कोविड के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार सख़्ती से पालन कर रही है,ताकि भारत के लोग इस महामारी से लड़ सकें और नियमों के अनुसार अपने आप को बचा सकें।
आए दिन कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है, सरकार ने देश की जनता, छोटे व्यवसाय, प्राइवेट ऑफिस को इस महामारी से निपटने के कुछ नियमों को लागू किया है। चलिए बताते है।
प्राइवेट ऑफिस
जब भी कोरोना के केस बढ़ते हैं और संभलने की स्थिति में नहीं होते तो सबसे पहले प्राइवेट ऑफिस बंद करने के निर्देश दिये जाते हैं या फिर स्टाफ को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ आप अपने व्यवसाय को खोल सकते हैं। जैसे की आप देख सकते हैं कि इस वक्त राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेकाबू कोरोना संक्रमण की रफ्तार बहुत तेज़ है तो ऐसे में जरूरी सेवाओं से जुड़े दफ्तरों को छोड़कर सभी प्राइवेट ऑफिस को बंद कर दिया गया और अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के लिए दिया निर्देश दिया गया जिससे कि रोजगार बना रहे।
इस मामले में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जिसमे लिखा था की निजी दफ्तरों को 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति दी जाए।
महाराष्ट्र की बात करें तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 2021 मे बढ़ते मामलों को देखते हुए एक नई गाइडलाइन जारी की थी जिसमें लिखा था कि सभी प्राइवेट ऑफिसों को 50 फीसदी क्षमता के साथ चलना होगा। स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक सेवाओं में लगे ऑफिसों के अलावा सभी प्राइवेट ऑफिस को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाना होगा। इसके अलावा, सरकारी और अर्धसरकारी ऑफिसों के मामले में वहां के प्रमुख की तरफ से कोविड-19 प्रोटोकॉल्स का पालन करते हुए कर्मचारियों की मौजूदगी पर फैसला करना होगा। उत्पादन क्षेत्र पूरी क्षमता के साथ काम करेगा। हालांकि यह सलाह दी गई है कि प्रोडक्शन फ्लोर पर सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्षमता कम किया जा सकता है और पश्चिम बंगाल सरकार ने भी कार्यालयों में कर्मियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत रखी है। अब बात करते है होम आइसोलेशन, सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड टेस्ट के बारे में।
होम आइसोलेशन
अगर आप ऑफिस में काम कर रहे है और आप किसी के संपर्क में आते हैं जो पॉजिटिव हों लेकिन आपको पता नहीं है की वह पॉजिटिव है तो ऐसे में आप होम आइसोलेशन और कोरोना टेस्ट करवा सकते है, चलिए जानते है कैसे।
केंद्र सरकार ने अपनी गाइडलाइंस में कहा है कि कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव आने के 7 दिन बाद और लगातार 3 दिन तक बुखार नहीं आने के बाद होम आइसोलेशन ख़त्म हो जाएगा। इस अवधि के बाद मरीज़ को डिस्चार्ज किया जा सकता है। होम आइसोलेशन पीरियड ख़त्म होने के बाद मरीज को दोबारा टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। दरअसल केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से समय समय पर होम आइसोलेशन के लिए गाइडलाइंस अपडेट की जाती है, ताकि परिवार और मरीजों को यह मालूम रहे कि उन्हें क्या-क्या सावधानियां बरतनी हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग
आगर आप ऑफिस में बैठे हैं तो आप अपने साथी से दूरी बनाकर रखें। कोरोना के समय सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। महामारी के प्रसार को रोकने में मदद करने के लिए लोगों के बीच दूरी बनाए रखना ज़रूरी है। कोविड-19 के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए कम से कम 6 फीट की दूरी बनाना ज़रूरी। जैसे कि
कोविड टेस्ट कराए
अगर आपको लगता है कि आप की ऑफिस में तबीयत ठीक नहीं है और आपको फीवर है या फिर स्वाद नहीं आ रहा तो आप घर में ही रैपिड एंटीजन किट लाकर टेस्ट कर सकते हैं। या फिर अगर आप में कोरोना के लक्षण हैं लेकिन आपने ना तो पीसीआर ना ही रैपिड जांच कराई है तो आपको सबसे पहले मान लेना चाहिए कि आप संक्रमित हैं और जांच कराए जाने तक आइसोलेशन में रहना चाहिए।