भारत अब ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के तौर पर उभर रहा है, जिसे कुशल और शिक्षित युवा पीढ़ी की आवश्यकता है। अब उद्यमी भी उन संस्थानों पर निवेश करने योजना बनाते हैं जो आवश्यक आबादी के लिए कौशल विकास की जरूरी ट्रेनिंग देते हैं।
प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना एक ऐसी ही पहल है जो भारत की आबादी में कौशलता का विकास करने का कार्य कर रही है। इस योजना का लक्ष्य बढ़ी संख्या में भारतीय युवाओं को इंडस्ट्री से संबंधित कुशलता की ट्रेनिंग देना है ताकि वे उन्हें बेहतर जीवन-यापन करने में मदद करें। इस योजना के तहत, ट्रेनिंग और मूल्यांकन शुल्क का भुगतान सरकार करती है।
रोजगार अवसरों में वृद्धि
विशेष कुशलताएं आपको अवसर देती है, परिणामस्वरूप रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है। शुरुआत में व्यवसायों में ऐसे बहुत से लोगों को नियुक्त किया जाता था जिनमें बहुत सी कुशलताएं नहीं होती थी। लेकिन अब स्थिति बिलकुल भी वैसी नहीं रही है। आज के समय में प्रवेश स्तर पर भी आधारभूत कुशल योग्यता का होना आवश्यक हो गया है। विशेषज्ञों का दावा है कि इस तरह की कुशलता पाना से आपका कद ऊंचा होता है और आप भीड़ से अलग दिखते हैं। साथ ही अपने लिए रोजगार अवसर भी बनाते हैं। संक्षेप में कहें तो विशेष कौशलता आपके लिए रोजगार अवसरों के विस्तार को बढ़ा देते हैं।
व्यक्तिवाद का पोषण
एक तरह के कुशलता प्राप्त करने से अक्सर व्यक्तिगत सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। ऐसा माना जाता है कि यह मनोबल और आत्मविश्वास को बढ़ाता है जिसका प्रभाव स्पष्ट रूप से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व और उसकी उत्पादकता पर पड़ता है। साथ ही समय प्रबंधन, कम्युनिकेशन कुशलता और नेटवर्किंग को भी कई कुशलताओं को प्राप्त कर सीखा जा सकता है। अंत में, एक कुशल कर्मचारी हमेशा प्रतियोगिता जीतता है और अपने आपको एक सच्चे प्रोफेशनल के रूप में बदल देता है।
अपने कार्यबल में पेश करें कौशलता कार्यक्रम
उद्यम को प्रोत्साहित करने और रोजगार निर्माण का विकास करने के लिए अलग-अलग सेक्टर में उद्यमिता के लिए बहुत से कौशलता संबंधी कार्यक्रम के विशेष पाठ्यक्रम के साथ आ रहे हैं। छात्र को किसी के नीचे काम करने की ट्रेनिंग देने से बेहतर है कि लीडरशिप और नयेपन के इन कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया जाए। केवल आत्मविश्वासी और प्रतिस्पर्धी कार्यबल ही अर्थव्यवस्था को सफल बना सकती है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता प्रदर्शन को प्राप्त कर सकती है।