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- छोटे उद्योगों को सफल बनाने के लिए दिग्गजों की ये टिप्स आ सकती हैं आपके काम
-पारंपरिक और नई तकनीकों के साथ कदमताल है बेहद जरूरी
-साइबर सुरक्षा का रखें विशेष ख्याल अन्यथा हो सकते हैं बड़े नुकसान
- व्यावसायिक प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने और इसके एकीकरण की दूरदर्शिता है महत्वपूर्ण
अगर आप भी लघु या फिर कुटीर उद्योग शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं और आपके मन में डर है कि व्यवसाय शुरू करने के बाद आप कौन सी तकनीकों का प्रयोग करें कि आपको लाभ ही लाभ हो। वहीं, नुकसान हो तो उसकी गुंजाइश कम से कम हो। अगर आपका जवाब हां है तो यह आलेख आपके लिए ही है। इसमें हम आपको उद्योग जगत के उन चेहरों से की गई बातचीत के अंश साझा कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। हम यहां जानेंगे कि किसी भी व्यवसाय को सफल बनाने के लिए किन-किन विशेषताओं की आवश्यकता होती है।
सफलता की है यह कुंजी, बिल्कुल न भूलें
टी.ए.सी.- द आयुर्वेद कंपनी, की सह-संस्थापक और सीईओ श्रीधा सिंह ने लघु व कुटीर उद्योग को सफल बनाने के कई टिप्स बताए। उन्होंने बताया कि छोटे व्यवसायों के विकास के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसी भी उद्योग में अपने छोटे व्यवसाय को फलने-फूलने के लिए, आपको इन तकनीकों का स्वागत करना होगा। वे सिर्फ उपकरण नहीं हैं बल्कि वह एक आपके लिए सफलता की कुंजी की तरह हैं जो आपके व्यवसाय को तेजी से बढ़ने, अधिक लोगों तक पहुंचने और अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मदद कर सकते हैं। यही सफलता की कुंजी पारंपरिक तरीकों और नई तकनीक के बीच सही संतुलन बनाती है। ध्यान रखें कि हम यहां पुराने तरीकों को बदलने के बारे में नहीं कह रहे हैं बल्कि व्यावसायिओं को प्रौद्योगिकी के साथ बढ़ने के बारे में बता रहे हैं। श्रीधा कहती हैं कि एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), एआर (ऑगमेंटेड रियलिटी) और वीआर (वर्चुअल रियलिटी) जैसी बेहतरीन चीजें आयुर्वेदिक सौंदर्य और कल्याण की दुनिया में खेल को पूरी तरह से कैसे बदल सकती हैं। एआई हमें चीजों को अधिक कुशलता से करने, ग्राहकों को खुश करने और बेहतर निर्णय लेने के लिए स्मार्ट अंतर्दृष्टि प्रदान करने में मदद करता है। एआर हमारे उत्पादों को जीवंत बनाता है, लोगों को एक अद्भुत और गहन अनुभव देता है जो प्राचीन प्रथाओं को आज के ग्राहकों की अपेक्षाओं के साथ जोड़ता है। वहीं, वीआर की बात करें तो यह लोगों को कल्याण की पूरी नई दुनिया में ले जाता है, जिससे उन्हें अपनी भलाई से और भी अधिक जुड़ाव महसूस होता है।
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तकनीकि बदलाव को कभी भी न करें दरकिनार
आईथिंक लॉजिस्टिक्स की सह-संस्थापक जेबा सारंग कहती हैं कि एमएसएमई उद्योग अपनी सफलता को बढ़ावा देने वाली प्रौद्योगिकियों के साथ तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि भारत की गतिशील अर्थव्यवस्था व्यवसायों को बढ़ने के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करती है लेकिन उद्योग को बनाए रखने के लिए तकनीकी एकीकरण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। एमएसएमई को परिचालन दक्षता और व्यवसाय अनुकूलन को अपनाने के लिए तकनीकी बदलाव की आवश्यकता है। डेटा एनालिटिक्स, ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को एकीकृत करना, एआई और एमएल कुछ नए युग की प्रौद्योगिकियां हैं जिन्हें उद्यमों को सूचित निर्णय लेने के बदले में अपनाने की आवश्यकता है। ये उन्नत प्रौद्योगिकियां लचीलेपन और समृद्धि के साथ एक सफल भविष्य के स्तंभ हैं। एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र जिस तालमेल के साथ कार्य करता है, जो कि नवाचार और अनुकूलनशीलता है, समग्र विकास को बढ़ावा देता है इसलिए भारत में एक एमएसएमई उद्यमी होने का मतलब केवल व्यवसाय संचालित करने की क्षमता होना नहीं है, बल्कि व्यावसायिक प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने और इसके एकीकरण की दूरदर्शिता होना भी है।
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किसी भी व्यवसाय के लिए ये हैं महत्वपूर्ण टूल्स
स्नैप ई कैब्स के संस्थापक और सीईओ मयंक बिंदल बताते हैं कि किसी भी सफल व्यवसाय के लिए आज कई उपकरण आवश्यक हैं। लेकिन कुछ ऐसे उपकरण हैं, जिनके बिना व्यवसाय को तरक्की देने की बात करना बेमानी सा लगता है। इसमें सबसे पहले डाटा एनालिटिक्स की बात आती है, जिसमें यह जरूरी है कि व्यवसाय शुरू करने से पहले से लेकर स्थापित करने के बाद तक आपके पास सारा रिकॉर्ड होना चाहिए। ताकि आप समय-समय पर अपडेट लेते रहें कि आपको व्यवसाय के किन पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। इसके बाद बात आती है साइबर सुरक्षा समाधान की। इसके तहत बात की जाती है कि आपको अपने व्यवसाय में टेक्नॉलजी का पूरा प्रयोग करना है लेकिन इस बात का ख्याल रखते हुए कि आपने साइबर सुरक्षा के सारे इंतजाम कर रखे हों। ऐसा करने से आप कंपनी को होने वाले डाटा व वित्तीय नुकसान से बचा सकते हैं।