- Home
- Article
- व्यवसाय विचार
- कोविड के दौरान भारत, मेडिकल टेक्सटाइल में अग्रणी देश के रूप में उभरा: दर्शना विक्रम जरदोश
कपड़ा मंत्रालय ने राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन (एनटीटीएम) के अंतर्गत 13 सितंबर, 2023 को साउथ इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (एसआईटीआरए) के साथ मिलकर मुंबई में 'मेडिटेक्स 2023' का आयोजन किया। यह मेडिकल टेक्सटाइल में मौकों और अवसरों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन था। इस सम्मेलन में कई तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें मेडिकल टेक्सटाइल के मौजूदा लाभ और संभावनाएं, आयात विकल्प: स्वदेशी मेडिकल टेक्सटाइल उत्पादों का स्कोप और मांग, मेडिकल टेक्सटाइल उत्पाद, मेडिकल टेक्सटाइल्स में उद्यमिता का मार्ग - अवधारणा से बाजार तक, मेडिकल टेक्सटाइल्स के भविष्य की दिशा और मानक, प्रमाणन और नियामक आवश्यकताएं शामिल हैं। सम्मेलन के दौरान मेडिकल टेक्सटाइल्स में 15 वर्षों के अनुसंधान पर एक पुस्तक : ए क्रिस्टल जुबली पब्लिकेशन (2008 - 2023) भी जारी की गई।
केंद्रीय मंत्रालयों के अफसरों और प्रतिनिधियों, केंद्र और राज्य सरकारों के उपयोगकर्ता विभागों हेल्थ एंड मेडिकल, संस्थानों, उद्योग जगत की हस्तियों, विज्ञानी विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और मेडिकल टेक्सटाइल्स संबंधी पेशेवर इस सम्मेलन का हिस्सा बने। भारत सरकार की कपड़ा और रेलवे राज्य मंत्री, दर्शना विक्रम जरदोश इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची थीं। उन्होंने नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने, नए उत्पादों के व्यावसायीकरण को बढ़ाने और मेडिकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में नई तकनीकी प्रगति तक पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग के लिए अनुसंधान संगठनों, शिक्षा जगत और उद्योगों के बीच उच्च स्तर के सहयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
पीपीई किट और मास्क के दिग्गज
उन्होंने कोरोना काल के दौरान वैश्विक पटल पर भारत के उस बदलाव का उल्लेख किया, जो हमने पीपीई किट और मास्क के दिग्गज के रूप में खुद को उन दिनों पेश करके दिखाया था। विक्रम जरदोश ने बताया कि भारत कोविड ग्रेड पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) के गैर-उत्पादक देश से केवल छह महीने में पीपीई और एन-95 मास्क का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश बन गया था। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत में युवा सोच और स्टार्टअप्स को विशेष रूप से मेडिकल टेक्सटाइल सेगमेंट में समर्थन देकर मजबूत किया जाना चाहिए, ताकि प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ विजन को बढ़ावा दिया जा सके। विक्रम जरदोश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार भारत में कपड़ा और तकनीकी कपड़ा इको सिस्टम को समग्र रूप से मजबूत बनाने के लिए निरंतर नीतिगत सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कपड़े के लिए पीएलआई योजना, पीएम मित्र पार्क योजना और राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन (एनटीटीएम) सहित शुरू की गई विभिन्न योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने विभिन्न हितधारकों से अपने बहुमूल्य सुझाव सामने रखने का आग्रह किया, जो भारत में मेडिकल कपड़ा उद्योग के भविष्य के लिए एक ठोस रोडमैप बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे और प्रधानमंत्री के कर्तव्य काल के विजन को भी साकार करेंगी।
भारत में पैकटेक और मोबिलटेक
कपड़ा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव सक्सेना ने भारत में पैकटेक और मोबिलटेक की तुलना में कम हिस्सेदारी के बावजूद, जीवन की गुणवत्ता के साथ सीधे संबंध के कारण मेडिकल टेक्सटाइल की जीवन शक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में गहन अनुसंधान, विकास और कौशल के कारण भारत में मेडिकल कपड़ा बाजार हिस्सेदारी में मजबूती से वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, वैश्विक बाजार और घरेलू बाजार के संदर्भ में मेडिकल टेक्सटाइल में उत्पाद फोकस को फिर से स्थापित करने की जरूरत है। सक्सेना ने इस बात पर जोर दिया कि मेडिकल टेक्सटाइल में व्यापक नवाचार और अनुसंधान करने की आवश्यकता है। उन्होंने विशेष रूप से नवीन प्रौद्योगिकियों और सैनिटरी पैड, डायपर और अन्य सर्जिकल टांकों जैसी अत्यधिक आयातित मेडिकल टेक्सटाइल वस्तुओं के स्वदेशीकरण पर ध्यान केंद्रित करने पर बल दिया। सक्सेना ने कहा कि कपड़ा मंत्रालय विभिन्न मेडिकल टेक्सटाइल के नियामक पहलुओं पर सीडीएससीओ के साथ भी काम कर रहा है। उन्होंने यह घोषणा की कि वस्त्र मंत्रालय जल्द ही सैनिटरी पैड और डायपर सहित 6 मेडिकल वस्त्र वस्तुओं के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) अधिसूचित करेगा। राजीव सक्सेना ने तकनीकी कपड़ा उत्पादों और उपकरणों में अनुसंधान एवं विकास, स्टार्टअप दिशानिर्देश, (जीआरईएटी) और शिक्षा दिशानिर्देश 2.0 सहित उद्योग और संस्थानों को राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन (एनटीटीएम) के अंतर्गत विभिन्न दिशानिर्देशों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. शैलेश पवार, विज्ञानी-एफ, आईसीएमआर-एनआईवी ने भारत में मेडिकल उपकरणों के स्वदेशी विकास की व्यापक संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत, कोविड-19 महामारी जैसी स्वास्थ्य की आपात स्थितियों को लेकर सजग है और ऐसे किसी भी असामयिक परिस्थितियों से जूझने के लिए तैयारी में जुटा है। इस तैयारी में मेडिकल टेक्सटाइल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, कपड़ा उद्योग में स्थिरता और पुनर्चक्रण को मजबूत बनाने के लिए विशेष रूप से मेडिकल टेक्सटाइल उद्योग में बायो-डिग्रेडेबिलिटी के संदर्भ में नवाचार समय की मांग है। एसआईटीआरए के प्रशासन परिषद सदस्य एसके सुंदररमन ने तकनीकी कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कपड़ा मंत्रालय द्वारा की गई पहल की सराहना की।