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- ग्रामीण भारत में औद्योगीकरण को बढ़ावा दे रहे एमएसएमई: भानु प्रताप सिंह वर्मा
भारत सरकार की ओर से वीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर जालौन में आयोजित हुआ सम्मेलन
राष्ट्रीय एससी-एसटी हब कार्यालय (एनएसएसएचओ) जालौन की भी हुई शुरुआत
भारत सरकार की ओर से जालौन में वीरांगना झलकारी बाई की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय एससी-एसटी हब मेगा कॉन्क्लेव सम्मेलन का आयोजन हुआ। यह सम्मेलन मुख्यतः राष्ट्रीय एससी-एसटी हब और मंत्रालय की अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया। इसका आयोजन वीरांगना झलकारी बाई की याद में झलकारी बाई जयंती के अवसर पर किया गया। झलकारी बाई एक महान स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने झांसी की रानी के साथ स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। इस मौके पर भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय में राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा द्वारा राष्ट्रीय एससी-एसटी हब कार्यालय (एनएसएसएचओ) जालौन की भी शुरूआत की गई। इसके अलावा सम्मेलन में आयोजित विभिन्न सत्रों के जरिए आकांक्षी मौजूदा उद्यमियों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के विभागों, केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों और उद्योग संघों के साथ बातचीत का मंच भी उपलब्ध कराया गया। इस अवसर पर सामाजिक कल्याण, अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड ने उद्यमशीलता के महत्व और राज्य की एससी-एसटी जनसंख्या के सामाजिक-आर्थिक, शैक्षणिक और वित्तीय उत्थान की दिशा में की गई विभिन्न पहलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उद्यमियों से राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने के लक्ष्य के विषय में भी बात की।
वर्मा ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और भारत से होने वाले सकल निर्यात में योगदान को देखते हुये भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई न केवल बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हैं बल्कि यह ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में औद्योगीकरण को बढ़ावा भी देते हैं। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिये सरकार की विभिन्न योजनाओं से उत्पन्न संभावनाओं का भी जिक्र किया और कहा कि इस सम्मेलन के जरिये राज्य के एससीएसटी उद्यमी नए-नए तौर तरीकों, व्यावसायिक अवसरों की खोज कर सकेंगे और इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएंगे। एमएसएमई मंत्रालय में संयुक्त सचिव मर्सी एपाओ ने मंत्रालय की अन्य प्रमुख योजनाओं के साथ ही एससीएसटी उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय एससी-एसटी हब योजना के तहत चल रही योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने सम्मेलन में पहुंचे सभी भागीदारों से एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया।
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विधायक गौरी शंकर वर्मा ने ओरई, जालौन (उत्तर प्रदेश) में राष्ट्रीय एससी-एसटी हब कार्यालय (एनएसएसएचओ) की स्थापना को लेकर कहा कि इससे एससीएसटी युवाओं को उद्यमशीलता के रास्ते पर बढ़ने में मदद मिलेगी और मौजूदा उद्यमों को उन्नत बनाया जा सकेगा। उन्होंने भागीदारों से सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाने का आग्रह करते हुए उन्हें रोजगार तलाशने की बजाए रोजगार देने वाला बनने पर जोर दिया। सम्मेलन में केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई), बैंकों और कर्ज देने वाले वित्त संस्थानों के साथ एक विशेष तकनीकी सत्र का भी आयोजन किया गया। इस दौरान दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल), भारतीय परमाणु उर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल), उत्तर मध्यम रेलवे, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, गेल इंडिया लिमिटेड, बुंदेलखंड सौर उर्जा लिमिटेड (बीएसयूएल), नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड जैसे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों ने अपने कामकाज में विक्रेताओं को शामिल करने की प्रक्रिया को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया साथ ही एससी-एसटी स्वामित्व वाले लघु और मध्यम उद्यमों से खरीदे जाने वाले उत्पाद सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी।
कार्यक्रम में सिडबी, आईएफसीआई, उद्यम पूंजी कोष और इंडियन बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों ने भी भाग लिया और एमएसएमई क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न ऋण योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। जीईएम और यूपीएसएफडीसी जैसी अन्य सरकारी संस्थाओं ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और एमएसएमई की सुविधा के लिये बनी अपनी योजनाओं के बारे में बताया। कार्यक्रम में एससीएसटी एमएसई भागीदारों के लिये प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना और उद्यम पंजीकरण के लिए सीएससी जालौन सहायता डेस्क भी मौजूद थी, जिसमें स्थल पर ही पंजीकरण सुविधा उपलब्ध कराई गई।
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