केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने ब्रैंड न्यू ईवी-रेडी इंडिया डैशबोर्ड लॉन्च किया। थिंकटैंक ओएमआई फाउंडेशन के नीति और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा विकसित यह डैशबोर्ड एक नि:शुल्क डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसका फोकस वास्तविक समय में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने, पूर्वानुमान, संबंधित बैटरी मांग, चार्जिंग घनत्व और बाजार विकास के रुझान पर है। डैशबोर्ड लोगों, नीति निर्माताओं, इलेक्ट्रिक वाहनों के एंड यूजरों को अधिक समावेशन की सुविधा देगा। प्लेटफ़ॉर्म डाटा और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का लाभ उठाता है और भारत के बड़े पैमाने पर बढ़ते इलेक्ट्रिक मोबिलिटी वर्ग पर व्यापक आर्थिक डाटा और विश्लेषण की आवश्यकता पूरी करना चाहता है। ईवी-रेडी इंडिया डैशबोर्ड ने इलेक्ट्रिक वाहनों में कैलेंडर वर्ष 2022 और 2030 के बीच 45.5 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। यह 2022 की 6,90,550 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (ई2डब्ल्यूएस) की वार्षिक बिक्री की तुलना में 2030 में बढ़कर 1,39,36,691 हो जाएगी।
आर.के. सिंह ने कहा कि भविष्य इलेक्ट्रिक होने जा रहा है। इसे कोई नहीं रोक सकता। भंडारण मूल्य में कमी आएगी और एक बार यह कम हो जाएगी तो डीजल और पेट्रोल एसयूवी इतिहास बन जाएंगे। हमारे पास बिजली होगी, जो विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में हमारी यात्रा के लिए उपयुक्त है।
सिंह ने कहा कि एक देश के रूप में भारत के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाना नितांत आवश्यक है। हम 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना चाहते हैं और रणनीतिक मामलों में अपना दबदबा बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए ऊर्जा स्वतंत्रता की आवश्यकता है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों का प्राथमिक कारण है।
कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए डीकार्बोनाइजिंग परिवहन जरूरी
सिंह ने कहा कि उद्योग से नीचे परिवहन का योगदान हमारे उत्सर्जन का 18 प्रतिशत है और सरकार सक्रिय रूप से इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा दे रही है। हमारे प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने 15 प्रति यूनिट सौर ऊर्जा खरीदी उस समय अनेक लोगों ने उनकी आलोचना करते हुए कहा था कि थर्मल पावर 4.50 रुपये प्रति यूनिट उपलब्ध है। लेकिन उन्होंने कहा कि जब तक उस रेट पर नहीं खरीदेंगे, कीमत कम नहीं होगी और आज सौर ऊर्जा की कीमत कम हो गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के पीछे यही मकसद है। मंत्री ने याद दिलाया कि सरकार पहली बार अप्रैल 2018 में ईवी के बारे में बात किए जाने से पहले इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए दिशानिर्देश लेकर आई थी।
डैशबोर्ड के माध्यम से हमें चार्जिंग स्टेशनों का स्थान और वे व्यस्त है या नहीं, इसकी जानकारी मिलेगी। यह डैशबोर्ड हमें चार्जिंग स्टेशनों का स्थान और डेस्टिनेशन तक पहुंचने से पहले चार्जिंग स्थान बुक करने में सक्षम बनाता है।
ईवी-रेडी इंडिया डैशबोर्ड
ओएमआई फाउंडेशन के अनुसार ईवी-रेडी इंडिया डैशबोर्ड भारत में एकमात्र डैशबोर्ड है जो सभी वाहन राज्यों और तेलंगाना में बिक्री डाटा संकलित करता है। साथ ही साथ चार्जिंग अवसंरचना की स्थिति, मांग रुझान और स्वामित्व की कुल लागत की तुलना करता है। इससे यह ईवी खरीदारों के लिए भी उपयोगी हो जाती है। यह ईवी के लिए वर्तमान निवेश माहौल को ट्रैक करता है और देश के लिए बाजार वृद्धि और ईवी हॉटस्पॉट पर पूर्वानुमान व्यक्त करता है। यह उत्सर्जन से बचने के उपाय भी करता है, जिसका लक्ष्य भारत की नेट ज़ीरो की यात्रा को गति देना है।
फाउंडेशन ने कहा है कि डैशबोर्ड का अनुमान है कि 2030 तक भारत में 1.6 करोड़ से अधिक वार्षिक ईवी तैनाती होगी। “इसके साथ यह दिखाता है कि महाराष्ट्र और दिल्ली भारत में सबसे अधिक चार्जिंग स्टेशनों (क्रमशः 2531 और 1815) के साथ काम कर रहे हैं। तमिलनाडु देश के इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन मैन्यूफैक्चरिंग केंद्र के रूप में उभरा है। इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन मैन्यूफैक्चरिंग में तेलंगाना अग्रणी है। महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों की मैन्यूफैक्चरिंग में, गुजरात बैटरी बनाने में और कर्नाटक अनुसंधान और विकास में अग्रणी है। चंडीगढ़ में सबसे कम सार्वजनिक चार्जिंग सप्लाई शुल्क 3.6 रुपए/ किलोवाट है, जो राष्ट्रीय औसत 13.74 रुपए/किलोवाट से 73 प्रतिशत कम है। डैशबोर्ड यह भी बताता है कि भारत ने 2023 में अब तक अनुमानित 5.18 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन से बचा है, जो लक्षद्वीप द्वीपों के संचयी क्षेत्र के दोगुने हिस्से को कवर करने वाले 85.47 मिलियन पेड़ों के रोपने के बराबर है।”
ओएमआई फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक ऐश्वर्या रमन ने कहा ईवी-रेडी इंडिया एक डैशबोर्ड है जो ऑल-इन-वन है और सभी के लिए नि:शुल्क है। यह उन सभी के लिए है जो भारत की ईवी यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं। यह ओएमआई फाउंडेशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह व्यापक अनुसंधान, सांख्यिकीय विश्लेषण और हमारे इनहाउस विशेषज्ञों का परिणाम है। प्लेटफॉर्म का उद्देश्य ज्ञान को बढ़ाना, इकोसिस्टम व्यापी सहयोग को बढ़ावा देना और प्रभावी नीति निर्माण को रेखांकित करना है। हम इस डैशबोर्ड को और अधिक व्यापक एवं व्यावहारिक बनाना जारी रखते हैं। यह भारत को स्थाई मोबिलिटी क्षेत्र में अग्रणी रूप में स्थापित करने में हमारा योगदान है।
ईवी-रेडी इंडिया डैशबोर्ड की मुख्य विशेषताएं:
1.डैशबोर्ड नीति निर्माताओं और उद्योग के लिए सभी 34 वाहन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और तेलंगाना के लिए समेकित बिक्री डाटा प्रस्तुत करता है। डाटा को समय अवधि, फॉर्म कारकों, राज्यों और अधिक द्वारा अपनाने की दरों और रुझानों की आसान समझ के लिए विज़ुअलाइज़ किया गया है।
2.डैशबोर्ड 2030 तक ईवी अपनाने और संबंधित बैटरी मांग पर पूर्वानुमान दिखाता है, इससे नीति निर्माताओं और उद्योग दोनों को अपने स्वच्छ मोबिलिटी लक्ष्यों की रणनीति बनाने और लागू करने की अनुमति मिलती है। अखिल भारतीय अनुमानों के अतिरिक्तडैशबोर्ड अपनी तरह के पहले दृष्टिकोण में राज्य-वार अनुमान प्रस्तुत करता है।
3.डैशबोर्ड एंड यूजर यानी ईवी के (संभावित) खरीदार के लिए ईवी स्वामित्व के वित्तीय लाभ को दिखाता है। इसमें अग्रिम लागत, परिचालन और रखरखाव लागत आदि पर संभावित बचत शामिल है। एक बटन के क्लिक पर यूजर सब्सिडी के लिए पात्र ईवी मॉडलों की सूची और ऐसी सब्सिडी की मात्रा की समीक्षा भी कर सकता है।
4.इसमें ईवी इकोसिस्टम की सभी मूल्य श्रृंखलाओं को कवर करने वाली सभी नीतियों और विनियमों का एक व्यापक भंडार भी शामिल है। नीति मॉड्यूल राज्यों को उनकी नीतियों की तुलना करने, उनके प्रतिस्पर्धी लाभों के आधार पर उन्हें अद्यतन बनाने में सहायता देता है।
5.डैशबोर्ड यूजरों, उद्योग और नीति निर्माताओं के लिए देश भर में चार्जिंग स्टेशनों और प्वाइंट दोनों को कवर करने वाले चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है। इसके डैशबोर्ड सड़क पर ईवी के संबंध में चार्जिंग पॉइंट का घनत्व दिखाता है। यह मॉड्यूल चार्ज करने का शुल्क भी दर्शाता है जिससे राज्यों को दूसरों की तुलना में अपनी दरें सुधारने की अनुमति मिलती है।
6.डैशबोर्ड वाहन मैन्यूफैक्चरिंग, बैटरी टेक्नॉलोजी, बैटरी रीसाइक्लिंग या शहरी खनन आदि। अनुसंधान और विकास जैसे ईवी मूल्य श्रृंखलाओं में निवेश को ट्रैक एवं बेंचमार्क करके भारत की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन में योगदान देता है।
7.डैशबोर्डदेश भर में त्वरित ईवी अपनाने से टाले गए उत्सर्जन पर नज़र रखकर नेट जीरो की ओर भारत की यात्रा का आकलन करता है।
8.डैशबोर्ड एक ही स्थान पर ईवी इकोसिस्टम की सभी मूल्य श्रृंखलाओं से संबंधित ईवी अपनाने और डाटा-संचालित निर्णय लेने पर समाचार और ब्लॉग प्रस्तुत करता है।