सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनिफैक्चर्स (एसआईएएम) के अनुसार, वर्तमान में भारतीय ऑटोमोटिव सैक्टर 74 बिलियन डॉलर और 2026 तक यह इंडस्ट्री 300 बिलियन डॉलर के टर्नओवर को प्राप्त कर लेने का अनुमान है। यह कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट का 15 प्रतिशत है।
ग्लोबल ऑटोमोटिव इंडस्ट्री वाहन के डिजाइन और वितरण से लेकर बाजार में बिक्री और सर्विस के क्षेत्र में मेजबानी में बदलाव को देख रहा है। अंबेसडर और मारूति से लेकर जैगुआर और बेन्टली तक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने स्मरणीय बदलावों की प्रक्रिया के खोज में बहुत लंबा सफर तय किया है।
अगर आपको वास्तव में कार के साथ काम करने का जुनून है तो आप अपनी इस पसंद को अपने करियर में एक ऑटोमोटिव फ्रेंचाइज़ को खोलकर कर सकते है। अपना ऑटोमोटिव व्यवसाय को शुरू करना महंगा और भ्रामक हो सकता है। मगर फ्रेंचाइज़िंग आपको शुरूआत करने और अपने व्यवसाय को चलाने में मार्गदर्शन करती है। एक जानी पहचानी फ्रेंचाइज़ जिसके साथ एक बड़ा या मजबूत ब्रांड का नाम हो वह भी ग्राहकों को प्राप्त करने में आपकी मदद करता है।
मुख्य कारक :
बाजार के बीच के अंतर को दूर करने के लिए और देश के हर एक कोने में रह रहें ग्राहक को सेवाएं देने के लिए बहुत से ब्रांड फ्रेंचाइज़ मार्ग को अपना रहें है और भावी उद्यमियों को नए व्यवसाय के अवसर दे रहें है। कुछ महत्वपूर्ण विकास के कारण हैं :
आसान फाइनेंस
आजकल कार को खरीदने का कार्य आसान और आरामदायक हो गया है क्योंकि अब कार लोन आसानी से उपलब्ध हो जाते है और यह एक महत्वपूर्ण कारक है जिसकी वजह से कार सर्विस सैक्टर में उछाल आ रहा है।
रख-रखाव
लोग आपनी मेहनत की कमाई को कार में निवेश करते है और इसलिए उन्हें अपनी कार के लिए बेहतर गुणवत्तापूर्ण रख-रखाव की भी आवश्यकता होती है। यह केवल ब्रांडेड सर्विस सेंटर के द्वारा ही उपलब्ध कराया जा सकता है।
विशेष उपकरण
महंगी कारों के लिए विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है जोकि स्थानीय कार सेंटर से उपलब्ध नहीं हो पाते है। इसलिए एक बड़ा अप्रमाणिक बाजार सर्विस में है और आज की जटिल कारों को इन छोटी दुकानों पर ठीक नहीं किया जा सकता है। प्रशिक्षण, पार्ट्स और उपकरणों की इसमें आवश्यकता होती है जोकि हम ऑथराइज़्ड सर्विस सेंटरों की तुलना में कम कीमत पर उपलब्ध करा सकते है।
इसलिए ऐसे आउटलेट की अलग ही बात होती है क्योंकि यह मल्टीब्रांड होता है और यह ग्राहकों की ऑटो आवश्यकताओं को पूरा करने की एक दुकान होता है। इंडस्ट्री कई सालों से विकास कर रही है और विविधताओं की चुनौतियों का सामना कर रही हैं जैसे बदलाव, एकीकरण व पुनर्गठन और इसलिए यह नए बाजार की स्थिति को अपना रही है।
दिग्गज उद्यमी
कंपनियां जैसे पॉपुलर कार वर्ल्ड, महिन्द्रा फर्स्ट चॉइस, एवरब्राइट एंटरप्राइज़ेस देश भर में फ्रेंचाइज़ के मार्ग को फैलाने में ध्यान केन्द्रित कर रही हैं। कार उद्यमी इस इंडस्ट्री में विस्तार के लिए फ्रेंचाइज़ को अपना रहें हैं। फ्रेंचाइजिं़ग एक बेहतरीन तरीका है बाजार के अवसरों का विस्तार देश के हर एक कोने तक करने का। यतिन चड्ढा, वीपी (फ्रेंचाइज़ बिजनेस), महिन्द्रा फर्स्ट चॉइस ने अपने विचार इस प्रकार दिए हैं, इस व्यवसाय की प्रकृति ऐसी है जिसमें एंटरप्रिनरल है और स्थानीय ज्ञान की आवश्यकता है जिसे कुछ मजबूत प्रक्रियाओं के सैट से जोड़ना आवश्यक है ताकि इस व्यवसाय को हर रोज के व्यवसाय में करने के लिए प्रयोग किया जा सकें।
इस प्रकार यह फ्रेंचाइज़िंग को व्यवसाय के विकास के लिए बहुत ही आकर्षक बना देता है।“ बहुत ही आकर्षक फ्रेंचाइज़िंग मॉडल जो किसी फ्रेंचाइज़ी को आकर्षक आरओआई देते हो तो बहुत से भागीदार खुशी-खुशी इसमें भाग लेंगे और ऑटोमोबाईल इंडस्ट्री के हिस्सेदार बनेंगे जो इस बाजार का विकास करने में भी मदद करेगा।