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- गूगल एयरटेल की पार्टनरशिप छोटे व्यवसायों को डिजिटल उपकरण अपनाने में मदद करेगी
आजकल डिजिटल डिवाइस का प्रचलन बहुत ज्यादा बढ़ गया है और लोग इन उपकरणों का उपयोग बहुत ज्यादा कर रहे है। कई प्रकार के डिजिटल डिवाइस का उपयोग हमारे जीवन के लगभग सभी कामों में और विभिन्न कार्यस्थलों में किया जाने लगा हैं, जिसके चलते अधिकांश कार्य अब पहले से ज्यादा आसान बन चुके हैं।
डिजिटल उपकरणों की वजह से सूचना का आदान-प्रदान, ऑफिस के काम, पैसों का लेनदेन करना, किसी वस्तु-विशेष के बारे में जानकारी निकालना, घर बैठे शॉपिंग करना आदि आम बात हो गई हैं।
डिजिटल उपकरणों में तकनीकी के साथ-साथ फीचर्स भी बहुत अच्छे होते है, जो हमारे लिए बहुत उपयोगी और फायदेमंद होते हैं। लगभग सभी डिजिटल डिवाइस में पोर्टेबिलिटी, परफॉर्मेंस, यूजर इंटरफेस, सिक्युरिटी फीचर, कनेक्टिविटी, मीडिया सपोर्ट, ऊर्जा खपत और अनुप्रयोग आदि सभी फीचर्स पाए जाते हैं। इस प्रकार डिजिटल उपकरण हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डिजिटल उपकरणों के उपयोग से बहुत से लाभ देखने को मिल रहे हैं। काफी सारे लोग इस तकनीक का उपयोग करके इसके अच्छे लाभ ले रहे हैं। गूगल की बात करे तो गूगल एक अरब से अधिक भारतीयों को स्मार्टफोन तक सस्ती पहुंच प्रदान करने के लिए भारत के एयरटेल के साथ पार्टनरशिप में 1 बिलियन डॉलर तक का निवेश करेगा।
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि निवेश भारत के छोटे व्यवसायों को डिजिटल उपकरण अपनाने में मदद करेगा क्योंकि भारत महामारी के बीच डिजिटल शिक्षा, भुगतान और ई-कॉमर्स को अपनाने के लिए काम करता है। यह व्यवसाय के लिए क्लाउड-आधारित कंप्यूटिंग के उपयोग को भी गति देगा।
2020 में लॉन्च किए गए ' गूगल फॉर इंडिया डिजिटाइजेशन फंड' के हिस्से के रूप में, गूगल एयरटेल में 1.28 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए $700 मिलियन का भुगतान करेगा।
एयरटेल ने एक बयान में कहा कि वह अगले 5 वर्षों में कमर्शियल एग्रीमेंट के लिए 30 करोड़ डॉलर तक की प्रतिबद्धता भी जता रही है। कंपनी ने 5जी और अन्य स्टैंडर्ड के लिए संयुक्त रूप से सॉफ्टवेयर विकसित करने की भी योजना बनाई है। एयरटेल दक्षिण एशिया और अफ्रीका के 17 देशों में 480 मिलियन से अधिक ग्राहकों के साथ एक भारतीय वैश्विक संचार समाधान प्रदाता है।
गूगल की सेवाओं को भारत में 100 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं द्वारा एक्सेस किया जाता है। इसे भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के साथ कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें कहा गया है कि कंपनी ने स्मार्ट टीवी बाजार सेगमेंट में अपने एंड्रॉइड सिस्टम की प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग किया है।
नियामकों का तर्क है कि स्मार्ट टीवी के निर्माताओं के पास एंड्रॉइड का कोई विकल्प नहीं है और इसलिए वे गूगल के ऐप्स इंस्टॉल करने के लिए बाध्य हैं।
गूगल ने किसी भी उल्लंघन से इनकार करते हुए कहा है कि इसकी लाइसेंसिंग प्रथाएं कानून का पालन करती हैं।