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- जानिए, क्या है अपार आईडी, छात्रों के लिए क्यों है जरूरी और क्या हैं फायदे
आधार कार्ड आज हर भारतीय की पहचान बन चुका है, ठीक उसी तरह जल्दी ही देश के हर छात्र की पहचान होगी 'अपार आईडी'। बीते दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (एपीएएआर) बनाने की योजना बनाई है। मंत्रालय ने सभी राज्यों को एपीएएआर यानी 'एपीएएआर आईडी' नामांकन प्रक्रिया शुरू करने के लिए छात्रों के अभिभावकों की सहमति लेेने का निर्देश दिया है। प्री-प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक के सभी छात्रों के लिए ये आईडी कार्ड बनाए जाएंगे।
ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री- (एपीएएआर) 'वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी', एक एजुकेशन इकोसिस्टम रजिस्ट्री या एडुलाॅकर है। इसके तहत सभी छात्रों का 12 अंकों का एक यूनीक कोड होगा। यह पूरी तरह से आधार कार्ड की तरह होगा, जिस पर छात्रों का यूनीक कोड प्रिंट होगा।
ItsCredible.com, EduLocker और CreduLocker के संस्थापक मुकेश शर्मा ने शिक्षा मंत्रालय की APAAR ID पहल का समर्थन किया और कहा कि सरकार और सृजनात्मक दृष्टिकोण वालों के मेल से छात्रों का भविष्य पहले से भी उज्ज्वल होगा। हालांकि APAAR ID पहल अभी भी शुरुआत स्टेज में है, EduLocker ने वर्ष 2018 में ही अपनी नींव रख दी थी।
उन्होंने यह भी कहा कि हर छात्र के अद्वितीय पहचान के लिए अलग-अलग यूनिक आईडी की आवश्यकता नहीं है, बल्कि स्कूल, विश्वविद्यालय, संस्थान और संगठन ItsCredible प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके तुरंत सत्यापित और अपरिवर्तनीय डिजिटल बैज जारी कर सकते हैं। ये प्रमाणपत्र व्यक्ति के CreduLocker में संग्रहित होते हैं। इस तरह की साझेदारी से शिक्षा विभाग को छात्रों के लिए एक यादगार शैक्षिक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अधिक लाभ हो सकता है, विशेष रूप से जब इसे आधार आईडी का सहारा लेने की आवश्यकता नहीं होती है।
बात दें कि इस साल मई की शुरुआत में नेशनल एजुकेशन टेक्नोलाॅजी फोरम (एनईटीएफ) के प्रमुख डाॅ. अनिल सहस्रबुद्धे ने एक ऐसा सिस्टम बनाने की बात कही थी, जिसमें पूरा एजुकेशन सिस्टम समाहित हो। एनईटीएफ एक ऑटोनोमस बाॅडी है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी-2020) के तहत स्थापित किया गया था। आधार आईडी पर लिया गया डाटा एपीएएआर आईडी का आधार होगा। इसके जरिए छात्र से जुड़ा सारा डाटा एक ही जगह पर मिल जाएगा। इस आईडी के लिए माता-पिता की सहमति की आवश्यकता होगी। इसका डाटा गोपनीय रहेगा और जरूरत के वक्त ही केवल सरकारी एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा।
अपार या एडुलाॅकर छात्रों के लिए उनके शैक्षणिक सफर और उपलब्धियों की ट्रैकिंग के लिए बनाया गया एक यूनीक आईडी नंबर होगा। वे अपने रिजल्ट, अचीवमेंट, ओलंपिया में रैंकिंग या स्किल ट्रेनिंग जैसी चीजों के रिकाॅर्ड यहां सुरक्षित रख सकेंगे। इसके अलावा, एक स्कूल से दूसरे स्कूल में स्थानांतरित होने वाले छात्रों को देश के किसी भी हिस्से में नए संस्थान में प्रवेश पाने में कम परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, 18 साल पूरे होने पर उनका नाम खुद मतदाता पहचान पत्र के लिए शामिल किया जा सकेगा। अपार आईडी की मदद से विद्यार्थियों को क्रेडिट स्कोर मिलेगा। इसका फायदा उन्हें उच्च शिक्षा और नौकरी के समय पर भी मिलेगा।