कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण 27वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को वर्चुअल तरीके से कराने का फैसला किया गया है। यह फिल्म महोत्सव 7 जनवरी से 14 जनवरी तक चलेगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 7 जनवरी को राज्य सचिवालय से वर्चुअल तरीके से इस महोत्सव का उद्घाटन करेंगी और रबींद्र सदन में पहली फिल्म सत्यजीत रे की ‘अरण्येर दिन रात्रि’ दिखायी जाएगी।
पश्चिम बंगाल के संस्कृति मंत्री इंद्रनील सेन ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि शहर में 10 आयोजन स्थलों में 50 प्रतिशत लोगों के ही बैठने की क्षमता होगी। इस फिल्म महोत्सव में कुल 161 फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें 46 फिल्में 41 देशों की होंगी।
आपको शायद याद होगा की 26वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबान्न से वर्चुअली उद्घाटन किया था, जिसमें बालीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान भी वर्चुअली उपस्थित रहे। दिवंगत बांग्ला फिल्म अभिनेता सौमित्र चटर्जी की पहली फिल्म 'अपूर संसार' से फिल्मोत्सव का शुभारंभ हुआ था। फिल्म महोत्सव में उनकी कई फिल्में दिखाई गई थीं। 45 देशों की कुल 132 फिल्मों की आठ जगहों पर स्क्रीनिंग हुई थी, जिनमें 81 फीचर फिल्म और 51 लघु फिल्में और वृत्तचित्र शामिल थी।
कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव हर साल होता है। इसकी स्थापना 1995 में हुई थी। यह भारत का तीसरा सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टीवल है। यह महोत्सव पश्चिम बंगाल सरकार के तहत पश्चिम बंगाल फिल्म केंद्र द्वारा आयोजित किया जाता है।
फिल्म के ड्यूरेशन की बात करे तो फिचर्ड फिल्म 60 मिनट से निचे की नही होती है शॉर्ट फिल्म 30 मिनट से ज्यादा की नही होती है और डक्यूमेंटरी 60 मिनट या 60 मिनट से कम की होती है। प्रोडक्शंस 2 वर्ष से अधिक पुराने नहीं हो सकते हैं और यह एक भारतीय प्रीमियर होना चाहिए।
चलिए आपको बताते है कि फिल्म फेस्टिवल होता क्या है
फिल्म फेस्टिवल एक फिल्मकार के लिए आयोजित किया जाने वाला
फेस्टिवल होता है जिसमें नए और पुराने फिल्म निर्माताओं ने अपनी बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन सिनेमाघरों में किया होता है और उन फिल्मों में से सबसे बेस्ट फिल्म को चुन कर उन्हे सम्मानित किया जाता है।
फिल्म फेस्टिवल कई तरह के होते है जैसे की शार्ट फिल्म फेस्टिवल , फीचर फिल्म फेस्टिवल , डॉक्यूमेंट्री आदि।
किसी भी फिल्म फेस्टिवल का मुख्या उद्देश्य होता है नए फिल्मकार को एक मौका देना ताकि वो अपने टैलेंट को दुनिया के सामने रख सके। फिल्म फेस्टिवल में डायरेक्टर और प्रोडूसर भी मौजूद होते हैं इसमें जो भी फिल्मकार भाग लेते हैं उनको फिल्म इंडस्ट्री में काम मिलने के चांस और ज्यादा बढ़ जाते हैं |
अगर अपने कोई शार्ट फिल्म्स बनाई और उसे किसी अच्छी फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग किया गया तो उसी आईडिया के ऊपर फीचर फिल्म बनाने के ऑफर भी मिल जाते हैं। फिल्म फेस्टिवल के मदद से नए फिल्म निर्माताओं को एक पहचान मिल जाती है।
फिल्म फेस्टिवल में काफी ऑडियंस आते है जो फिल्म को देखती है और अच्छी फिल्मों को सपोर्ट करती है।
नए फिल्मकार के लिए ये सुनहरा मौका होता है अपने फिल्म को एक बड़े प्लेटफॉर्म में लेकर आने का और लोकप्रियता को हासिल करने का।