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- क्यों बढ़ रही है होम बेस्ड हेल्थ केयर सर्विस की मांग? जानें कारण
वर्तमान में विश्व के हेल्थकेयर जगत में होम बेस्ड हेल्थकेयर को एक नए उभरते रूप में देखा जा रहा है। जितनी तेजी से भारतीय हेल्थकेयर बाजार बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी के साथ अस्पतालों की मेडिकल सर्विस की कीमतें भी बढ़ती जा रही हैं।
तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और क्वालिटी की मांग व कुशल मेडिकल केयर ने होम बेस्ड हेल्थकेयर सर्विस के लिए बाजार खोला है। इस इंडस्ट्री ने ये वादा किया है कि 80 प्रतिशत तक जो केयर अस्पताल में एक रोगी को दी जाती है वे घर के माहौल में उसे दे सकते हैं, वो भी सही मार्गदर्शन और क्रियांवन के साथ। होम बेस्ड हेल्थ केयर के और भी बहुत से लाभ हैं जिनकी जानकारी राजीव माथुर, सीईओ एंड फाउंडर, क्रिटिकल केयर यूनिफाइड ने दी हैं।
आइए जानते हैं इन जानकारी के बारे में।
सुविधा
सुविधा एक ऐसा कारक है जिसकी इच्छा परिवार के सभी सदस्य करते हैं। लेकिन अक्सर अस्पताल अपने साथ स्वास्थ्य जांच या डॉक्टर से जाकर मिलने वाली बहुत सी असुविधाओं को लेकर आता है। जबकि दूसरी तरफ, सक्षम मेडिकल स्टाफ और उपकरणों की श्रृंखला आपको घर के आराम में मिल सकती है जो रोगी और उसके परिवार को अस्पताल जाकर जांच कराने से जुड़ी परेशानियों से बचा सकती है।
संक्रमण नियंत्रण
घर का साफ वातावरण संक्रमण जैसी परेशानी को काफी सीमा तक खत्म कर सकता है। कई गंभीर बीमारियों में घर पर की जाने वाली देखभाल, अस्पताल की देखभाल से ज्यादा प्रभावी साबित होती है।
कीमत
भारत में मध्यम वर्ग के लिए प्राइवेट हेल्थकेयर काफी महंगे साबित होते हैं। ऐसी परिस्थिति में, होम हेल्थ केयर की कीमत प्रभावी विकल्प बन सकती है। घर पर ही आईसीयू की सुविधा, उपकरण और मेडिकल जांच करने में 8500 से लेकर 10,000 प्रति दिन की कीमत लगती है जो अस्पताल की तुलना में बहुत कम है।
पूरा ध्यान, पूरी सावधानी
अक्सर, जब भी अस्पताल की बात आती है तो वहां पर गंभीर समस्या ग्रस्त रोगी के प्रति स्टाफ का हर समय पूरा ध्यान रख पाना संभव नहीं होता है। लेकिन घर पर हेल्थ केयर करने पर आपको ऐसा स्टाफ मिलता है जो घर पर रोगी का हर समय पूरा ध्यान रखता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि अस्पताल पर जहां स्टाफ एक साथ कई रोगियों को देख रहे होते हैं वहीं दूसरी ओर घर पर नियुक्त स्टाफ का ध्यान केवल आपके रोगी पर ही होता है।