अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ का प्रमोशन हुआ है और अब वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की पहली डिप्टी मैनेजींग डायरेक्टर बनेगी। अब वह आगले साल 21 जनवरी 2022 से इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगी। जियोफ्रे ओकामोटो के इस्तीफा देने के बाद उन्हे इस पद पर नियुक्त किया गया।
गीता गोपीनाथ पिछले 3 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में काम कर रही है लेकिन अब उन्हे एक उचा पद दिया गया है।
आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने कहा कि गीता गोपीनाथ पहली महिला चीफ इकोनॉमिस्ट थीं। हमें इस बात की खुशी है कि वह अपनी सेवाएं जारी रखेंगी और अब डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में काम करेंगी। आईएमएफ में उनकी सेवाएं शानदार रही हैं। खासकर उन्होंने ग्लोबल इकॉनमी और आईएमएफ की मदद के लिए बौद्धिक नेतृत्व प्रदान किया है और हमारे समय के सबसे बदतर आर्थिक संकट में उतार-चढ़ाव से निकलने का रास्ता दिखाया है।
गीता का जन्म भारत में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की पढ़ाई की और फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ही मास्टर की पढाई पूरी की। इसके बाद 1994 में वह वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं। साल 1996 से 2001 तक उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की।
गीता गोपीनाथ वर्ष 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं, जिसके बाद उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर ज्वाइन किया। अगले 5 वर्षों में यानी 2010 में वह इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गईं। व्यापार एवं निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजारों की समस्याओं पर उन्होंने लगभग 40 शोध-पत्र भी लिखे हैं।