राप्त करने की तेजी का लाभ और विकास दोनों साथ में आते है। 

मल्टी-यूनिट फ्रेंचाइज़ को चलाना आसान होता है क्योंकि फ्रेंचाइज़ी सिस्टम के ऑपरेशन, पॉलिसी और ब्रांड की प्रक्रिया को पहचानता है। एक अकेला स्टोर अपने साथ 100 प्रतिशत का जोखिम लेकर आता है मगर बहुत से यूनिट एक साथ खोलने पर जोखिम के साथ-साथ उनसे मिलने वाला रिटर्न भी आपस में बट जाता है। ऐसे में यदि एक आउटलेट अच्छे से काम नहीं कर रहा है तो उसके नुकसान को अन्य स्टोर की मदद से पूरा किया जा सकता है या उसकी भरपाई अन्य स्टोरों की मदद से की जा सकती है।

राजेश का यह विचार है कि “किसी भी व्यवसाय के लिए विशेषतौर पर रिटेल चेन में निरंतरता बहुत ही महत्वपूर्ण है। बिना किसी विशिष्ट जगह के विषय के बिना ग्राहक को हमारी तरह ही ब्रांड का अनुभव प्राप्त होना चाहिए। इसलिए मल्टी फ्रेंचाइज़िंग के मॉडल के साथ फ्रेंचाइज़ी पहले से ही ब्रांड की आवश्यकता या जरूरत को समझते है।“

मल्टी यूनिट फ्रेंचाइज़िंग बहुत से नुकसानों के साथ भी आता है। मल्टी यूनिट फ्रेंचाइज़ियों को फ्रेंचाइज़रों की नवीनता और मजबूती के लिए बहुत सावधानी से गुणवत्ता, इनोवेट करने की प्रवृत्ति का आकलन करने की आवश्यकता है।

राजेश जैन के शब्दों में, “एक व्यवसाय का नीचे गिरना सभी फ्रेंचाइज़ की यूनिट को प्रभावित करता है।“

जबकि वसंथ कुमार ने कहा है कि “अगर फ्रेंचाइज़ी में सही समय पर निवेश न किया जाएं तो ये बहुत से संसाधनों को नुकसान पहुंचा सकते है। जैसे-जैसे आप बड़े होते है तब उस समय उसपर निवेश भी बढ़ता है।“

मल्टी फ्रेंचाइज़िंग का सफर

कल्सटर फ्रेंचाइज़िंग पर अपने विचार को साझा करते हुए वसंथ कुमार, एग्जीक्यूटिव डायरैक्टर, मैक्स रिटेल, भारत ने कहा, “हम ब्रांड को मजबूत करने के लिए क्लसटर फ्रेंचाइज़ नेटवर्क रणनीति का अनुसरण करते है। हम भविष्य के विस्तार के लिए भी मल्टी-यूनिट फ्रेंचाइज़ी पैन-इंडिया की तरफ भी देख रहें है।“

उन्होंने कहा, “हम इस बात पर विश्वास करते है कि किसी निर्धारित जगह पर फ्रेंचाइज़ी का विकास करने पर वे बेहतर काम करती है एकल यूनिट फ्रेंचाइज़ी की तुलना में। केरल में हमारें पास दो मास्टर फ्रेंचाइज़ी है जोकि केरल में सभी फ्रेंचाइज़ नेटवर्क आउटलेट का विकास करने के लिए जिम्मेदार है और हम उनके प्रदर्शन से बहुत संतुष्ट है।“

राजेश जैन ने कहा, “लाकोस्ट केवल कंपनी के अधिकृत, कंपनी ऑपरेटिड (सीओसीओ) स्टोर को ही ऑपरेट करता है मगर हम हाल ही में फ्रेंचाइज़िंग के विकल्प के लिए भी सामने आएं है और कुछ मल्टी-यूनिट फ्रेंचाइज़ी भी शुरू कर चुके है। आगे जाते हुए हमारा विस्तार कोको और फ्रेंचाइज़ का मिश्रण बराबर अनुपात में देखने को मिलेगा और इन फ्रेंचाइज़ी स्टोर के कुछ महत्वपूर्ण संख्या को मल्टी -यूनिट फ्रेंचाइज़ियों द्वारा ऑपरेट किया जाएगा।“ इसमें जोड़ते हुए जैन ने कहा कि “मल्टीपल यूनिट, व्यवसाय में जोखिम को कम करने में भी मदद करता है।“

वसंत कुमार ने वहीं दूसरी ओर कहा, “एक फ्रेंचाइज़र के तौर पर हमने मल्टी यूनिट फ्रेंचाइज़ियों के लाभ को देखा है जोकि व्यवसाय में बेहतर योगदान देने में भी मदद करती है।

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