स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के आधार पर वित्त वर्ष 2024-25 में सबसे पहले तीसरी और छठी कक्षा की नई पुस्तकें आएंगी। NCERT ने नई किताबों के साथ-साथ ब्रिज कोर्स भी तैयार किया है। इसके लिए विभिन्न विषयों में कमिटी बनाई गई है। पुराने पैटर्न से शिफ्ट होकर अब नए सिलेबस के आधार पर पढ़ाई होगी।
पिछले वर्ष जुलाई 2023 में दूसरी कक्षा तक की नई पाठ्यपुस्तकें आ गई थीं और इस वर्ष तीसरी कक्षा में आने वाले बच्चों को नए सिलेबस के आधार पर ही पाठ्यपुस्तकें मिलेंगी। कक्षा 3 में आने वाले बच्चों को नई किताबों से पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।
पुराने पैटर्न से नए पैटर्न में शिफ्ट
NCERT के निदेशक प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी ने बताया कि नई किताबों के साथ ब्रिज कोर्स भी तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग विषयों में अलग-अलग कमिटी बनाई गई है। पुराने पैटर्न से शिफ्ट होकर अब नए सिलेबस की पढ़ाई होगी। पाठ्यचर्या परिवर्तन योजना के तहत ब्रिज कोर्स तैयार किए जा रहे हैं। ये ब्रिज कोर्स 25 मार्च तक NCERT की वेबसाइट पर जारी कर दी जाएगी। वर्ष 2025-26 तक सभी कक्षाओं की नई पाठ्यपुस्तकें तैयार हो जाएंगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत दूसरी कक्षा के बच्चे पहले से ही नए सिलेबस के आधार पर जारी पुस्तकों से पढ़ाई कर रहे थे। वहीं इस वर्ष कक्षा 6 में आने वाले छात्र पांचवीं कक्षा में पुराने सिलेबस और पैटर्न को पढ़कर आए होंगे। ऐसे में पुराने पैटर्न से नए पैटर्न में शिफ्ट होने की प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो, इसे देखते हुए छठी कक्षा में सभी विषयों के लिए सिलेबस ब्रिज कोर्स डिवेलपमेंट ग्रुप बना दिए गए हैं, जो ब्रिज कोर्स तैयार करेंगे।
शिक्षा पद्धति में हुए कई बदलाव
प्रो. सकलानी का कहना है कि ब्रिज कोर्स के लिए पहले टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर बच्चों को नए सिलेबस और पैटर्न के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। ब्रिज कोर्स के लिए हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित, कला शिक्षा, स्वास्थ्य- शारीरिक शिक्षा, वोकेशनल एजुकेशन विषयों की कमिटी बनाई गई है। NCERT का कहना है कि नई पुस्तकें तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है।
असल में, ब्रिज कोर्स दुनिया भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा डिजाइन किया गया प्रारंभिक पाठ्यक्रम है। ये विश्वविद्यालय उन पाठ्यक्रमों को जोड़ रहे हैं, जो एक छात्र के पिछले पाठ्यक्रम को नए से जोड़ते हैं। अर्थात जिस पाठ्यक्रम में छात्र शामिल होना चाहता है, उसमें उसे पाठ्यक्रम की शुरुआत शुरू से नहीं करनी पड़ती। यकीनन यहां यह स्पष्ट है कि छात्र जिस नए पाठ्यक्रम को अपनाना चाहता है, वह उस पाठ्यक्रम से अलग है, जो वह वर्तमान में कर रहा है। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने देश की शिक्षा पद्धति में कई बदलाव किए हैं। इनमें से प्रारंभिक, स्कूली और उच्च शिक्षा, सभी शामिल हैं।