केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट 2023-2024 पेश किया। इस बार के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए बडी घोषणा की गई। एजुकेशन बजट के दौरान उन्होंने बताया कि देश में शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए नए प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे, 157 नए नर्सिंग कॉलेज का ऐलान किया गया है, बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी, विभिन्न राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे और इसके अलावा अगले तीन वर्षों में केंद्र 3.5 लाख आदिवासी छात्रों की सेवा करने वाले 740 मॉडल एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती करेगा।
1.नए नर्सिंग कॉलेज : अमृतकाल की सोच के अनुरूप वित्त मंत्री ने 2014 के बाद से स्थापित 157 मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थानों में 157 नये नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की घोषणा की।
2.रिसर्च के लिए आईसीएमआर प्रयोगशालाओं की उपलब्धता: चिकित्सा क्षेत्र में रिसर्च और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) प्रयोगशालाओं की सुविधाएं सरकारी तथा निजी मेडिकल कॉलेज संकाय तथा निजी क्षेत्र के रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम को रिसर्च के लिए उपलब्ध कराई जाएगीं।
3.राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी : बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी खुलेगी जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें, अलग-अलग इलाकों, भाषाओं, विषयों और स्तरों में विभिन्न उपकरणों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। राज्यों को उनके लिए पंचायत तथा वार्ड स्तरों पर पुस्तकालय स्थापित करने और राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय संसाधनों तक पहुंच बनाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पढ़ने की संस्कृति को बढ़ाना देने के लिए और महामारी के समय हुई क्षति को पूरा करने के लिए, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, बाल पुस्तक न्यास और अन्य स्रोतों को इन लाइब्रेरी में क्षेत्रीय भाषाओं तथा अंग्रेजी में पाठ्येतर(पाठ्य क्रम से बाहर की किताब) विषयों की पुस्तकें उपलब्ध कराने और उनकी पुनःपूर्ति करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साक्षरता के क्षेत्र में कार्य करने वाले एनजीओ के साथ सहयोग भी इस पहल का हिस्सा होगा।
4.प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 : अगले तीन वर्षों में लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू की जाएगी। ऑन जॉब प्रशिक्षण, उद्योग साझीदारी और उद्योग की जरूरतों के साथ पाठ्यक्रमों के संरेखन पर जोर दिया जाएगा। यह योजना इंडस्ट्री 4.0 जैसे कोडिंग, एआई, रोबॉटिक्स, मेकाट्रॉनिकस, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे नये युग के पाठ्यक्रमों को शामिल किया जाएगा।
एजुकेशन उद्योग की प्रतिक्रिया
वीएटिव ग्रुप में करियर सक्सेस स्ट्रैटेजी डायरेक्टर सुषमा शर्मा ने कहा दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का हिस्सा होना, जिसने स्टार्टअप्स के लिए बढ़ते इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया है जो की बहुत गर्व का स्रोत है। भविष्य का एक आशावादी दृष्टिकोण सरकार की ज्ञान और टेक्नोलॉजी आधारित अर्थव्यवस्था में बदलाव की योजना को सूचित करता है। विकास और रोजगार सृजन को महत्वपूर्ण बढ़ावा देने के अलावा, इस वर्ष के आर्थिक एजेंडे में बच्चों और किशोरों के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की सराहनीय घोषणा भी शामिल है, जो महामारी के दौरान खोई हुई शैक्षिक जमीन को फिर से भरने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
भारत में पिछले वर्ष की तुलना में कुल युवाओं की रोजगार क्षमता 48.7 प्रतिशत हो गई है। सबसे अधिक रोजगार योग्य आयु समूह 22-25 वर्ष के रूप में निर्धारित किया गया था।
हालांकि, हम जो देख रहे हैं वह यह है कि 51.3 प्रतिशत छात्र अभी भी उपयुक्त काम ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। फिर भी, 88.4 प्रतिशत छात्र अपने करियर को शुरू करने के लिए इंटर्नशिप, गाइडेंस और कौशल विकास की मांग कर रहे हैं।
कक्षा में टेक्नोलॉजी के उपयोग से हमने दुनिया में व्यापक और इंटरैक्टिव शैक्षिक कॉन्टेंट की लाइब्रेरी बनाई है और पूरे भारत में कक्षाओं में आभासी वास्तविकता (वीआर) प्रयोगशाला स्थापित करने पर जोर दे रहे हैं। शिक्षकों के रूप में हमारा लक्ष्य छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना है, इसलिए हम शिक्षा के लिए संघीय बजट द्वारा वित्तपोषित नई पहलों को लेकर उत्साहित हैं।