ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस (जीबीए) जी20 के रूप में भारत की एक पहल है। इस गठबंधन का लक्ष्य टेक्नॉलॉजी के विकास को सुविधाजनक बनाना, टिकाऊ जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना, हितधारकों की व्यापक स्तर पर भागीदारी के माध्यम से मजबूत मानक निर्धारण और प्रमाणन को आकार देकर जैव ईंधन के वैश्विक विकास में तेजी लाना है। जीबीए का लक्ष्य एक ऐसे उत्प्रेरक प्लेटफॉर्म के रूप में काम करना है, जो जैव ईंधन के विकास और व्यापक रूप से इसे अपनाने के लिए वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहन देगा।
पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस के माध्यम से दुनिया को जैव ईंधन पर एक नया रास्ता दिखाएगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट की एक श्रृंखला के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करते हुए मंत्री ने कहा कि 'वसुधैव कुटुंबकम' के मंत्र का पालन करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का यह प्रयास निश्चित रूप से दुनिया भर में पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता को कम करेगा।
वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में इतिहास रचते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस (जीबीए) के शुभारंभ की घोषणा की थी। पहले ही 19 देश और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस गठबंधन में शामिल होने के लिए सहमत हो चुके हैं। ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस (जीबीए) जैव ईंधन को अपनाने की सुविधा के लिए सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योग का गठबंधन विकसित करने के लिए भारत के नेतृत्व वाली एक पहल है। जैव ईंधन के विकास और तैनाती के लिए जैव ईंधन के सबसे बड़े उपभोक्ताओं और उत्पादकों को एक साथ लाते हुए, इस पहल का उद्देश्य जैव ईंधन को ऊर्जा बदलाव की कुंजी के रूप में स्थापित करना, नौकरियों और आर्थिक विकास में योगदान देना है।
ऊर्जा क्षेत्र में नया इतिहास
हरदीप पुरी ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर जीबीए के लॉन्च के साथ स्वच्छ और हरित ऊर्जा के लिए दुनिया की खोज को ऐतिहासिक गति मिली है। उन्होने कहा कि जी20 देशों और ऊर्जा से संबंधित वैश्विक संगठनों जैसे इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए), इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (आईसीएओ) वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ( डब्लयूईओ), और विश्व एलपीजी एसोसिएशन द्वारा ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस मजबूत होगा। वैश्विक जैव ईंधन व्यापार और सर्वोत्तम प्रथाएं सदस्यों को ऊर्जा का सफलतापूर्वक सामना करने की अनुमति देती हैं। इससे हमारे किसानों को आय के अतिरिक्त स्रोत के रूप में 'अन्नदाता से ऊर्जादाता' बनने में मदद मिलेगी। पिछले 9 वर्षों में हमने अपने किसानों को 71,600 करोड़ रूपये दिए हैं। उन्होंने कहा कि 2025 तक ई20 लागू होने के साथ भारत तेल आयात में लगभग 45,000 करोड़ रूपये और सालाना 63 मीट्रिक टन तेल बचाएगा।
ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस (जीबीए) मूल्य श्रृंखला में क्षमता-निर्माण अभ्यास, राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता और नीतियों के साथ साझाकरण को बढ़ावा देकर टिकाऊ जैव ईंधन के विश्वव्यापी विकास और तैनाती का समर्थन करेगा। यह उद्योगों, देशों, ईकोसिस्टम के प्रमुख हितधारकों को मांग और स्पलाई में सहायता करने के साथ-साथ टेक्नोलॉजी प्रदाताओं को अंतिम उपयोगकर्ताओं से जोड़ने के लिए एक आभासी बाज़ार जुटाने की सुविधा प्रदान करेगा। यह जैव ईंधन अपनाने और व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों, कोड, स्थिरता सिद्धांतों और विनियमों के विकास, अपनाने और लागू करने की सुविधा भी प्रदान करेगा।
यह पहल भारत के लिए कई मोर्चों पर फायदेमंद होगी। जी20 की अध्यक्षता के एक ठोस परिणाम के रूप में ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस (जीबीए) विश्व स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा। इसके अलावा, गठबंधन सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा। टेक्नॉलोजी और उपकरण निर्यात के रूप में भारतीय उद्योगों को अवसर प्रदान करेगा। यह भारत के मौजूदा जैव ईंधन कार्यक्रमों जैसे पीएम-जीवनयोजना, सतत और गोबर-धन योजना में तेजी लाने में मदद करेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि, नौकरियां पैदा करने और भारतीय इकोसिस्टम के विकास में योगदान मिलेगा। वर्ष 2022 में वैश्विक इथेनॉल बाजार का मूल्य 99.06 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और 2032 तक 5.1 प्रतिशत की सालाना से बढ़ने और वर्ष 2032 तक 162.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने का अनुमान है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी के विजयकुमार ने कहा जी20 जैव ईंधन पहल ने भारत के चीनी उद्योग की संभावनाओं को बढ़ावा दिया है। स्थिरता और नवीकरणीय ऊर्जा पर वैश्विक सहमति है, इसलिए जी20 शिखर सम्मेलन में प्रस्तावित जैव ईंधन गठबंधन को सही गंभीरता से लिए जाने की संभावना है। चूंकि भारत ब्राजील के बाद चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, इसलिए भारतीय चीनी उद्योग को पेट्रोलियम उत्पादों के साथ इथेनॉल मिश्रण बढ़ाने के निर्णय से लाभ होगा। पिछले एक महीने के दौरान चीनी की कीमतों में लगभग 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, चीनी कंपनियों के लिए संभावनाएं बेहतर हुई हैं। लेकिन अच्छी खबर पहले से ही कीमत में है क्योंकि कई चीनी स्टॉक 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।