आज के दौर में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, चार्जिंग तकनीक में नई-नई इनोवेशन जरूरी हो गई हैं। यह केवल तकनीकी उन्नति का सवाल नहीं है, बल्कि इसे व्यापक समाज, पर्यावरण और व्यावसायिक आवश्यकताओं से जोड़कर देखा जा रहा है। चार्जिंग अब एक स्टैंडअलोन प्रक्रिया नहीं रह गई है, बल्कि इसे एक समग्र इकोसिस्टम का हिस्सा बनाया जा रहा है।
1.इकोसिस्टम पर ध्यान
चार्जिंग टेक्नोलॉजी में सबसे बड़ी इनोवेशन यह है कि इसे व्यापक समाज से जोड़ा जा रहा है। चार्जिंग की सफलता के लिए सहयोग और साझेदारी महत्वपूर्ण हो गई है।
2.मल्टी-पावर चार्जिंग टेक्नोलॉजी
आज चार्जिंग तकनीक इस दिशा में आगे बढ़ रही है कि एक ही चार्जर अलग-अलग पावर रेटिंग (जैसे 30kW, 50kW, 200kW) पर चार्जिंग कर सके। यह तकनीक सभी प्रकार के वाहनों के लिए उपयुक्त है और एक ही स्थान पर विभिन्न वाहनों को चार्ज करने की सुविधा देती है।
3.तेज और कुशल चार्जिंग
फास्ट चार्जिंग सिस्टम में लगातार सुधार किया जा रहा है ताकि वाहन तेजी से चार्ज हो सकें। खासतौर पर हाईवे और शहरों के बाहर ट्रांसपोर्ट के दौरान चार्जिंग समय को कम करने पर ध्यान दिया जा रहा है।
4. नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग
चार्जिंग स्टेशन अब सोलर और विंड जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से जोड़े जा रहे हैं। यह न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि चार्जिंग को भी अधिक किफायती और टिकाऊ बनाता है।
5.सॉफ्टवेयर और डिजिटल इनोवेशन
चार्जिंग व्यवसाय को सरल बनाने के लिए नई डिजिटल तकनीकों का विकास किया जा रहा है। अब सॉफ़्टवेयर प्लेटफॉर्म के माध्यम से कोई भी व्यक्ति आसानी से चार्जिंग व्यवसाय शुरू कर सकता है।
6. ग्लोबल विस्तार
चार्जिंग तकनीक को अब केवल भारत तक सीमित न रखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह न केवल टेक्नोलॉजी के विस्तार का संकेत है, बल्कि भारत को ग्लोबल ईवी मार्केट में एक महत्वपूर्ण प्रमुख बनाने का प्रयास भी है।
टेरा चार्ज के सीईओ अकिहिरो यूईडीए ने कहा चार्जिंग तकनीक में इनोवेशन का मतलब केवल नए प्रोडक्ट्स या तकनीकों को लाना नहीं है। हमारा मानना है कि चार्जिंग एक स्टैंडअलोन प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक बड़े इकोसिस्टम का हिस्सा है। इसीलिए, हम चार्जिंग को समाज के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने पर काम कर रहे हैं।
हम फ्लीट, सोसाइटी, अस्पतालों और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि पूरी समाज के लिए समाधान तैयार किया जा सके। यह पूरी सोच और इकोसिस्टम को मजबूत करना ही हमारी नई इनोवेशन है।
2025 की रणनीतियाँ और योजनाएँ
1.चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाना: फिलहाल हमारे पास 500 से 600 चार्जिंग स्टेशन हैं। 2025 तक हम इसे 2x से 3x करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
2.औद्योगिक साझेदारी का विस्तार: हम और अधिक इंडस्ट्रियल पार्टनर्स और स्टेकहोल्डर्स के साथ काम कर रहे हैं। इसमें न केवल प्राइवेट सेक्टर, बल्कि सरकारी सहयोग भी शामिल है।
2024 में टेरा चार्ज की बिक्री का अनुमान
अकिहिरो ने कहा सटीक आंकड़े बताना मुश्किल है, लेकिन हम 2024 तक कंपनी को सकारात्मक राजस्व के करीब ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी रणनीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है:
1.OEM के रूप में चार्जिंग समाधान बेचना।
2.CPO के रूप में चार्जिंग सेवा प्रदान करना।
3.ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करना, जिसे कोई भी अपनी चार्जिंग बिजनेस शुरू करने के लिए उपयोग कर सके।
इन तीन स्तंभों के सहारे, हम कंपनी को लाभदायक बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
भविष्य की योजनाएँ
अकिहिरो ने आगे कहा की हमारा लक्ष्य पूरे चार्जिंग इकोसिस्टम को स्थापित करना है, जिसमें सभी स्टेकहोल्डर्स की भागीदारी हो। इसके साथ ही, हम भारत के बाहर भी अपनी सेवाओं को ले जाने की योजना बना रहे हैं।चार्जिंग को केवल एक सेवा नहीं, बल्कि एक व्यापक समाधान के रूप में पेश करना ही हमारी प्राथमिकता है।
निष्कर्ष
चार्जिंग के क्षेत्र में इनोवेशन केवल नई तकनीकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज, पर्यावरण और व्यवसाय को एक साथ जोड़ने का प्रयास है। यह बदलाव न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि इसे अधिक टिकाऊ, किफायती और सुविधाजनक बनाएगा। चार्जिंग इकोसिस्टम का यह समग्र दृष्टिकोण आने वाले समय में ईवी इंडस्ट्री के लिए एक नई दिशा तय करेगा।