व्यवसाय विचार

छोटे शहरों के स्टार्टअप की मदद करेगा गूगल

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jul 08, 2022 - 3 min read
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गूगल ने छोटे शहरों के स्टार्टअप को मदद देने और उनको आगे बढ़ाने के लिए 'स्टार्टअप स्कूल इंडिया' पहल की शुरूआत की। स्टार्टअप स्कूल इंडिया बनाने का विचार भारत में अधिक से अधिक स्टार्टअप तक पहुंचना है।

गूगल ने छोटे शहरों के स्टार्टअप को मदद देने और उनको आगे बढ़ाने के लिए 'स्टार्टअप स्कूल इंडिया' पहल की शुरूआत की। यह एक ऐसा मंच है जिसके तहत गूगल  निवेशकों, सफल उद्यमियों और प्रोग्रामर्स को एक साथ लाएगा, जो छोटे शहरों के स्टार्टअप का लाभ उठा सकते हैं और सीख सकते हैं।

स्टार्टअप स्कूल इंडिया बनाने का विचार भारत में अधिक से अधिक स्टार्टअप तक पहुंचना है। गूगल का लक्ष्य इस कार्यक्रम के साथ कम से कम 10,000 स्टार्टअप तक पहुंचना है।

ऑनलाइन नौ सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में उसके प्रतिनिधि स्टार्टअप कंपनियों के कर्ताधर्ताओं के साथ संवाद करेंगे। इनमें वित्त प्रौद्योगिकी,  बी2बी बी2सी, भाषा, सोशल मीडिया और नेटवर्किंग के अलावा जॉब सर्च से जुड़े स्टार्टअप भी शामिल होंगे।

भारत में करीब 70,000 स्टार्टअप मौजूद हैं और यह दुनिया में स्टार्टअप के लिए तीसरा बड़ा केंद्र है। पिछले कुछ वर्षों में कई स्टार्टअप के सफल कारोबार में तब्दील होने से इसकी तरफ युवा उद्यमियों का ट्रेंड भी बढ़ा है।

जैसे-जैसे ज्यादा से ज्यादा भारतीय संस्थापक अपनी कंपनियों को आईपीओ या यूनिकॉर्न में सफलतापूर्वक ले जाते हैं, उसी तरह इसने देश भर में युवा भारतीयों के बीच आकांक्षाओं को उज्जवल किया है।

गूगल प्ले पार्टनरशिप के निदेशक आदित्य स्वामी ने कहा  स्टार्टअप अब बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई या हैदराबाद तक सीमित नहीं हैं। हमारे पास जयपुर, इंदौर, गोरखपुर और अन्य जैसे केंद्रों में मुख्यालय वाले कई तेजी से बढ़ते स्टार्टअप हैं। वास्तव में  आज भारत में सभी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है।

उन्होंने बताया की सभी स्टार्टअप में से लगभग 90 प्रतिशत अपने व्यवसाय को शुरू करने से पहले पांच वर्षों के भीतर विफल हो जाते हैं। इसका प्रमुख कारण है प्राप्त मात्रा में पूजी का न होना, मांग का कम होना, अप्रभावी फीडबैक या नेतृत्व की कमी। यह कार्यक्रम उन स्टार्टअप्स के लिए है जो छोटे शहरों से आते हैं और कुछ ज्ञान साझा करने की तलाश में हैं जो उन्हें अपने अगले चरण में मदद करेगा।

स्टार्टअप देश के कोने-कोने में आते हैं, ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता तब होती है जब ज्ञान को एक संरचित पाठ्यक्रम में व्यवस्थित कर सकें और इसे व्यापक पदचिह्न में वितरित कर सकें।

गूगल को उम्मीद है कि इस कार्यक्रम से छोटे एवं मझोले शहरों टियर-2 और टियर-3  में सक्रिय स्टार्टअप को फायदा मिलेगा। इसके जरिये संकलित जानकारी को एक व्यवस्थित पाठ्यचर्या में समाहित करने की कोशिश की जाएगी ताकि स्टार्टअप को चुनौतियों से लड़ने में सक्षम बनाया जा सके।

पाठ्यचर्या में एक प्रभावी उत्पाद रणनीति को आकार देने, उत्पाद उपयोगकर्ता मूल्य पर गहरी गोता लगाने, रोडमैपिंग और पीआरडी विकास, भारत जैसे बाजारों में अगले अरब उपयोगकर्ताओं के लिए ऐप बनाने, उपयोगकर्ता अधिग्रहण को चलाने और कई अन्य विषयों पर निर्देशात्मक मॉड्यूल शामिल होंगे।

मोग्लिक्स के संस्थापक राहुल गर्ग ने कहा भारत में स्टार्टअप उद्यमों को व्यावसायिक चुनौतियों का जवाब देने के लिए अभिनव और फुर्तीला कदम रखने के लिए जाना जाता है। यह इस तथ्य से प्रमाणित होता है कि भारतीय स्टार्टअप उद्यमों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में 6000 पेटेंट आवेदन दायर किए हैं। इस प्रकार देश में कुल पेटेंट आवेदनों का 60 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं। बौद्धिक शक्ति, मूल सोच, रचनात्मक अनुप्रयोग और प्रौद्योगिकी के संयोजन के साथ-साथ समस्याओं और अवसरों से भरे बाजार में प्रयोग करने के लिए एक उपजाऊ आर्थिक आधार के परिणामस्वरूप इन व्यवसायों का काफी विकास हुआ है, जिनमें से कई यूनिकॉर्न में बदल गए हैं।गूगल स्टार्टअप स्कूल उद्यमियों को अपनी कोठरी से बाहर निकलने और अवसरों की तलाश करने का अवसर प्रदान करेगा।

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