आज किसी-भी तरह के फ्रैंचाइजी व्यवसाय की तुलना में सबसे ऊपर खाद्य उद्योग है। उद्योग के विशेषज्ञों और शीर्ष उद्योग निकाय 'भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल' द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत में त्वरित सेवा रेस्तरां वर्तमान में 25 प्रतिशत की संयुक्त वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से आगे बढ़ रही है और 2020 तक इसकी रूपये 8,500 करोड़ के मौजूदा स्तर से रूपये 25,000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
यह उम्मीद की जा रही है कि 34 करोड़ की मौजूदा शहरी आबादी की तुलना में 2020 तक भारत की 35 प्रतिशत आबादी शहरी इलाकों में होगी, जो कि संख्या में 52 करोड़ को छू लेगी। इसलिए शहरी ग्राहक को खाने में तो कम से कम बहुत सारे अच्छे विकल्प देने पड़ेंगे।
खाद्य विकल्पों की अधिकता
अच्छी कमाई और व्यस्तता के साथ अधिकांश कामकाजी युवा आबादी अपनी जल्दी से कुछ खाने को प्राथमिकता देती हैं। वह अब स्वस्थ, लेकिन त्वरित खाद्य विकल्प ढूंढते हैं, तो अब सलाद रोल्स के रूप में त्वरित खाने योग्य तैयार भोजन (टेकअवे) और इससे भी बेहतर, तय खाद्य विकल्पों की घर-पहुंच सेवा के फ्रैंचाइजी मॉडल हाजिर है। फ्रैंचाइजी व्यवसाय में मुख्य खाद्य पदार्थ पर टिके रहें और देखें कि आपके टारगेट कस्टमर उस पदार्थ के प्रति कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। समुचित लाभ कमाने के लिए आपको मैक्डोनाल्ड्स की तरह बड़ी मात्रा में बिक्री करनी होगी।
सफलता या असफलता
कुछ समय पहले रितु डालमिया और ज़ोरावर कालरा जैसे खाद्य दिग्गजों के अनुसार खाद्य जगत में बने रहने के लिए किसी रेस्तरां की सफलता दर केवल 7 प्रतिशत होती है, लेकिन कहानी अभी-भी कुछ हद तक वैसी ही है, ‘जब तक कि आप अपनी मुख्य पेशकश की गुणवत्ता को बनाए न रख सकें तब तक खाद्य व्यवसाय में आना जोखिम भरा काम हो सकता है।’ विशेषज्ञ कहते हैं।
गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आपके स्थान से निकलने वाले हर खाद्य आर्डर पर ध्यान देना सबसे अच्छा होता है, तो अगर आप एग्रीगेटर के माध्यम से अपनी सुपुर्दगियाँ करते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि हर सुपुर्दगी अनुभव संतोषजनक हो। इसलिए अपने लक्षित ग्राहकों से संपर्क में रहने के माध्यम हमेशा खुले रखें। एप्लीकेशन आधारित आर्डर्स के साथ यह आसान हो गया है, लेकिन पूरी सफलता की कुंजी है कि आने वाली प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दे और जहाँ भी जरूरी हो, सुधारात्मक कार्रवाई करें।
नवाचार करें और आगे बढ़े
एक फ्रैंचाइजी को अपने आसपास की गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही फ्रैंचाइजर को खुद भी यही करना चाहिए। टिके रहने और फिर उत्कृष्ट होने के लिए नयापन करते रहना चाहिए। ग्राहक अनुभव सत्र कीजिए, किसी निश्चित राशि या उससे ज्यादा के आर्डर्स पर निःशुल्क सेंपल्स दीजिए और अपने ग्राहक से पूछिए कि उनके खाद्य अनुभव में वह अगला सर्वोत्तम अनुभव क्या चाहते हैं। यह एक निरंतर प्रक्रिया होनी चाहिए, जब तक कि आप बाजार के संकेतों को देखना न सींख लें और फ्रैंचाइजी मॉडल में तेजी से नवाचार शामिल न कर पाएं। एक फ्रैंचाइजर के तौर पर अपने फ्रैंचाइजी सहयोगियों के साथ सत्र आयोजित करें और संभावित नवाचार पर उनकी प्रतिक्रिया लें। आप माने या न माने, भोजन के व्यवसाय में श्रेष्ठ होने के लिए ग्राहकों का स्वाद बदलने के साथ ही आपको भी फ़ौरन नवप्रवर्तनशील होना चाहिए।
अगर मेकडोनाल्ड्स ने अपने खाद्य पदार्थों की ‘भारतीयकृत’ श्रेणी विकसित न की होती तो भारत के दुर्लभ बाजार में कदम रखने के पहले ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया होता।